कोरबा: यह घटना बांकीमोंगरा क्षेत्र की है. यहां एक मासूम की जान उसकी मां ने बचाई. मासूम को आंगन से दो कुत्ते उठा ले गए और उसे नोच रहे थे. इस बीच बच्ची की चीख-पुकार सुनकर मां दौड़ी. मां ने मासूम को किसी तरह कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया. बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया है. (dog bitten girl in banki mongra of korba )
कैसे हुई घटना: बच्ची के पिता अखिलेश साहू ने बताया ''मेरी एक ही बच्ची है. उसका नाम वंशिका है. वो दो साल की है. पत्नी सीमा घर पर रोटी बना रही थी. वंशिका घर के बाहर रोज की तरह खेल रही थी. कुछ देर बाद वंशिका की चीख-पुकार सुनाई पड़ी. तब सीमा किचन से भागते हुए बाहर निकली. उसने देखा कि दो आवारा कुत्ते मासूम वंशिका को नोचते हुए उठा कर ले जा रहे हैं. सीमा पत्थर और डंडे से मार कर दोनों कुत्ते को भगाने की कोशिश करती रही. फिर भी दरिंदे कुत्ते मासूम को नोचते रहे. सीमा ने जैसे-तैसे वंशिका को कुत्तों के मुंह से छीनकर उसके प्राण बचाए.''
अस्पताल में भर्ती: इस घटना के बाद वंशिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वंशिका के शरीर को कुत्तों ने पूरी तरह काट डाला है. उसके सिर, हाथ-पैर और पेट में लगभग 150 से भी ज्यादा जगह कुत्तों ने काट लिया है. बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. मेडिकल कॉलेज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्ची के इलाज के लिए विशेष डॉक्टरों की व्यवस्था की है.
स्थानीय लोगों में आक्रोश: इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का मानना है कि आवारा कुत्तों का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. कुत्तों की संख्या बढ़ने लगी है. नगर निगम को इस गंभीर मसले पर ध्यान देने की जरूरत है.
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मानसून में कुत्ते हो जाते हैं खतरनाक: ब्रीडिंग सीजन के समय में कुत्ते कई बार लोगों को काटने दौड़ जाते हैं. उस दौरान 5 से 10 मामले हर दिन अस्पताल में आते रहते हैं. यदि नॉर्मल दिनों की बात की जाए तो 3 से 5 केस देखने को मिलते हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के साथ एक परेशानी देखने को मिलती है कि वे पहले बैगा से इलाज करवाते हैं. वह बैगा कुत्ते काटने वाली जगह पर एसिड डालकर वायरस खत्म करने का दावा करता है और झाड़-फूंक करने वालों के द्वारा उस जगह को जलाने की बात भी देखने को मिली है. इससे यह वायरस मरता नहीं है बल्कि शरीर में फैल जाता है. इसलिए कुत्ता काटने पर ऐसा नहीं करना चाहिए.
यूं करें प्राथमिक उपचार: सबसे पहले कुत्ता काटने वाली जगह को साफ पानी से साबुन से धोना चाहिए. यदि घाव बड़ा है तो उसे खुला छोड़ दें. क्योंकि टांके नहीं लगाए जाते हैं. इसके बाद इसके उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह लें. ज्यादातर कुत्ते उन जगहों पर देखने को मिलते हैं जहां मांस, मटन या अंडे की दुकानें होती है. क्योंकि यहां मांस के टुकड़े पड़े होते हैं. उसे खा कर वे कुत्ते हेल्थी होते हैं और अग्रेसिव भी. उस जगह से रात में कोई गुजरता है तो ये कुत्ते उन लोगों पर हमला करते देते हैं. ऐसे जगहों में जाने से बचना चाहिए.