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कोल के साथ अब बिजली उत्पादन करेगी SECL - Electricity will be generated with the latest technology

कोल इंडिया कंपनी अब बिजली उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखने वाली (Coal India will now generate electricity with coal) है.

Coal India will now generate electricity with coal
कोल के साथ अब बिजली उत्पादन करेगी कोल इंडिया
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Published : Jun 22, 2022, 7:32 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 8:12 PM IST

कोरबा : कोयला उत्पादन करने के साथ ही SECL ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी कदम रखने की तैयारी कर ली (Coal India will now generate electricity with coal) है. एसईसीएल ने पावर प्लांट की दिशा में आगे बढ़ते हुए एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी के साथ 660 मेगावॉट यूनिट बिजली पैदा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इस परियोजना में कुल 4665 करोड़ रुपए के निवेश का प्लान है.

विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में उतरा SECL : एसईसीएल देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कम्पनी है। अब एसईसीएल ने पावर प्लांट स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया है. इसके लिए मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए (SECL company signed MoU in Korba) हैं. इसके अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावॉट क्षमता की एक यूनिट को स्थापित करने के लिए संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाईंट वेंचर) गठित करने का प्रावधान किया गया है. मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग (एमओयू) में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी (MoU signed with Madhya Pradesh Power Generating Company) के प्रबंध संचालक भनजीत सिंह और एसईसीएल के जनरल मैनेजर अरूपदत्त चौधरी ने हस्ताक्षर किए हैं.

आधुनिकतम तकनीक से पैदा होगी बिजली :इस अवसर पर पॉवर जनरेटिंग कंपनी के डायरेक्टर कामर्शियल प्रतीश कुमार दुबे, कार्यपालक निदेशक परियोजना उत्पादन बीएल नेवल, एसईसीएल के चीफ मैनेजर अजय कुमार सेन सहित एसईसीएल के अधिकारी और पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अभियंता उपस्थित थे. सीसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ सनीष चंद्र ने बताया कि "ये संयुक्त उपक्रम कंपनी सुपर क्रिटिकल आधुनिकतम तकनीक के आधार पर विद्युत उत्पादन करेगी. विद्युत यूनिट में एयरकूल्ड कंडेंसर तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे विद्युत उत्पादन में अत्यंत कम पानी की जरूरत (Electricity will be generated with the latest technology) पड़ेगी. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 4665 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है.''

कोयले की नहीं होगी किल्लत : वर्तमान में देशभर में पावर प्लांट का संचालन राज्य सरकार या औद्योगिक घरानों द्वारा किया जाता है. पावर प्लांट कोयले के लिए पूरी तरह से कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषांगिक कंपनियों पर निर्भर रहते हैं. विद्युत उत्पादन पूरी तरह से कोयले की उपलब्धता पर ही टिका हुआ. जब कोयला उपलब्ध कराने वाली कंपनी खुद ही पावर प्लांट का संचालन करेगी तब कोयले की किल्लत जैसी परिस्थितियों पर भी लगाम लग (SECL landed in the field of power generation) जाएगा.

कितना उत्पादन का है लक्ष्य :वर्तमान वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने अपने सभी अंडर ग्राउंड और ओपन कास्ट माइंस से 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. अब कंपनी ने 600 मेगावाट बिजली उत्पादन करने के लिए भी मध्य प्रदेश सरकार से एमओयू पर हस्ताक्षर कर लिया है. जिसके बाद अब कोयला उत्पादन के साथ ही विद्युत उत्पादन पर भी कंपनी का फोकस रहेगा. जिसके लिए कंपनी को दोनों ही क्षेत्रों के दक्ष कर्मचारियों की आवश्यकता होगी.

कोरबा : कोयला उत्पादन करने के साथ ही SECL ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी कदम रखने की तैयारी कर ली (Coal India will now generate electricity with coal) है. एसईसीएल ने पावर प्लांट की दिशा में आगे बढ़ते हुए एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी के साथ 660 मेगावॉट यूनिट बिजली पैदा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इस परियोजना में कुल 4665 करोड़ रुपए के निवेश का प्लान है.

विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में उतरा SECL : एसईसीएल देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कम्पनी है। अब एसईसीएल ने पावर प्लांट स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया है. इसके लिए मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए (SECL company signed MoU in Korba) हैं. इसके अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावॉट क्षमता की एक यूनिट को स्थापित करने के लिए संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाईंट वेंचर) गठित करने का प्रावधान किया गया है. मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग (एमओयू) में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी (MoU signed with Madhya Pradesh Power Generating Company) के प्रबंध संचालक भनजीत सिंह और एसईसीएल के जनरल मैनेजर अरूपदत्त चौधरी ने हस्ताक्षर किए हैं.

आधुनिकतम तकनीक से पैदा होगी बिजली :इस अवसर पर पॉवर जनरेटिंग कंपनी के डायरेक्टर कामर्शियल प्रतीश कुमार दुबे, कार्यपालक निदेशक परियोजना उत्पादन बीएल नेवल, एसईसीएल के चीफ मैनेजर अजय कुमार सेन सहित एसईसीएल के अधिकारी और पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अभियंता उपस्थित थे. सीसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ सनीष चंद्र ने बताया कि "ये संयुक्त उपक्रम कंपनी सुपर क्रिटिकल आधुनिकतम तकनीक के आधार पर विद्युत उत्पादन करेगी. विद्युत यूनिट में एयरकूल्ड कंडेंसर तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे विद्युत उत्पादन में अत्यंत कम पानी की जरूरत (Electricity will be generated with the latest technology) पड़ेगी. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 4665 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है.''

कोयले की नहीं होगी किल्लत : वर्तमान में देशभर में पावर प्लांट का संचालन राज्य सरकार या औद्योगिक घरानों द्वारा किया जाता है. पावर प्लांट कोयले के लिए पूरी तरह से कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषांगिक कंपनियों पर निर्भर रहते हैं. विद्युत उत्पादन पूरी तरह से कोयले की उपलब्धता पर ही टिका हुआ. जब कोयला उपलब्ध कराने वाली कंपनी खुद ही पावर प्लांट का संचालन करेगी तब कोयले की किल्लत जैसी परिस्थितियों पर भी लगाम लग (SECL landed in the field of power generation) जाएगा.

कितना उत्पादन का है लक्ष्य :वर्तमान वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने अपने सभी अंडर ग्राउंड और ओपन कास्ट माइंस से 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. अब कंपनी ने 600 मेगावाट बिजली उत्पादन करने के लिए भी मध्य प्रदेश सरकार से एमओयू पर हस्ताक्षर कर लिया है. जिसके बाद अब कोयला उत्पादन के साथ ही विद्युत उत्पादन पर भी कंपनी का फोकस रहेगा. जिसके लिए कंपनी को दोनों ही क्षेत्रों के दक्ष कर्मचारियों की आवश्यकता होगी.

Last Updated : Jun 22, 2022, 8:12 PM IST

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