बिलासपुर: कानन पेंडारी में एक भालू की शनिवार शाम निमोनिया से मौत (Bear dies in Bilaspur Kanan Pendari Zoo) हो गई. भालू को दो दिन पहले तबीयत खराब होने पर कानन जू के केज से शिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया था. शनिवार देर शाम उसकी मौत हो गई. मौत का कारण निमोनिया (Bear dies of pneumonia in Bilaspur) बताया जा रहा है.
बिलासपुर के कानन जू में लगातार जंगली जानवरों की मौत हो रही है. महीनेभर में दूसरी बार जंगली जानवर की मौत हुई है. कुछ दिनों पहले हिप्पोपोटामस की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. अब शनिवार शाम भालू की निमोनिया से मौत हो गई. कानन जू अब जंगली जानवरों का कब्रगाह बनता जा रहा है. यहां लगातार हो रही मौत से प्रबंधन को सरोकार नहीं रह गया है. बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं होना सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है. क्योंकि हर महीने एक ना एक जानवर की यहां मौत हो जाती है और हर बार प्रबंधन किसी न किसी बहाने से खुद को बचा लेता है. वेटरनरी डॉक्टर की नियुक्ति और शायद पूरी जानकारी नहीं होना जंगली जानवरों को मौत के मुंह तक पहुंचा रहा है.
कानन पेंडारी जू में नहीं थम रहा जानवरों की मौत का सिलसिला, प्रबंधन ने साधी चुप्पी
कानन जू वन विभाग के नियंत्रण में है. यहां वन विभाग के ही अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है. कानन जू में हो रही लगातार मौत ने यह साबित कर दिया है कि वन विभाग को जू के बेशकीमती जंगली जानवरों की चिंता नहीं है. जंगली जानवरों की तबीयत खराब होने घायल होने या किसी तरह की बीमारी हो जाने पर उन्हें बचा पाने में प्रबंधन असफल रहते हैं.
बिलासपुर कानन पेंडारी में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की कमी
कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट की कमी देखी जा रही है. जानवरों के व्यवहार और उनके गतिविधियों पर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बेहतर सुझाव देते हैं. वे जानवरों के व्यवहार से जान जाते हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब है या नहीं, लेकिन कानन जू में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नहीं है. इसलिए यहां के कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं होती है कि उनकी तबीयत और सुधार किस तरह से किया जाता है. कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से कानन जू जंगली जानवरों का कब्रगाह बनता जा रहा है.