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बस्तर में धरने पर बैठे संविदा के कर्मचारी, सरकार पर भविष्य से खिलवाड़ का आरोप - भविष्य के साथ खिलवाड़

बस्तर जिले में 3 सालों से कार्यरत 600 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को एक साथ काम से निकालने के बाद कर्मचारियों की रोजी-रोटी छीन गई है. काम पर वापस लेने की मांग को लेकर इन कर्मचारियों ने एक बार फिल से महारानी अस्पताल के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया.

Demonstration of contract employees in Bastar
धरने पर बैठे संविदा के कर्मचारी
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Published : Dec 11, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 8:16 PM IST

जगदलपुरः जिले में 3 सालों से कार्यरत 600 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों (contract health workers) को एक साथ काम से निकालने के बाद कर्मचारियों की रोजी-रोटी (livelihood of employees) छीन गयी है. इसके बाद से कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर जिम्मेदारों का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हैं और आज एक बार फिर से सभी कर्मचारी काम पर वापस लेने की मांग को लेकर महारानी अस्पताल के सामने बैठें हैं. कर्मचारियों का कहना है कि काम से निकालने के बाद से वे अब बेरोजगार होकर सड़क पर आ चुके हैं.

धरने पर बैठे संविदा के कर्मचारी

धरना प्रदर्शनों से बिगड़ी छत्तीसगढ़ सरकार की सेहत, विधानसभा चुनावों में पड़ सकता है असर

सरकार कर रही भविष्य से खिलवाड़

साथ ही उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने उन्हें भगवान की उपाधि दी है. वह सरकार कैसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ (messing with the future) कर सकती है. सरकार उनके भविष्य का खयाल रखते हुए जल्द से जल्द उन्हें काम पर वापस लें. ताकि बस्तर में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित न हो। इधर कर्मचारियों के काम बंद कर देने के बाद से ही अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पर्याप्त रूप से अस्पताल में कर्मचारी नहीं होने से मरीजों को परिजनों द्वारा खुद ही व्हील चेयर में ले जाया जा रहा है. साथ ही नार्मल वार्ड ही नहीं बल्कि ICU वार्ड तक मे मरीजों को एडमिट कर यूं ही छोड़ दिया गया है. जहां देखरेख के अभाव में मरीजों की स्थिति और बिगड़ती जा रही है. जिस पर हमनें एक दिन पहले खबर प्रमुखता से दिखाई थी.

जगदलपुरः जिले में 3 सालों से कार्यरत 600 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों (contract health workers) को एक साथ काम से निकालने के बाद कर्मचारियों की रोजी-रोटी (livelihood of employees) छीन गयी है. इसके बाद से कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर जिम्मेदारों का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हैं और आज एक बार फिर से सभी कर्मचारी काम पर वापस लेने की मांग को लेकर महारानी अस्पताल के सामने बैठें हैं. कर्मचारियों का कहना है कि काम से निकालने के बाद से वे अब बेरोजगार होकर सड़क पर आ चुके हैं.

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सरकार कर रही भविष्य से खिलवाड़

साथ ही उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने उन्हें भगवान की उपाधि दी है. वह सरकार कैसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ (messing with the future) कर सकती है. सरकार उनके भविष्य का खयाल रखते हुए जल्द से जल्द उन्हें काम पर वापस लें. ताकि बस्तर में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित न हो। इधर कर्मचारियों के काम बंद कर देने के बाद से ही अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पर्याप्त रूप से अस्पताल में कर्मचारी नहीं होने से मरीजों को परिजनों द्वारा खुद ही व्हील चेयर में ले जाया जा रहा है. साथ ही नार्मल वार्ड ही नहीं बल्कि ICU वार्ड तक मे मरीजों को एडमिट कर यूं ही छोड़ दिया गया है. जहां देखरेख के अभाव में मरीजों की स्थिति और बिगड़ती जा रही है. जिस पर हमनें एक दिन पहले खबर प्रमुखता से दिखाई थी.

Last Updated : Dec 11, 2021, 8:16 PM IST
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