दुर्ग: छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस को गुरुवार को शिवनाथ नदी से दो शव मिले. दोनों ही शव 25 से 30 साल के युवाओं के थे. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि युवा आत्मघाती कदम क्यों उठा रहे हैं. बॉडी बिल्डिंग के लिए आजकल का हर युवा जिम जाना चाह रहा है. पर क्या फिजिकल हेल्थ के साथ युवाओं को मेंटल हेल्थ की ट्रेनिंग दिया जाना भी जरूरी है. (dead body found in shivnath river )
जिम के लिए निकले युवक ने शिवनाथ में लगाई छलांग: राजनांदगांव निवासी व्यापारी का बेटा ऋषभ सिंघल बुधवार से लापता था. जिम जाने की बात कहकर घर से निकला और फिर वापस नहीं आया. परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में की तो पुलिस को फोन की लोकेशन शिवनाथ के आसपास मिली. दुर्ग में बघेरा के पास बने शिवनाथ नदी के ब्रिज के पास ऋषभ की कार मिली. पास में ही चप्पल और कपड़े भी मिले. इसके तुरंत बाद एसडीआरएफ की टीम शिवनाथ पुल के पास ऋषभ सिंघल को तलाशने लगी तो उन्हें उसका शव मिला. पुलिस को युवक के कपड़ों से सुसाइड नोट भी मिला. जिसमें युवक ने परेशान होकर खुदकुशी की बात लिखी. (rajnandgaon Merchant son died by suicide due to depression)
सुसाइड नोट में ऋषभ ने लिखा -" मुझे माफ कर देना. मैं इस तरह अब और नहीं रह सकता हूं. इतने दिन तक आप लोगों का चेहरा देखकर जिंदा रहा. लेकिन अब इस तरह और नहीं जी सकता हूं. इसलिए मैं खुदकुशी करने जा रहा हूं." (Why youth committing suicide )
डिप्रेशन की वजह से की खुदकुशी: परिजनों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि "चार साल पहले सड़क दुर्घटना में ऋषभ बुरी तरह घायल हो गया था. इसके बाद वह रिकवर तो हो गया लेकिन पूरी तरह से नहीं. इस वजह से वह परेशान रहता था. कुछ अलग करना चाहता था जो नहीं कर पा रहा था. इसकी वजह से परेशान रहता था.
शिवनाथ नदी में मिले दो शव: अब दूसरे शव के बारे में बात करते हैं. शिवनाथ नदी में सर्चिंग के दौरान गोताखोरों को एक और शव मिला. शव 25 साल के युवका का है. जिसकी पहचान प्रीतम साहू हसदा निवासी के रूप में हुई है. पुलिस को अभी मौत के कारण का पता नहीं चला है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है.
डिप्रेशन क्या है: जिंदगी में कुछ कमी, दुख, लाचारी, बीमारी, निराशा जैसी भावनाएं अगर कुछ दिनों से लेकर महीनों तक रहे. इसकी वजह से व्यक्ति अगर सामान्य रूप से अपनी दिनचर्चा जारी नहीं रख पा रहा है. तो इसे डिप्रेशन कहा जाएगा. WHO के अनुसार दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से ग्रस्त है. भारत में इसकी संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है. डिप्रेशन सामान्यता 25 से 40 साल की उम्र में ही होती है.