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जगदलपुर: इंद्रावती नदी को बचाने के लिए पांचवें दिन की पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब - पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब

इंद्रावती नदी के पदयात्रा के पांचवें दिन जनसैलाब उमड़ पड़ा.

पांचवें दिन की पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब
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Published : May 12, 2019, 6:09 PM IST

जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए बस्तर इन्द्रावती नदी बचाओ मंच की ओर से 8 मई को निकाली गई पदयात्रा पांचवें दिन भी जारी रही. इंद्रावती बचाओ जनजागरण पदयात्रा में रविवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा.

पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब

बता दें कि भेजापदर गांव से 8 मई को इंद्रावती नदी बचाओ अभियान की शुरुआत हुई थी. अभियान में सैकड़ों ग्रामीण जुड़ते चले गए और पदयात्रा विशाल जनसमूह में तब्दील हो गई है.

बच्चे, युवा, बुजुर्ग समेत शामिल हुईं महिलाएं

रविवार की सुबह पदयात्रियों की टोली जिले में पहुंची. इस दौरान शहर के लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने इस अभियान से जुड़े लोगों की जमकर तारीफ की और आगे बचे यात्रा में शामिल होने का संकल्प लिया. अभियान के पांचवें दिन यह पदयात्रा धोबीगुड़ा गांव से शुरू हुई और नदी के कटीले और कठिनाई भरे रास्तों से गुजरते हुए 5 किलोमीटर का सफर तयकर जगदलपुर के पुराना पुल पहुंची.

बस्तर के क्षेत्र में सुखता जा रहा है इन्द्रावती नदी का पानी
इस पदयात्रा का मकसद ओडिशा सरकार और छत्तीसगढ सरकार के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक खातीगुड़ा डेम से 45 टीएमसी पानी बस्तरवासियों को दिया जाना है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ओडिशा सरकार अपने वायदे के मुताबिक पानी नहीं देते हुए अपने क्षेत्र में बांध पर बांध बनाता जा रहा है, जिससे इन्द्रावती नदी बस्तर के क्षेत्र में सुखती जा रही है.

जनप्रतिनिधि ने अभी तक नहीं दिया है इस ओर ध्यान
बस्तरवासियों पर जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. पदयात्रा निकालते हुए 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन और बस्तर के किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है और न ही इसकी सुध लेने के लिए आगे आए हैं.

चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी पदयात्रा
नगरनार के भेजापदर गांव से शुरू हुई यह पदयात्रा आगामी 10 दिनों में 70 किलोमीटर पैदल सफर तय कर चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा.

जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए बस्तर इन्द्रावती नदी बचाओ मंच की ओर से 8 मई को निकाली गई पदयात्रा पांचवें दिन भी जारी रही. इंद्रावती बचाओ जनजागरण पदयात्रा में रविवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा.

पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब

बता दें कि भेजापदर गांव से 8 मई को इंद्रावती नदी बचाओ अभियान की शुरुआत हुई थी. अभियान में सैकड़ों ग्रामीण जुड़ते चले गए और पदयात्रा विशाल जनसमूह में तब्दील हो गई है.

बच्चे, युवा, बुजुर्ग समेत शामिल हुईं महिलाएं

रविवार की सुबह पदयात्रियों की टोली जिले में पहुंची. इस दौरान शहर के लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने इस अभियान से जुड़े लोगों की जमकर तारीफ की और आगे बचे यात्रा में शामिल होने का संकल्प लिया. अभियान के पांचवें दिन यह पदयात्रा धोबीगुड़ा गांव से शुरू हुई और नदी के कटीले और कठिनाई भरे रास्तों से गुजरते हुए 5 किलोमीटर का सफर तयकर जगदलपुर के पुराना पुल पहुंची.

बस्तर के क्षेत्र में सुखता जा रहा है इन्द्रावती नदी का पानी
इस पदयात्रा का मकसद ओडिशा सरकार और छत्तीसगढ सरकार के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक खातीगुड़ा डेम से 45 टीएमसी पानी बस्तरवासियों को दिया जाना है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ओडिशा सरकार अपने वायदे के मुताबिक पानी नहीं देते हुए अपने क्षेत्र में बांध पर बांध बनाता जा रहा है, जिससे इन्द्रावती नदी बस्तर के क्षेत्र में सुखती जा रही है.

जनप्रतिनिधि ने अभी तक नहीं दिया है इस ओर ध्यान
बस्तरवासियों पर जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. पदयात्रा निकालते हुए 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन और बस्तर के किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है और न ही इसकी सुध लेने के लिए आगे आए हैं.

चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी पदयात्रा
नगरनार के भेजापदर गांव से शुरू हुई यह पदयात्रा आगामी 10 दिनों में 70 किलोमीटर पैदल सफर तय कर चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा.

Intro: जगदलपुर। बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने बस्तर इन्द्रावती नदी बचाओ मन्च के द्वारा निकाली गई पदयात्रा पांचवे दिन भी जारी रही ।8 मई से शुरू हुई इंद्रावती बचाओ जन जागरण पदयात्रा में आज जन सैलाब उमड़ पड़ा। दरअसल 8 मई से भेजापदर ग्राम से इंद्रावती नदी बचाओ अभियान की शुरुआत हुई थी। अभियान के बीच सैकड़ों ग्रामीण पदयात्रा में जुड़ते चले गए और अब इंद्रावती बचाने के लिए शुरू हुई यह पदयात्रा विशाल जनसमूह में तब्दील हो गया है । नदी के तट से कटीले और कठिनाई भरे रास्तों से होते हुए आज रविवार की सुबह यह पद यात्रियों की टोली जगदलपुर शहर पहुंची। इस दौरान शहर के लोगों ने पद यात्रियों का स्वागत किया ।स्थानीय लोगों ने इस अभियान से जुड़े लोगों की जमकर तारीफ की और आगे बचे यात्रा में शामिल होने का संकल्प लिया ।आज अभियान के पांचवे दिन यह पदयात्रा धोबीगुड़ा गांव से शुरू हुई और नदी के कटीले व कठिनाई भरे रास्तो से गुजरते हुए 5 किलोमीटर का सफर तय कर जगदलपुर के पुराना पुल पहुंची। इस पद यात्रा मे बच्चे समेत युवा, बुजुर्ग और बडी संख्या मे महिलायें भी शामिल हो रही है। 8मई से शुरु हुई यह पदयात्रा हर दिन इन्द्रावती नदी के तट से होते हुए 5कि मी का सफर तय कर चित्रकोट कि ओर बढ रही है। और इस पदयात्रा को लोगो का अच्छा जनसमर्थन भी मिल रहा है।इस पदयात्रा के माध्यम से बस्तरवासी इन्द्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने सरकार और जिला प्रशासन का ध्यानआकर्षण करने मे लगे हुए है।और इस पदयात्रा का मकसद ओडिसा सरकार और छत्तीसगढ सरकार के बीच हुए अनुबन्ध के मुताबिक खातीगुड़ा डेम से 45 टीएमसी पानी बस्तरवासीयों को दिया जाना है लेकिन पिछले कुछ सालो से ओडिसा सरकार अपने वायदे के मुताबिक पानी नही देते हुए अपने क्षेत्र मे बांध पर बांध बनाता जा रहा है जिससे इन्द्रावती नदी बस्तर के क्षेत्र मे सुख्ती जा रही है।और बस्तर वासियों पर जल संकट का खतरा मंडराने लगा है। इधर बस्तर वासियों द्वारा इंद्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने पद यात्रा निकालते हुए 5 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक प्रशासन और बस्तर के किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है ।और ना ही इसकी सुध लेने आगे आया है । नगरनार के भेजापदर गांव से शुरू हुई यह पदयात्रा आगामी 10 दिनों में 70 किलोमीटर पैदल सफर तय कर चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी। जहां इस पद यात्रा का समापन किया जाएगा। लेकिन इस बीच इस पदयात्रा को मिल रहे जनसमर्थन से उम्मीद यहीं लगाई जा रही है कि समय रहते प्रशासन या सरकार का कोई नुमाइंदा इंद्रावती नदी को बचाने जरूर आगे आयेगा।



Body:बाईट 1-संपत झा,स्थानीय
बाईट 2रमेश दास,स्थानीय


Conclusion:
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