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Niti Ayog Aspirational Districts Ranking: ऊर्जाधानी कोरबा से आगे निकला नक्सलगढ़ कोंडागांव

नीति आयोग के आकांक्षी जिलों की रैंकिंग (Niti Ayog Aspirational Districts Ranking) में कोरबा पिछड़ गया है. पिछले साल कोरबा आठवें नंबर पर था. जबकि इस बार 50 के पार पहुंच गया है. कोंडागांव ने देश में 5वां स्थान हासिल किया है.

Niti Ayog Aspirational Districts Ranking list
नीति आयोग की रैंकिंग में पिछड़ा कोरबा
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Published : Dec 4, 2021, 1:18 PM IST

कोरबा: नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की रैंकिंग (Niti Ayog Aspirational Districts Ranking) जारी की है. जिसमें छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला काफी पिछड़ गया है. अब वह 57 स्थान पर पहुंच गया है. जबकि अक्टूबर 2020 में कोरबा का स्थान देश में आठवां था. इस रैंकिंग में कोंडागांव ने लंबी छलांग लगाते हुए देश में पांचवा स्थान हासिल किया है. नीति आयोग की रैंकिंग हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, कृषि व जल संसाधन, शिक्षा, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट इन 5 क्षेत्रों में किए गए कार्यों पर आधारित होती है. केंद्र सरकार की एजेंसी नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों में देश के 112 जिलों को शामिल किया है. साल के अंत में या रैंकिंग जारी की जाती है.

Niti Ayog Aspirational Districts Ranking list
कोरबा शहर

बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में कोरबा सबसे फिसड्डी

पिछले साल भर में कृषि, शिक्षा, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट के मामले में कोरबा में कुछ खास काम नहीं हुआ. सड़कों के नेटवर्क का जिले में काफी बुरा हाल है. कई बड़ी परियोजनाओं का निर्माण कार्य अधूरा है. जिनमें हसदेव बराज दर्री के समानांतर बनने वाला पुल, जिला जेल के समीप निर्माणाधीन 2000 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल शामिल है.
बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी मापदंडों के अनुरूप नहीं है. जिले को लगातार इसका नुकसान हो रहा है. अब हालात ये है कि इन सभी सेक्टर्स की प्रगति के मामले में ऊर्जाधानी कोरबा नक्सल प्रभावित जिले कोंडागांव से भी पिछड़ गया है.

Niti Ayog Aspirational Districts Ranking list
कोरबा पुलिस क्वॉर्टर्स

कोरबा जिले में डीएमएस का भारी-भरकम फंड मौजूद होता है. जो खनिज राजस्व से जिले के विकास कार्यों के लिए मिलता है. यह फंड 500 करोड़ तक भी हो सकता है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस फंड से काम नहीं हो पाते. काम होते भी हैं तो उनके गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं. अब हालात ये है कि नीति आयोग ने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में देश के 112 जिलों में कोरबा को 79 वें स्थान पर रखा है. खास तौर पर जिले में सड़कों की हालत बेहद खराब है.

कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना में बलरामपुर जिला अस्पताल को छत्तीसगढ़ में पहला स्थान

मॉनिटरिंग सेल स्किल डेवलपमेंट का बुरा हाल

सरकार के जनशक्ति नियोजन विभाग के साथ ही केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम का भी जिले में बुरा हाल है. लगभग 5 साल पहले इस योजना में काफी फर्जीवाड़ा होता था. फर्जी आंकड़ों के आधार पर स्किल डेवलपमेंट का ढिंढोरा पीटा जाता था. बायोमैट्रिक अटेंडेंस के साथ एक कड़ी मॉनिटरिंग के बाद अब इस योजना का जिले में काफी बुरा हाल है. कोरोनावायरस क्यूरेबल प्रशिक्षण कार्यक्रम लगभग पूरी तरह से बंद था. इस सेक्टर में जिले का काफी बुरा हाल है.

देश के 112 आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ के जिलों की रैंकिंग

कोंडागांव 5
नारायणपुर24
महासमुंद43
बस्तर49
सुकमा53
कोरबा57
बीजापुर 63
राजनांदगांव63
कांकेर76
दंतेवाड़ा 97

कोरबा: नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की रैंकिंग (Niti Ayog Aspirational Districts Ranking) जारी की है. जिसमें छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला काफी पिछड़ गया है. अब वह 57 स्थान पर पहुंच गया है. जबकि अक्टूबर 2020 में कोरबा का स्थान देश में आठवां था. इस रैंकिंग में कोंडागांव ने लंबी छलांग लगाते हुए देश में पांचवा स्थान हासिल किया है. नीति आयोग की रैंकिंग हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, कृषि व जल संसाधन, शिक्षा, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट इन 5 क्षेत्रों में किए गए कार्यों पर आधारित होती है. केंद्र सरकार की एजेंसी नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों में देश के 112 जिलों को शामिल किया है. साल के अंत में या रैंकिंग जारी की जाती है.

Niti Ayog Aspirational Districts Ranking list
कोरबा शहर

बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में कोरबा सबसे फिसड्डी

पिछले साल भर में कृषि, शिक्षा, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट के मामले में कोरबा में कुछ खास काम नहीं हुआ. सड़कों के नेटवर्क का जिले में काफी बुरा हाल है. कई बड़ी परियोजनाओं का निर्माण कार्य अधूरा है. जिनमें हसदेव बराज दर्री के समानांतर बनने वाला पुल, जिला जेल के समीप निर्माणाधीन 2000 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल शामिल है.
बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी मापदंडों के अनुरूप नहीं है. जिले को लगातार इसका नुकसान हो रहा है. अब हालात ये है कि इन सभी सेक्टर्स की प्रगति के मामले में ऊर्जाधानी कोरबा नक्सल प्रभावित जिले कोंडागांव से भी पिछड़ गया है.

Niti Ayog Aspirational Districts Ranking list
कोरबा पुलिस क्वॉर्टर्स

कोरबा जिले में डीएमएस का भारी-भरकम फंड मौजूद होता है. जो खनिज राजस्व से जिले के विकास कार्यों के लिए मिलता है. यह फंड 500 करोड़ तक भी हो सकता है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस फंड से काम नहीं हो पाते. काम होते भी हैं तो उनके गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं. अब हालात ये है कि नीति आयोग ने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में देश के 112 जिलों में कोरबा को 79 वें स्थान पर रखा है. खास तौर पर जिले में सड़कों की हालत बेहद खराब है.

कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना में बलरामपुर जिला अस्पताल को छत्तीसगढ़ में पहला स्थान

मॉनिटरिंग सेल स्किल डेवलपमेंट का बुरा हाल

सरकार के जनशक्ति नियोजन विभाग के साथ ही केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम का भी जिले में बुरा हाल है. लगभग 5 साल पहले इस योजना में काफी फर्जीवाड़ा होता था. फर्जी आंकड़ों के आधार पर स्किल डेवलपमेंट का ढिंढोरा पीटा जाता था. बायोमैट्रिक अटेंडेंस के साथ एक कड़ी मॉनिटरिंग के बाद अब इस योजना का जिले में काफी बुरा हाल है. कोरोनावायरस क्यूरेबल प्रशिक्षण कार्यक्रम लगभग पूरी तरह से बंद था. इस सेक्टर में जिले का काफी बुरा हाल है.

देश के 112 आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ के जिलों की रैंकिंग

कोंडागांव 5
नारायणपुर24
महासमुंद43
बस्तर49
सुकमा53
कोरबा57
बीजापुर 63
राजनांदगांव63
कांकेर76
दंतेवाड़ा 97
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