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बस्तर के डिलमिली में क्रिश्चियन समुदाय की महिला के शव को दफनाने पर बवाल

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Published : Sep 1, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Sep 1, 2022, 4:46 PM IST

जगदलपुर के डिलमिली में क्रिश्चियन समुदाय की महिला का शव दफनाए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने चक्का जाम किया.

जगदलपुर में शव दफनाने के बाद बवाल
जगदलपुर में शव दफनाने के बाद बवाल

जगदलपुर : बस्तर जिले के ग्राम पंचायत डिलमिली में क्रिश्चियन समुदाय के मृतक के शव को दफन (Ruckus after burial of dead body in Jagdalpur) किए जाने के विरोध (Protest in Bastar Gram Panchayat Dilmili) में ग्रामीणों ने चक्का जाम कर (Jagdalpur Villagers blocked the road ) दिया. 2 घंटे तक चले चक्का जाम के बाद प्रशासन ने निराकरण के लिए 3 दिनों की मोहलत मांगी है. जिसके बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम स्थगित कर दिया है. डिलमिली आदिवासी बाहुल्य ग्राम है. यहां का एक परिवार कुछ समय पूर्व क्रिश्चियन धर्म मानने लगा था. इस परिवार में एक महिला की मौत हो गई. 30 जुलाई की शाम परिजनों ने मृत महिला का शव क्रिश्चियन विधि विधान के साथ गांव के ही जमीन में दफना दिया. गांव की रूढ़ि प्रथा से अलग दूसरे धर्म के विधि-विधान के तहत किए गए इस अंतिम संस्कार से आदिवासी क्रोधित हो गए. इसके विरोध स्वरूप आदिवासियों ने जगदलपुर बीजापुर मार्ग को डिलमिली ग्राम के समीप 2 घंटे तक बाधित कर दिया. इस दौरान आवाजाही पूरी तरह से ठप रही.

शव को दूसरी जगह दफनाने की मांग : ग्रामीण लगातार प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते रहे. इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा. ग्रामीण मांग कर रहे थे कि शव को निकाल कर संबंधित धर्म के कब्रिस्तान में दफनाया जाए. लंबे चले चक्का जाम के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आगामी 3 दिनों के भीतर इस मामले की जांच कर प्रशासन अपना रुख स्पष्ट कर देगा. प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम खत्म किया. फिलहाल गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई (jagdalpur news today) है.

जगदलपुर में शव दफनाने के बाद बवाल

कौन बिगाड़ रहा बस्तर की हवा : सूत्रों से यह भी खबर निकल कर हमेशा सामने आती है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपना वोट बैंक बनाने के लिए इस तरह के सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का काम करते हैं. बीते दिनों बस्तर के ही नागलसर में भी ग्रामीणों ने शव के साथ छीना झपटी की थी. कंधे पर रखे अर्थी के साथ छेड़छाड़ की गई थी.

ऐसे विरोध को रोकना क्यों जरुरी : यदि इस मामले को यहीं नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में बस्तर में एक बड़ा सांप्रदायिक दंगा होने की भी संभावनाएं बन सकती है. जिससे बस्तर को काफी नुकसान होगा. इसका असर पूरे छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है. राज्य शासन को इस मामले पर एक कड़ा आदेश जारी कर देना चाहिए कि यदि कोई अपनी मर्जी से किसी धर्म को मानता है और उसके रीति रिवाज के अनुसार आगे की कार्यवाही करता है तो उस पर किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं चाहिए. संविधान में भी सभी को किसी भी धर्म को मानने का अधिकार दिया गया (jagdalpur latest news ) है.

जगदलपुर : बस्तर जिले के ग्राम पंचायत डिलमिली में क्रिश्चियन समुदाय के मृतक के शव को दफन (Ruckus after burial of dead body in Jagdalpur) किए जाने के विरोध (Protest in Bastar Gram Panchayat Dilmili) में ग्रामीणों ने चक्का जाम कर (Jagdalpur Villagers blocked the road ) दिया. 2 घंटे तक चले चक्का जाम के बाद प्रशासन ने निराकरण के लिए 3 दिनों की मोहलत मांगी है. जिसके बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम स्थगित कर दिया है. डिलमिली आदिवासी बाहुल्य ग्राम है. यहां का एक परिवार कुछ समय पूर्व क्रिश्चियन धर्म मानने लगा था. इस परिवार में एक महिला की मौत हो गई. 30 जुलाई की शाम परिजनों ने मृत महिला का शव क्रिश्चियन विधि विधान के साथ गांव के ही जमीन में दफना दिया. गांव की रूढ़ि प्रथा से अलग दूसरे धर्म के विधि-विधान के तहत किए गए इस अंतिम संस्कार से आदिवासी क्रोधित हो गए. इसके विरोध स्वरूप आदिवासियों ने जगदलपुर बीजापुर मार्ग को डिलमिली ग्राम के समीप 2 घंटे तक बाधित कर दिया. इस दौरान आवाजाही पूरी तरह से ठप रही.

शव को दूसरी जगह दफनाने की मांग : ग्रामीण लगातार प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते रहे. इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा. ग्रामीण मांग कर रहे थे कि शव को निकाल कर संबंधित धर्म के कब्रिस्तान में दफनाया जाए. लंबे चले चक्का जाम के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आगामी 3 दिनों के भीतर इस मामले की जांच कर प्रशासन अपना रुख स्पष्ट कर देगा. प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम खत्म किया. फिलहाल गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई (jagdalpur news today) है.

जगदलपुर में शव दफनाने के बाद बवाल

कौन बिगाड़ रहा बस्तर की हवा : सूत्रों से यह भी खबर निकल कर हमेशा सामने आती है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपना वोट बैंक बनाने के लिए इस तरह के सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का काम करते हैं. बीते दिनों बस्तर के ही नागलसर में भी ग्रामीणों ने शव के साथ छीना झपटी की थी. कंधे पर रखे अर्थी के साथ छेड़छाड़ की गई थी.

ऐसे विरोध को रोकना क्यों जरुरी : यदि इस मामले को यहीं नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में बस्तर में एक बड़ा सांप्रदायिक दंगा होने की भी संभावनाएं बन सकती है. जिससे बस्तर को काफी नुकसान होगा. इसका असर पूरे छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है. राज्य शासन को इस मामले पर एक कड़ा आदेश जारी कर देना चाहिए कि यदि कोई अपनी मर्जी से किसी धर्म को मानता है और उसके रीति रिवाज के अनुसार आगे की कार्यवाही करता है तो उस पर किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं चाहिए. संविधान में भी सभी को किसी भी धर्म को मानने का अधिकार दिया गया (jagdalpur latest news ) है.

Last Updated : Sep 1, 2022, 4:46 PM IST
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