रायपुरः प्रदेश में इन दिनों कर्ज को लेकर सियासत (politics) गरमाई हुई है. जहां एक ओर राज्य सरकार करोड़ों रुपए का कर्ज (crores of rupees debt) ले चुकी है वहीं दूसरी ओर कर्ज लेकर यह सरकार किसानों ओर महिला समूह (farmers and women's groups) सहित अन्य वर्गों का कर्ज माफ (loan waiver) कर रही है. यानी की कर्ज में डूबी सरकार दूसरों का कर्ज माफ कर रही है.
इससे अब उन लोगों के सामने असमंजस ( confusion) की स्थिति है जो कर्ज ले कर सही समय पर उसे चुका देते हैं. अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आने वाले समय में वह लिए गए कर्ज को चुकायें या फिर सरकार के द्वारा कर्ज माफी का इंतजार करें. क्योंकि जिन्होंने कर्ज चुका दिया है, वह अब अपने आप को ठगा (cheated) हुआ महसूस कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला स्व-सहायता समूह के कर्ज माफी को लेकर कहा कि स्व-सहायता समूह (self help group) जो काम करना चाह रहे थे, लेकिन पूंजी के अभाव में काम नहीं कर पा रहे थे. पिछले समय ऋण (Loan) लिया था. उनका करीब 13 करोड़ 83 रुपए का कर्ज माफ किया गया. वह अब नए सिरे से कार्य शुरू कर पाएंगे. ऐसे समूह नया लोन (new loan) लेकर नई गतिविधि शुरू कर पाएंगे. उनको इस कर्ज माफी (loan waiver) का बड़ा लाभ मिलेगा.
जनता भुगतेगी लोन माफी का खामियाजा
वहीं, विपक्ष का कहना है कि कर्ज माफी किसी समस्या का समाधान नहीं है. इससे लोगों का विकास नहीं होता है. बल्कि लोगों को मजबूत और आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए सरकार की योजना होनी चाहिए. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता (State Spokesperson BJP) गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि राज्य 70 हजार करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है. जिसका परिणाम प्रदेश की जनता (people of the state) को भुगतना पड़ रहा है और जो लोग कर्ज ले कर चुका रहे हैं, वह कहीं ना कहीं अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. यह सीधे तौर पर राज्य सरकार का कुप्रबंधन (mismanagement of government) है.
लोन माफी है एक खतरनाक संकेत
वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार तिवारी का कहना है कि राजनीति (Politics) में एक तरफ से मुफ्त में देने का एक प्रचलन (trend) शुरू हो गया है. जो कि एक खतरनाक संकेत (alarm signal) है. यदि इस योजना के तहत जरूरतमंदों (needy) की मदद की जाए तो उससे किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन इसकी आड़ में संपन्न और मजबूत लोगों को मदद की जाए तो यह अनुचित (Inappropriate) है. ऐसे में जनता के टैक्स (public tax) के पैसे का उपयोग सही जगह होना चाहिए. रामअवतार ने बताया क खुद राज्य सरकार लोन पर लोन ले रही है, कर्ज में डूबती जा रही है और दूसरी तरफ कर्ज लेकर कर्ज माफी कर रही है.
कर्ज चुकाने वाले भी हो जाएंगे 'खैरात' के 'आदी'
बैंक अधिकारियों (Bank officer) का कहना है कि कर्ज माफी किसी समस्या का समाधान नहीं है. यदि लोग कर्ज लेंगे और सरकार उनका कर्ज माफ करती है तो ऐसे में उन लोगों के मन में भी इस तरह का विचार आएगा, जो कर्ज लेने के बाद समय पर उसे चुका देते हैं. वह लोग भी सोचेंगे कि हो सकता है आने वाले समय में सरकार उनका कर्ज माफ (loan waiver) कर दें और यदि ऐसा उनके मन में विचार आया तो यह कहीं ना कहीं सभी के लिए नुकसानदायक होगा.