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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में बस्तरवासी नहीं दिखा रहे रुचि, रजिस्ट्रेशन के मुकाबले कम बन रहे लाइसेंस

बस्तर में लोग आरटीओ ऑफिस में जाकर लाइसेंस बनवाने से कतरा रहे हैं. जितनी संख्या में जिले में गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.उससे आधी संख्या में लोगों लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं.

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गाड़ी तो है पर लाइसेंस नहीं
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Published : Dec 6, 2020, 1:06 PM IST

जगदलपुर: लॉकडाउन के बाद फर्राटे से शहर में गाड़िया दौड़नी शुरू हो गई है. पुलिस प्रशासन भी सख्ती से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. इस सीजन लोगों ने ऑटोमोबाइल्स की जमकर खरीदारी की है. जितनी तेजी से लोग गाड़ियों की डिलीवरी कर रहे हैं. उतनी ही ढिलाई लाइसेंस बनाने में बरत रहे हैं. ETV भारत की टीम ने जब इसकी वजह जानने की कोशिश की तो लोगों का कहना था कि लाइसेंस बनवाने के प्रोसेस का सरलीकरण किया जाए तो उन्हें जिस समस्या का सामना करना पड़ता है वह नहीं करना होगा और आसानी से सभी अपना ड्राइविंग लाइसेंस पा सकेंगे.

गाड़ी तो है पर लाइसेंस नहीं

त्योहार के सीजन में शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी लोगों ने टू व्हीलर के साथ-साथ फोर व्हीलर की भी जमकर खरीदारी की है. सीजन होने की वजह से केवल नवंबर माह में ही 1250 नये वाहनों की परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिसमें टू व्हीलर वाहनों की संख्या ज्यादा है.

परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक-

  • 2019 में कुल 12 हजार 893 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
  • 2020 अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 5 हजार 719 नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
  • 7097 नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन में अंतर देखा जा रहा है.
  • अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 2 हजार 741 लोगों ने ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया.
  • 2019 में सिर्फ 4 हजार लोगों ने लाइसेंस बनवाया था.

शहर और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें कई बार परिवहन विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं. एजेंट सक्रिय होने की वजह से कई लोग ज्यादा कीमतों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को मजबूर हुए हैं. विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से वे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन कार्यालय जाने से भी हिचकते हैं. युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में सरलीकरण किए जाए. लाइसेंस बनाने के लिए जागरूक होंगे और उन्हें बेवजह यातायात पुलिस की चालानी कार्रवाई का शिकार नहीं होना पड़ेगा.

पढ़ें- बस्तर: धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम, बिचौलियों पर कड़ी नजर

RTO में एजेंट सक्रिय

ड्राइविंग लाइसेंस के सरकारी कीमत 1500 रुपए के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें 4000 से लेकर 4500 रुपये तक खर्च करना पड़ता है. उसमें भी काफी लेटलतीफी होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में पहली बार वर्चुअल मैराथन 13 दिसम्बर को, कोविड-19 गाइडलाइन का होगा पालन

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग लाइसेंस बनवाने में रूचि नहीं ले रहे हैं. जबकि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल माह से अक्टूबर माह तक आरटीओ विभाग में काम पूरी तरह से प्रभावित था. इस दौरान राजस्व का भी काफी नुकसान हुआ है. विभाग में एजेंट कार्यालय में सक्रिय हैं और बेवजह ज्यादा कीमत पर लाइसेंस बना कर दे रहे हैं. इस सवाल पर परिवहन अधिकारी ने ऑनलाइन पद्धति का हवाला देते हुए विभाग के कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों पर गोलमोल जवाब दिया.

लगातार हो रही चालानी कार्रवाई

यातायात विभाग के डीएसपी पंकज ठाकुर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पिछले मार्च महीने से नवंबर माह तक बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले कुल 297 लोगों पर चालानी कार्रवाई की गई है. कई वाहनों के रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किये गए हैं.

जगदलपुर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हमेशा से ही एजेंटों के बोलबाला होने की वजह से कई बार कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ चुके हैं, बावजूद इसके किसी तरह की कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई है. इस वजह से लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं.

जगदलपुर: लॉकडाउन के बाद फर्राटे से शहर में गाड़िया दौड़नी शुरू हो गई है. पुलिस प्रशासन भी सख्ती से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. इस सीजन लोगों ने ऑटोमोबाइल्स की जमकर खरीदारी की है. जितनी तेजी से लोग गाड़ियों की डिलीवरी कर रहे हैं. उतनी ही ढिलाई लाइसेंस बनाने में बरत रहे हैं. ETV भारत की टीम ने जब इसकी वजह जानने की कोशिश की तो लोगों का कहना था कि लाइसेंस बनवाने के प्रोसेस का सरलीकरण किया जाए तो उन्हें जिस समस्या का सामना करना पड़ता है वह नहीं करना होगा और आसानी से सभी अपना ड्राइविंग लाइसेंस पा सकेंगे.

गाड़ी तो है पर लाइसेंस नहीं

त्योहार के सीजन में शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी लोगों ने टू व्हीलर के साथ-साथ फोर व्हीलर की भी जमकर खरीदारी की है. सीजन होने की वजह से केवल नवंबर माह में ही 1250 नये वाहनों की परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिसमें टू व्हीलर वाहनों की संख्या ज्यादा है.

परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक-

  • 2019 में कुल 12 हजार 893 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
  • 2020 अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 5 हजार 719 नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
  • 7097 नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन में अंतर देखा जा रहा है.
  • अप्रैल माह से 30 नवंबर तक केवल 2 हजार 741 लोगों ने ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया.
  • 2019 में सिर्फ 4 हजार लोगों ने लाइसेंस बनवाया था.

शहर और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें कई बार परिवहन विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं. एजेंट सक्रिय होने की वजह से कई लोग ज्यादा कीमतों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को मजबूर हुए हैं. विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से वे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन कार्यालय जाने से भी हिचकते हैं. युवाओं का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में सरलीकरण किए जाए. लाइसेंस बनाने के लिए जागरूक होंगे और उन्हें बेवजह यातायात पुलिस की चालानी कार्रवाई का शिकार नहीं होना पड़ेगा.

पढ़ें- बस्तर: धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम, बिचौलियों पर कड़ी नजर

RTO में एजेंट सक्रिय

ड्राइविंग लाइसेंस के सरकारी कीमत 1500 रुपए के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें 4000 से लेकर 4500 रुपये तक खर्च करना पड़ता है. उसमें भी काफी लेटलतीफी होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में पहली बार वर्चुअल मैराथन 13 दिसम्बर को, कोविड-19 गाइडलाइन का होगा पालन

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग लाइसेंस बनवाने में रूचि नहीं ले रहे हैं. जबकि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल माह से अक्टूबर माह तक आरटीओ विभाग में काम पूरी तरह से प्रभावित था. इस दौरान राजस्व का भी काफी नुकसान हुआ है. विभाग में एजेंट कार्यालय में सक्रिय हैं और बेवजह ज्यादा कीमत पर लाइसेंस बना कर दे रहे हैं. इस सवाल पर परिवहन अधिकारी ने ऑनलाइन पद्धति का हवाला देते हुए विभाग के कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों पर गोलमोल जवाब दिया.

लगातार हो रही चालानी कार्रवाई

यातायात विभाग के डीएसपी पंकज ठाकुर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पिछले मार्च महीने से नवंबर माह तक बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले कुल 297 लोगों पर चालानी कार्रवाई की गई है. कई वाहनों के रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किये गए हैं.

जगदलपुर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में हमेशा से ही एजेंटों के बोलबाला होने की वजह से कई बार कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ चुके हैं, बावजूद इसके किसी तरह की कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई है. इस वजह से लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं.

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