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छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ का धरना, रायपुर में नियमितिकरण की कर रहे मांग - रायपुर में नियमितिकरण की कर रहे मांग

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.अनियमित कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्रीय को लेकर सीएम आवास घेरने की कोशिश की.लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने सभी को स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास ही रोक दिया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने स्मार्ट सिटी दफ्तर के बाहर ही धरना देना शुरु कर दिया.

chhattishgarh Irregular employee strike
chhattishgarh Irregular employee strike
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Published : Sep 6, 2022, 7:54 PM IST

रायपुर : राजधानी रायपुर में 1 सितंबर से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर के कर्मचारी एकजुट हो गए (chhattishgarh Irregular employee strike ) हैं. सरकार की वादाखिलाफी और विरोध में जमकर नारे लगाए जा रहे हैं. अनियमित कर्मचारी मंगलवार को फिर एक बार उग्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास बड़ी संख्या में जवान तैनात करने के साथ ही बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया . खबर लिखे जाने तक बीते 7 घंटों से प्रदर्शनकारी अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अभी भी स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास प्रदर्शन पर बैठे हैं. बात अगर पूरे प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार है जो बीते कई वर्षों से अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ का धरना



कितना है रसोईयों का मानदेय : मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने वाले अनियमित कर्मचारी रसोईया संघ की प्रांतीय संयोजक नीलू ओगरे ने बताया कि "सरकार के द्वारा इन्हें महीने में लगभग 1500 रुपये दिया जाता है और प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपए मिलते हैं. स्कूलों में रसोइयों के द्वारा सुबह 10:00 बजे से भोजन पकाने के साथ ही बर्तन की साफ सफाई करते तक दोपहर के लगभग 3:00 बज जाते हैं. 5 घंटे की ड्यूटी करने के बाद सरकार के द्वारा इन्हें प्रतिदिन की मजदूरी 50 रुपए दी जाती है. जो काफी कम है. उन्होंने बताया कि 50 रुपए में महज 1 किलो टमाटर ही खरीदा जा सकता है और परिवार का गुजर बसर कैसे होगा.भूपेश सरकार के द्वारा रसोइयों की महीने के वेतन में 300 रुपए की वृद्धि की गई है स्कूलों में काम करने वाले इन रसोइयों को 6 से 7 माह के दौरान मानदेय मिलता है."


किसान मित्रों की दशा और भी दयनीय : किसान मित्र के रूप में काम कर रहे हैं कर्मचारी ने बताया कि "उन्हें प्रतिदिन की मजदूरी सरकार के द्वारा मात्र 33 रुपए ही दी जाती है. जिसमें घर परिवार चलाने से लेकर उन्हें कई तरह की आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन कर्मचारियों के सामने आप करो या मरो की स्थिति आ गई है."


मांगें नहीं मानने पर क्या करेंगे : छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि "भूपेश सरकार ने घोषणा पत्र में सरकार बनते ही 10 दिनों में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन आज सरकार को बने लगभग 4 साल हो रहे हैं. बावजूद इसके अनियमित कर्मचारियों को आज तक नियमित नहीं किया गया है. सोमवार को भी अनियमित कर्मचारी महासंघ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले थे और देर रात पुलिस ने समझाइश दी थी. जिसके बाद वापस प्रदर्शन स्थल पहुंच गए थे. लेकिन आज मंगलवार को फिर एक बार अनियमित कर्मचारी उग्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले हैं. इसके बावजूद भी सरकार अगर इनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है. तो अपने हड़ताल के तरीके और रणनीति में बदलाव करेंगे."




क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.छत्तीसगढ़ के शासकीय विभाग निगम, मंडल, आयोग,स्वायत्तशासी निकायों में अनियमित कर्मचारी अधिकारी (संविदा) इनकी संख्या 36000 है. दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर श्रम आयुक्त दर अस्थाई श्रमिक इनकी संख्या 18000 है. प्लेसमेंट इनकी संख्या 32400 है. मानदेय पर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या 12600 है.अंशकालिक कर्मचारियों की संख्या 54,000 हैं. ठेका पर काम करने वालों की संख्या 27000 हैं.




क्या है अनियमित कर्मचारियों की 4 सूत्रीय मांग

1 . समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारियों को नियमित किया जाए.

2 . पिछले कुछ सालों में निकाले और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए और छटनी पर रोक लगाई जाए.

3 . शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए .

4 . अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए.


रायपुर : राजधानी रायपुर में 1 सितंबर से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर के कर्मचारी एकजुट हो गए (chhattishgarh Irregular employee strike ) हैं. सरकार की वादाखिलाफी और विरोध में जमकर नारे लगाए जा रहे हैं. अनियमित कर्मचारी मंगलवार को फिर एक बार उग्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास बड़ी संख्या में जवान तैनात करने के साथ ही बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया . खबर लिखे जाने तक बीते 7 घंटों से प्रदर्शनकारी अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अभी भी स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास प्रदर्शन पर बैठे हैं. बात अगर पूरे प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार है जो बीते कई वर्षों से अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ का धरना



कितना है रसोईयों का मानदेय : मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने वाले अनियमित कर्मचारी रसोईया संघ की प्रांतीय संयोजक नीलू ओगरे ने बताया कि "सरकार के द्वारा इन्हें महीने में लगभग 1500 रुपये दिया जाता है और प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपए मिलते हैं. स्कूलों में रसोइयों के द्वारा सुबह 10:00 बजे से भोजन पकाने के साथ ही बर्तन की साफ सफाई करते तक दोपहर के लगभग 3:00 बज जाते हैं. 5 घंटे की ड्यूटी करने के बाद सरकार के द्वारा इन्हें प्रतिदिन की मजदूरी 50 रुपए दी जाती है. जो काफी कम है. उन्होंने बताया कि 50 रुपए में महज 1 किलो टमाटर ही खरीदा जा सकता है और परिवार का गुजर बसर कैसे होगा.भूपेश सरकार के द्वारा रसोइयों की महीने के वेतन में 300 रुपए की वृद्धि की गई है स्कूलों में काम करने वाले इन रसोइयों को 6 से 7 माह के दौरान मानदेय मिलता है."


किसान मित्रों की दशा और भी दयनीय : किसान मित्र के रूप में काम कर रहे हैं कर्मचारी ने बताया कि "उन्हें प्रतिदिन की मजदूरी सरकार के द्वारा मात्र 33 रुपए ही दी जाती है. जिसमें घर परिवार चलाने से लेकर उन्हें कई तरह की आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन कर्मचारियों के सामने आप करो या मरो की स्थिति आ गई है."


मांगें नहीं मानने पर क्या करेंगे : छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि "भूपेश सरकार ने घोषणा पत्र में सरकार बनते ही 10 दिनों में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन आज सरकार को बने लगभग 4 साल हो रहे हैं. बावजूद इसके अनियमित कर्मचारियों को आज तक नियमित नहीं किया गया है. सोमवार को भी अनियमित कर्मचारी महासंघ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले थे और देर रात पुलिस ने समझाइश दी थी. जिसके बाद वापस प्रदर्शन स्थल पहुंच गए थे. लेकिन आज मंगलवार को फिर एक बार अनियमित कर्मचारी उग्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले हैं. इसके बावजूद भी सरकार अगर इनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है. तो अपने हड़ताल के तरीके और रणनीति में बदलाव करेंगे."




क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन : राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.छत्तीसगढ़ के शासकीय विभाग निगम, मंडल, आयोग,स्वायत्तशासी निकायों में अनियमित कर्मचारी अधिकारी (संविदा) इनकी संख्या 36000 है. दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर श्रम आयुक्त दर अस्थाई श्रमिक इनकी संख्या 18000 है. प्लेसमेंट इनकी संख्या 32400 है. मानदेय पर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या 12600 है.अंशकालिक कर्मचारियों की संख्या 54,000 हैं. ठेका पर काम करने वालों की संख्या 27000 हैं.




क्या है अनियमित कर्मचारियों की 4 सूत्रीय मांग

1 . समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारियों को नियमित किया जाए.

2 . पिछले कुछ सालों में निकाले और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए और छटनी पर रोक लगाई जाए.

3 . शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए .

4 . अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए.


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