जगदलपुरः बस्तर के मजदूरों को आंध्र प्रदेश के ओंगोले गांव में एक ठेकेदार के द्वारा बंधक बनाए जाने की सूचना पर जिला प्रशासन ने रेस्क्यू टीम (Administration rescue team) का सहारा लिया. इसके सहारे बस्तर के सभी 11 मजदूरों को सकुशल घर वापस ले आया गया है. इन्हें ठेकेदार के द्वारा इनकी मजदूरी भी दिलाई गई है. आज देर शाम रेस्क्यू टीम इन सभी 11 मजदूरों को आंध्र प्रदेश से बस्तर लेकर पहुंची और बस्तर कलेक्टर ने सभी मजदूरों से मुलाकात की.
कुछ दिन पूर्व आंध्र प्रदेश के ठेकेदार के चंगुल (Contractor's clutches) से भाग कर बस्तर पहुंचे 2 मजदूरों ने जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन (Jagdalpur MLA Rekhchand Jain) से मुलाकात किया. उन्हें बस्तर के 11 मजदूरों को एक ठेकेदार द्वारा बंधक बनाए जाने की जानकारी दी. जिसके बाद विधायक ने छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव डहरिया (Labor Minister Shiv Dahria) से इस मामले को लेकर चर्चा की. तत्काल जिला प्रशासन (district administration) ने एक रेस्क्यू टीम बना कर दल को आंध्र प्रदेश के ओंगोले गांव के लिए रवाना किया. यहां टीम ने प्रकाशम जिले के कलेक्टर (DM) से मुलाकात कर उन्हें पूरी जानकारी दी.
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ठेकेदार कर रहा था मजदूरों का उत्पीड़न
टीम ने ओंगोले गांव के समता नगर से ठेकेदार के चंगुल से सभी 11 मजदूरों को रिहा कराया और बकायदा ठेकेदार से सभी मजदूरों को उनके मजदूरी का भुगतान भी कराया. ठेकेदार के चंगुल में फंसे यह मजदूर दरभा ब्लॉक के तीरथगढ़ गांव के निवासी हैं जो काम की तलाश में एक वेंडर के चंगुल में फंस कर आंध्र प्रदेश के ओंगोले गांव पहुंच गए थे. यहां ठेकेदार के द्वारा बस्तर के इन मजदूरों को प्रताड़ित (harassed) किया गया और उनसे मारपीट भी की गई. जिसके बाद जैसे-तैसे 2 मजदूर ठेकेदार के चंगुल से वापस बस्तर पहुंच कर विधायक को इसकी जानकरी दी. जिसके बाद प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जानकारी मिलने के 4 दिन बाद ही सभी मजदूरों को सकुशल वापस उनके घर पहुंचाया.