हैदराबाद: खूंखार नक्सली रमन्ना (Naxalite Ramanna) के बेटे राउला रंजीत उर्फ श्रीकांत ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं. राउला रंजीत ने हैदराबाद में डीजीपी महेंद्र रेड्डी के सामने सरेंडर किया. नक्लसियों की विचारधारा से तंग आकर रमन्ना के बेटे ने आत्मसमर्पण किया है. राउला अपने स्कूल के दिनों से ही नक्सली गतिविधियों में शामिल रहा है. 2019 में रमन्ना की मौत की खबर आई थी. जिसके बाद उसने नक्सली संगठन से किनारा करना शुरू किया था.
राउला रंजीत वारंगल जिले के रहने वाले खूंखार नक्सली रमन्ना का बेटा है. रंजीत का जन्म 1988 में हुआ था. अपने पिता की मृत्यु के बाद रंजीत को अपमान का सामना करना पड़ा और उनका मन नक्सली विचारधारा से हटने लगा. संगठन के सदस्यों ने उसे बाहर जाने की अनुमति नहीं दी. उसने संगठन में हो रहे बदलाव महसूस किए और उसे समझ में आया कि वहां रहने का कोई फायदा नहीं है.
दरभा में नक्सलियों की रीढ़ विनोद एके-47 लेकर चलता था, अब तक 16 से ज्यादा की मौत, कई संक्रमित
राउला रंजीत को बचपने से ही पुट्टम उर्फ पुट्टपाडु क्षेत्र, क्रांतिकारी विचारधारा से रूबरू कराया गया. छुट्टियों के दौरान वह नागेश, डीवीसीएम, शबरी एरिया कमेटी की मद्द से दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) क्षेत्र का दौरा करता था. अप्रैल 2015 में 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद भूमिगत सशस्त्र बलों में शामिल हुआ. अपने पूरे जीवनकाल में दण्डकारण्य वन क्षेत्र के आदिवासियों को नई लोकतांत्रिक क्रांति (NDR) को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर शिक्षित किया. बटालियन में शामिल होने के पहले अप्रैल 2015 से नवम्बर 2017 तक अपने पिता के साथ भाकपा (माओवादी) की विचारधारा के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इन हमलों में रहा शामिल
राउला रंजीत उर्फ श्रीकांत अपने पिता की सलाह पर नवम्बर 2017 में भाकपा (माओवादी) बटालियन में शामिल हुआ. पार्टी सदस्य के रूप में पहली कंपनी की दूसरी प्लाटून में काम किया. श्रीकांत को नवम्बर 2019 में प्लाटून पार्टी कमेटी (PPC) के रूप में पदोन्नत किया गया. उसने अपने भूमिगत जीवन के दौरान कई अन्य घटनाओं में शामिल रहा, जिसमें सुरक्षा बलों पर 4 बड़े हमले और एम्बुश है. 2018 में कासाराम में माओवादियों ने एक माईन-प्रूफ वाहन पर आईईडी विस्फोट किया था जिसमें 9 जवान शहीद हो गए थे.
मई 2013 में नक्सलियों के झीरम हमले में भी शामिल था. इस हमले में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौत हो गई थी. झीरम हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना में 6 नक्सली भी मारे गए थे. इस दौरान नक्सलियों ने शहीद जवानों से 14 हथियार भी लूट लिए थे.
2020 में एर्रम हमले में भाग लिया, जिसमें कंपनी पार्टी कमेटी (CYPC) के एक सदस्य मारा गया था. 2020 में मिनपा हमले में भी शामिल रहा. जिसमें माओवादियों ने योजनाबद्ध तरीके से एम्बुश लगाकर हमला किया था जहां 23 जवान शहीद हो गये थे. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 3 नक्सली भी मारे गये थे. माओवादियों ने शहीद जवानों के 12 एके-47 रायफल और 02 इंसास रायफल लूट लिए थे.
रमन्ना का इलाज कराने से नक्सली संगठन ने किया था इनकार
श्रीकांत ने अपनी मां के साथ बीमारी के दौरान अपने पिता रमन्ना की देखभाल की. पिता के बेहतर इलाज कराने का अनुरोध भी किया, लेकिन नक्सल संगठन ने इससे साफ इनकार कर दिया. 2 बार दिल का दौरा पड़ने की वजह से रमन्ना की मौत हो गई. पिता की मौत के बाद उसे पार्टी में काफी अपमान का सामना करना पड़ा.उसने जून में अपनी मां सावित्री, DVCM, किस्टाराम एरिया कमेटी के साथ काम किया. नक्सल बटालियन में हर महीने में 5-6 व्यक्ति उम्मीदवार सदस्य के रूप में शामिल हुए और एक महीने के भीतर 5-10 व्यक्ति बिना किसी सूचना के पार्टी छोड़ रहे थे. नक्सल संगठन ने उसे सरेंडर करने की अनुमति नहीं दी.
राउला ने पुष्टि की है कि यापा नारायण उर्फ HB, CCM और सचिव, तेलंगाना स्टेट कमेटी की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण और जंगलों में उचित उपचार नहीं होने के कारण हुई थी.
बस्तर आईजी ने की अपील
बस्तर आईजी ने राउला रंजीत की मां और रमन्ना की पत्नी सावित्री को भी नक्सली संगठन छोड़ आत्मसमर्पण करने की अपील की है. आईजी ने बताया कि सावित्री किस्टाराम एरिया कमेटी की सदस्य है. अभी लंबे समय से बस्तर इलाके में सक्रिय है. आईजी ने उनसे अपील करते हुए कहा कि वह भी नक्सली संगठन छोड़ समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाए.