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रावघाट से लौह अयस्क की पहली खेप पहुंची भिलाई

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Published : Sep 12, 2022, 11:27 AM IST

Updated : Sep 12, 2022, 11:40 AM IST

Rawghat first consignment of iron ore: रावघाट खदान क्षेत्र से लौह अयस्क की पहली खेप भिलाई स्टील प्लांट पहुंची. 21 वैगन से आयरन ओर बीएसपी पहुंची. जिसका अधिकारियों ने स्वागत किया. अंजरेल से मिले लौह अयस्क में 62 प्रतिशत तक आयरन की मात्रा है. इस लौह अयस्क से भिलाई इस्पात संयंत्र की इस्पात उत्पादन की लागत में कमी आयेगी.

Rawghat first consignment of iron ore
रावघाट से लौह अयस्क की पहला खेप पहुंची भिलाई

दुर्ग: भिलाई इस्पात संयंत्र की महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित परियोजना का पहला चरण लगभग पूर्णता पर है. रावघाट खदान क्षेत्र से लोह अहस्य की पहली खेप भिलाई पहुंची. इस परियोजना के तहत रावघाट लौह अयस्क खदान क्षेत्र के एफ ब्लॉक के अंजरेल क्षेत्र में दिसम्बर 2021 से भिलाई इस्पात संयंत्र ने लौह अयस्क उत्खनन का काम शुरू किया था.Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai

Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai
रावघाट का लोह अयस्क

लौह अयस्क के 21 वैगन को हरी झंडी दिखाकर भिलाई किया रवाना: इस लौह अयस्क को भिलाई तक लाने के लिए रेल लाइन की भी स्थापना की जा रही है. इस परियोजना के तहत अंजरेल से उत्खनन किए गए लौह अयस्क के प्रथम रैक का तकनीक ट्रायल लेते हुए अंतागढ़ से भिलाई इस्पात संयंत्र लाया गया. भिलाई इस्पात संयंत्र परिसर में रविवार को संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस रैक का स्वागत किया.

Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai
अधिकारियों ने दिखाई हरी झंडी

रावघाट रेल परियोजना में हुए घोटाले पर कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई, 100 करोड़ की होगी वसूली

रावघाट में अयस्क खनन से होगा विकास: संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा " यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ की धरती से लौह अयस्क संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस, स्टील मेल्टिंग शॉप तक पहुंचता है और विश्व स्तरीय उत्पादों जैसे हमारे रेल में परिवर्तित हो जाता है. हम रावघाट में रामकृष्ण मिशन, बीएसएफ और डीएवी स्कूल से मिल कर काम कर रहे हैं. दल्ली राजहरा रावघाट से अयस्क के लिए लाभकारी क्षेत्र के रूप में काम करेगा. रावघाट से लंबे समय से प्रतीक्षित अयस्क का खनन अब साकार हो रहा है. सेल बीएसपी राज्य सरकार के सहयोग से प्रगति करेगी और सभी तकनीकी मुद्दों से निपटेगी. "

लंबे समय बाद पहला खेप पहुंची भिलाई स्टील प्लांट: भिलाई इस्पात संयंत्र ने रावघाट क्षेत्र में 3 लाख टन प्रतिवर्ष लौह अयस्क के उत्खनन और निर्गमन की अनुमति लेने के बाद अंजरेल अंतागढ़ से 21 वैगन में पहला खेप को लोड किया और हरी झंडी दिखाकर भिलाई के लिए रवाना किया गया. अंजरेल से अंतागढ़ रेलवे स्टेशन तक 50 किलोमीटर सड़कमार्ग से और अंतागढ़ रेलवे स्टेशन से भिलाई इस्पात संयंत्र तक 150 किलोमीटर की यात्रा करके पहली खेप भिलाई स्टील प्लांट पहुंची. अंजरेल से मिले लौह अयस्क में 62 प्रतिशत तक आयरन की मात्रा है. इस लौह अयस्क से भिलाई इस्पात संयंत्र की इस्पात उत्पादन की लागत में कमी आयेगी और देश के विकास में अत्यधिक योगदान मिलेगी. भिलाई ने अंजरेल अंतागढ़ में दिसम्बर 2021 में लौह अयस्क उत्खनन का काम शुरू किया था.

दुर्ग: भिलाई इस्पात संयंत्र की महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित परियोजना का पहला चरण लगभग पूर्णता पर है. रावघाट खदान क्षेत्र से लोह अहस्य की पहली खेप भिलाई पहुंची. इस परियोजना के तहत रावघाट लौह अयस्क खदान क्षेत्र के एफ ब्लॉक के अंजरेल क्षेत्र में दिसम्बर 2021 से भिलाई इस्पात संयंत्र ने लौह अयस्क उत्खनन का काम शुरू किया था.Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai

Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai
रावघाट का लोह अयस्क

लौह अयस्क के 21 वैगन को हरी झंडी दिखाकर भिलाई किया रवाना: इस लौह अयस्क को भिलाई तक लाने के लिए रेल लाइन की भी स्थापना की जा रही है. इस परियोजना के तहत अंजरेल से उत्खनन किए गए लौह अयस्क के प्रथम रैक का तकनीक ट्रायल लेते हुए अंतागढ़ से भिलाई इस्पात संयंत्र लाया गया. भिलाई इस्पात संयंत्र परिसर में रविवार को संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस रैक का स्वागत किया.

Rawghat first consignment of iron ore reached Bhilai
अधिकारियों ने दिखाई हरी झंडी

रावघाट रेल परियोजना में हुए घोटाले पर कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई, 100 करोड़ की होगी वसूली

रावघाट में अयस्क खनन से होगा विकास: संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा " यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ की धरती से लौह अयस्क संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस, स्टील मेल्टिंग शॉप तक पहुंचता है और विश्व स्तरीय उत्पादों जैसे हमारे रेल में परिवर्तित हो जाता है. हम रावघाट में रामकृष्ण मिशन, बीएसएफ और डीएवी स्कूल से मिल कर काम कर रहे हैं. दल्ली राजहरा रावघाट से अयस्क के लिए लाभकारी क्षेत्र के रूप में काम करेगा. रावघाट से लंबे समय से प्रतीक्षित अयस्क का खनन अब साकार हो रहा है. सेल बीएसपी राज्य सरकार के सहयोग से प्रगति करेगी और सभी तकनीकी मुद्दों से निपटेगी. "

लंबे समय बाद पहला खेप पहुंची भिलाई स्टील प्लांट: भिलाई इस्पात संयंत्र ने रावघाट क्षेत्र में 3 लाख टन प्रतिवर्ष लौह अयस्क के उत्खनन और निर्गमन की अनुमति लेने के बाद अंजरेल अंतागढ़ से 21 वैगन में पहला खेप को लोड किया और हरी झंडी दिखाकर भिलाई के लिए रवाना किया गया. अंजरेल से अंतागढ़ रेलवे स्टेशन तक 50 किलोमीटर सड़कमार्ग से और अंतागढ़ रेलवे स्टेशन से भिलाई इस्पात संयंत्र तक 150 किलोमीटर की यात्रा करके पहली खेप भिलाई स्टील प्लांट पहुंची. अंजरेल से मिले लौह अयस्क में 62 प्रतिशत तक आयरन की मात्रा है. इस लौह अयस्क से भिलाई इस्पात संयंत्र की इस्पात उत्पादन की लागत में कमी आयेगी और देश के विकास में अत्यधिक योगदान मिलेगी. भिलाई ने अंजरेल अंतागढ़ में दिसम्बर 2021 में लौह अयस्क उत्खनन का काम शुरू किया था.

Last Updated : Sep 12, 2022, 11:40 AM IST

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