रायपुर: कोरोना संक्रमण की वजह से कई उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं. कारोबारियों के लिए दुकान चला पाना मुश्किल हो गया है. इसका असर बड़े व्यापार से लेकर घर की रसोई तक पड़ा है. इस बीच स्टील और आयरन का कारोबार भी मंदा हो गया है. दरअसल लॉकडाउन की वजह से सभी इंडस्ट्री 3 महीनों से बंद थी, जिसके कारण सभी मजदूर अपने-अपने घर लौट गए हैं, ऐसे में उद्योग चलाना व्यापारियों के लिए चुनौती बन गया है. इस बीच लोहे की कीमत में आई उछाल से कारोबारियों के पसीने छूटने लगे हैं. लोहे के दाम बढ़ने से अब इसका सीधा प्रभाव रियल एस्टेट पर भी नजर आ रहा है.
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1 अगस्त को NMDC ने लौह अयस्क के दाम 260 रुपये प्रति टन किया था, जिसे अब दोबारा बढ़ाकर 300 से 350 रुपये प्रति टन कर दिया है. लौह अयस्क की कीमतों में लॉकडाउन के दौरान 90 रुपये प्रति टन की वृद्धि हुई है. मंदी के समय इस तरह कीमत की वृद्धि ने व्यापारियों की मुसीबतें बढ़ा दी है. लौह अयस्क के दाम बढ़ने से अब इससे बनने वाले अन्य उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. छड़ की कीमत भी बढ़ गई है. इसका सीधा असर रियल एस्टेट पर दिख रहा है. लोहे की कीमत की वजह से अब मकान बनाने का खर्च भी बढ़ गया है.
घर बनाना हुआ महंगा
पहले ही सीमेंट, रेत और गिट्टी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इसके बाद अब लोहे की छड़ें भी महंगी हो गई है. इससे घर बनाने का बजट गड़बड़ाने लगा है. हालांकि वर्तमान में लोहे के दाम उतनी तेजी से नहीं बढ़े हैं, जिस तेजी से लौह अयस्क के दामों में बढ़ोतरी हुई है. यहीं स्थिति बनी रही तो जल्द ही लोहे के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि होगी, जिससे लोगों को उनका सपनों का आशियाना बनाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
2 महीने में 8 हजार रुपये प्रति टन महंगा हुआ लोहा
लोहा व्यापारी निशांत श्रीवास्तव कहना है कि लॉकडाउन से लेकर अब तक लोहे के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जो लोहा लॉकडाउन के पहले 36 रुपये प्रति किलो था, आज उसकी कीमत बढ़कर लगभग 44 रुपये प्रति किलो हो गया है. 2 महीनों में लोहे के दामों में 8 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. इस तरह से एक टन लोहे के दाम में लगभग 8 हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
दो महीनों में लोहे के दाम
- 20 जुलाई 39,570 रुपये प्रति टन
- 25 जुलाई 41,000 रुपये प्रति टन
- 4 अगस्त 41,900 रुपये प्रति टन
- 8 अगस्त 42,500 रुपये प्रति टन
- 11 अगस्त 45,500 रुपये प्रति टन
ठेकेदारों की बढ़ी मुसीबत
लगातार बढ़ते रेत, गिट्टी और सीमेंट के दाम से ठेकेदार पहले ही परेशान थे. अब लोहे के दाम भी बढ़ने लगे हैं. ठेकेदार जगदीश ने बताया कि लॉकडाउन के पहले उन्होंने कई मकान बनाने का ठेका लिया था. उसके लिए मकान बनवाने वालों को बजट बताया था. लॉकडाउन के बाद इन सभी के दामों में तेजी से हुई बढ़ोतरी के कारण आज मकान की लागत बढ़ गई है, लेकिन जिसका मकान बनाने उन्होंने ठेका लिया था, वे बढ़ी हुई लागत की राशि देने से साफ इनकार कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नाचरानी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ओडिशा की ज्यादातर के खदानें अभी तक शुरू नहीं हो सकी है. वहीं एनएमडीसी में भी उत्पादन नहीं हो रहा है. यहीं वजह है कि वे विगत वर्षों में इस परिस्थिति से निपटने के लिए पेलेट का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इस बार पेलेट ओर कि ज्यादातर सप्लाई चीन में की जा रही है. जिस वजह से प्रदेश में इसकी शॉर्टेज है, यहीं वजह है कि लगातार लौह अयस्क के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. इस परिस्थिति से निपटने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मिलने का समय मांगा है.
बहरहाल प्रदेश में लगातार बढ़ रहे लौह अयस्क के दाम के चलते इससे संबंधित उद्योग और व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में केंद्र सहित राज्य सरकार इससे निपटे क्या कदम उठाती है यह देखना होगा.