ETV Bharat / city

छत्तीसगढ़: पिछले 4 साल में घटी इंजीनियरिंग की 8,886 सीटें, बेरोजगारी बनी मुख्य वजह

हाल के कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की सीटों में भारी गिरावट देखने को मिला है. इसकी वजह से इंजीनियरिंग (Engineering) के छात्रों की इस क्षेत्र में रुचि भी कम हुआ है. वह बेरोजगारी की भयावहता को देखते हुए दूसरे पाठ्यक्रम की ओर अपना रुख कर रहे हैं. काॅलेज भी (Engineering) की पढ़ाई से अब तौबा करने लगे हैं. प्रोफेशन में रोजगार की विकट स्थिति को देखते हुए रायपुर में अब कैरियर एक्सपर्ट्स (career experts) ने भी चिंता व्यक्त करना शुरू कर दिया है.

author img

By

Published : Sep 1, 2021, 3:31 PM IST

engineering seats decreased in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की सीटें घटीं

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक दौर ऐसा था जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सीटों पर मारामारी थीं. हालात यह थे कि बहुतों को बीई की पढ़ाई के लिए सीट नसीब नहीं हो पा रही थी. बीते कुछ सालों में इंजीनियरिंग की सीटें लगातार घटती जा रही हैं. पिछले 4 साल के आंकड़े की यदि बात की जाए तो प्रदेश में 8,886 सीटें घट गई हैं. प्रदेश में इस सत्र में ही 640 इंजीनियरिंग की सीटें घटी हैं. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों का कम होता रुझान चिंता का विषय बना हुआ है. जानकारों की मानें तो इसका मुख्य कारण इंजीनियर्स की बेरोजगारी है.

इंजीनियरिंग में बढ़ती बेरोजगारी पर एक्सपर्ट्स की चिंता

इस सत्र में 640 सीटें घटीं

छत्तीसगढ़ में पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते कॉलेजेस बंद रहे. छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन क्लास अटेंड (online class attend) कर रहे थे. इससे कहीं न कहीं कॉलेजों पर भी आर्थिक संकट गहराया. इसके चलते इस सत्र में तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए हैं. वहीं, इस सत्र में 640 सीटें भी घटी हैं. दो पुराने संस्थानों के संबद्धता लेने और तकनीकी विश्वविद्यालय अध्ययन शाला में बीई शुरू होने से कॉलेजों की संख्या इस बार 33 ही रहेगी. आपको बता दें कि एक जमाने में छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की करीब 40 से अधिक महाविद्यालय संचालित हो रही थीं.

पिछले साल की तुलना में घटी सीटें

यूनिवर्सिटी द्वारा संबद्धता जारी होने के बाद टेक्निकल कोर्सेज की सीटें जारी कर दी गई हैं. इस बार भी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों (polytechnic colleges) की सीटें पिछले साल की तुलना में घटी हैं. सत्र 2020-21 में जहां बीई की 12,021 सीटें थीं, वहीं अब 11,381 सीटें रह गई हैं. इस तरह 640 सीटें इस सत्र में घटी हैं. वहीं, डिप्लोमा इंजीनियर्स की सीटें 8,572 से घट कर 7,870 हो गई हैं. इस सत्र में 702 सीटें कम हुई हैं. साथ ही लेटरल एंट्री बीई, बी. फार्मेसी और डिप्लोमा (Lateral Entry BE, B. Pharmacy and Diploma) की सीटें भी घटी हैं.

फार्मेसी की 1025 सीटें बढ़ी

प्रदेश में इंजीनियरिंग की सीटें घट रही हैं तो वहीं फार्मेसी की सीटों में वृद्धि हुई है. नए सत्र के लिए फार्मेसी की 1025 सीटें बढ़ी हैं. इस साल फार्मेसी में 827 सीटों की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं, इस साल फार्मेसी कॉलेजों में भी बढ़ोतरी हुई है. पिछले सत्र में जहां फार्मेसी की 5222 सीटें थीं, वह बढ़ कर 6267 हो गई हैं. सत्र 2021-22 में स्टूडेंट बी. फार्मेसी की 3,142 सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे. बी फार्मेसी की 827 सीटें बढ़ी हैं. डी फार्मेसी (D Pharmacy) में 126 सीटों की वृद्धि हुई है. अभी फार्मेसी की सीटें 2741 हो गई हैं. एम फार्मेसी (M Pharmacy) की 72 सीटें बढ़ी हैं. इसमें नए सत्र में 314 सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे। यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट का तोहफा, इस तारीख को मिलेगा Windows 11 का अपडेट

बीई में सीट कम होने की मुख्य वजह है बेरोजगारी

कैरियर काउंसलर व शिक्षाविद डॉ वर्षा वरवंडकर ने बताया कि एक समय पूरे भारत में 70 लाख इंजीनियरिंग की सीट हुआ करती थीं, लेकिन आज की तारीख में 6 लाख सीट कम हो गई हैं. इसका बड़ा कारण है इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेरोजगारी है. वर्तमान में हमारे यहां इंजीनियर्स सबसे ज्यादा बेरोजगार हैं. आप कोई भी शिक्षा ले रहे हों और आप को सही ढंग से उसमें रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो उस शिक्षा का आपके लिए कोई उपयोग नहीं. हमारे यहां पिछले 4 साल में 18 से 19 हजार सीटें थीं. जो अभी घट कर 11 हजार के आस पास तक पहुंच चुकी है. हर साल हम सुन रहे हैं कि 4 से 5 इंजीनियरिंग कॉलेज (College of Engineering) बंद हो रहे हैं.

बीई की घटती सीटों के आंकड़े

सत्र सीट
2017-1820,267
2018-19 18,529
2019-2015,626
2020-2111,381

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक दौर ऐसा था जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सीटों पर मारामारी थीं. हालात यह थे कि बहुतों को बीई की पढ़ाई के लिए सीट नसीब नहीं हो पा रही थी. बीते कुछ सालों में इंजीनियरिंग की सीटें लगातार घटती जा रही हैं. पिछले 4 साल के आंकड़े की यदि बात की जाए तो प्रदेश में 8,886 सीटें घट गई हैं. प्रदेश में इस सत्र में ही 640 इंजीनियरिंग की सीटें घटी हैं. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों का कम होता रुझान चिंता का विषय बना हुआ है. जानकारों की मानें तो इसका मुख्य कारण इंजीनियर्स की बेरोजगारी है.

इंजीनियरिंग में बढ़ती बेरोजगारी पर एक्सपर्ट्स की चिंता

इस सत्र में 640 सीटें घटीं

छत्तीसगढ़ में पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते कॉलेजेस बंद रहे. छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन क्लास अटेंड (online class attend) कर रहे थे. इससे कहीं न कहीं कॉलेजों पर भी आर्थिक संकट गहराया. इसके चलते इस सत्र में तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए हैं. वहीं, इस सत्र में 640 सीटें भी घटी हैं. दो पुराने संस्थानों के संबद्धता लेने और तकनीकी विश्वविद्यालय अध्ययन शाला में बीई शुरू होने से कॉलेजों की संख्या इस बार 33 ही रहेगी. आपको बता दें कि एक जमाने में छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की करीब 40 से अधिक महाविद्यालय संचालित हो रही थीं.

पिछले साल की तुलना में घटी सीटें

यूनिवर्सिटी द्वारा संबद्धता जारी होने के बाद टेक्निकल कोर्सेज की सीटें जारी कर दी गई हैं. इस बार भी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों (polytechnic colleges) की सीटें पिछले साल की तुलना में घटी हैं. सत्र 2020-21 में जहां बीई की 12,021 सीटें थीं, वहीं अब 11,381 सीटें रह गई हैं. इस तरह 640 सीटें इस सत्र में घटी हैं. वहीं, डिप्लोमा इंजीनियर्स की सीटें 8,572 से घट कर 7,870 हो गई हैं. इस सत्र में 702 सीटें कम हुई हैं. साथ ही लेटरल एंट्री बीई, बी. फार्मेसी और डिप्लोमा (Lateral Entry BE, B. Pharmacy and Diploma) की सीटें भी घटी हैं.

फार्मेसी की 1025 सीटें बढ़ी

प्रदेश में इंजीनियरिंग की सीटें घट रही हैं तो वहीं फार्मेसी की सीटों में वृद्धि हुई है. नए सत्र के लिए फार्मेसी की 1025 सीटें बढ़ी हैं. इस साल फार्मेसी में 827 सीटों की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं, इस साल फार्मेसी कॉलेजों में भी बढ़ोतरी हुई है. पिछले सत्र में जहां फार्मेसी की 5222 सीटें थीं, वह बढ़ कर 6267 हो गई हैं. सत्र 2021-22 में स्टूडेंट बी. फार्मेसी की 3,142 सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे. बी फार्मेसी की 827 सीटें बढ़ी हैं. डी फार्मेसी (D Pharmacy) में 126 सीटों की वृद्धि हुई है. अभी फार्मेसी की सीटें 2741 हो गई हैं. एम फार्मेसी (M Pharmacy) की 72 सीटें बढ़ी हैं. इसमें नए सत्र में 314 सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे। यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट का तोहफा, इस तारीख को मिलेगा Windows 11 का अपडेट

बीई में सीट कम होने की मुख्य वजह है बेरोजगारी

कैरियर काउंसलर व शिक्षाविद डॉ वर्षा वरवंडकर ने बताया कि एक समय पूरे भारत में 70 लाख इंजीनियरिंग की सीट हुआ करती थीं, लेकिन आज की तारीख में 6 लाख सीट कम हो गई हैं. इसका बड़ा कारण है इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेरोजगारी है. वर्तमान में हमारे यहां इंजीनियर्स सबसे ज्यादा बेरोजगार हैं. आप कोई भी शिक्षा ले रहे हों और आप को सही ढंग से उसमें रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो उस शिक्षा का आपके लिए कोई उपयोग नहीं. हमारे यहां पिछले 4 साल में 18 से 19 हजार सीटें थीं. जो अभी घट कर 11 हजार के आस पास तक पहुंच चुकी है. हर साल हम सुन रहे हैं कि 4 से 5 इंजीनियरिंग कॉलेज (College of Engineering) बंद हो रहे हैं.

बीई की घटती सीटों के आंकड़े

सत्र सीट
2017-1820,267
2018-19 18,529
2019-2015,626
2020-2111,381
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.