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कोरबा: RTI के तहत जानकारी नहीं देने पर निगम के जनसूचना अधिकारी पर लगा 25 हजार का जुर्माना - Korba Corporation Public Information Officer fined

कोरबा नगर निगम के जनसूचना अधिकारी पवन वर्मा पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. सूचना आयोग ने तय समय सीमा में RTI के आवेदन का जवाब नहीं देने पर जुर्माना लगाया.

Korba Municipal Corporation
कोरबा नगर निगम
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Published : Dec 15, 2020, 12:44 PM IST

कोरबा: सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सभी को जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है. कोरबा नगर निगम के जनसूचना अधिकारी पवन वर्मा पर तय समय सीमा में आवेदक को जानकारी नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. आवेदक ने पहली बार वर्ष 2015 में नगर निगम के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया था, जिसका अब तक निराकरण नहीं किया गया.

पढ़ें- किसान चौपाल: 'सरकार कॉरपोरेट के हाथों सौंपना चाहती है देश की अर्थव्यवस्था, देश का हर वर्ग होगा प्रभावित'

नगर पालिक निगम कोरबा से पुराना बस स्टैंड क्षेत्र के निवासी अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल ने मार्च 2015 में सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक भवन के संबंध में जानकारियां मांगी थीं. 5 साल बाद भी इस आवेदन का निराकरण नहीं हुआ. जनसूचना अधिकारी को राज्य सूचना आयोग ने नोटिस भी जारी किया, लेकिन वह सुनवाई के लिए उपस्थित ही नहीं हुए. आयोग ने आवेदक को 500 रुपये की क्षतिपूर्ति भी देने को कहा है.

सरकारी खाते में जमा होगी राशि

25 हजार रुपये का जुर्माना सरकारी खाते में जमा कराया जाएगा. यह जुर्माना राज्य सूचना आयोग ने जनसूचना अधिकारी पवन वर्मा पर लगाया है. RTI के तहत 30 दिनों के भीतर ही अधिकारियों को आवेदक तक सूचनाएं पहुंचानी चाहिए.

कोरबा: सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सभी को जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है. कोरबा नगर निगम के जनसूचना अधिकारी पवन वर्मा पर तय समय सीमा में आवेदक को जानकारी नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. आवेदक ने पहली बार वर्ष 2015 में नगर निगम के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया था, जिसका अब तक निराकरण नहीं किया गया.

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नगर पालिक निगम कोरबा से पुराना बस स्टैंड क्षेत्र के निवासी अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल ने मार्च 2015 में सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक भवन के संबंध में जानकारियां मांगी थीं. 5 साल बाद भी इस आवेदन का निराकरण नहीं हुआ. जनसूचना अधिकारी को राज्य सूचना आयोग ने नोटिस भी जारी किया, लेकिन वह सुनवाई के लिए उपस्थित ही नहीं हुए. आयोग ने आवेदक को 500 रुपये की क्षतिपूर्ति भी देने को कहा है.

सरकारी खाते में जमा होगी राशि

25 हजार रुपये का जुर्माना सरकारी खाते में जमा कराया जाएगा. यह जुर्माना राज्य सूचना आयोग ने जनसूचना अधिकारी पवन वर्मा पर लगाया है. RTI के तहत 30 दिनों के भीतर ही अधिकारियों को आवेदक तक सूचनाएं पहुंचानी चाहिए.

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