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ब्रह्मदेव ने कराया था हटकेश्वरनाथ धाम का निर्माण, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का होगा भव्य विवाह - HATKESHWARNATH DHAM IN RAIPUR

खारुन नदी के तट पर बने हटकेश्वरनाथ धाम को लेकर भक्तों के बीच कई धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं.

HATKESHWARNATH DHAM IN RAIPUR
भगवान शिव और माता पार्वती का होगा भव्य विवाह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 24, 2025, 7:29 PM IST

रायपुर: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा. खारुन नदी के तट पर बने हटकेश्वरनाथ धाम पर भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी. महाशिवरात्रि पर यहां हर साल मेला आयोजित किया जाता है. भगवान शिव की बारात यहां से निकलती है और बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह में शामिल होते हैं. बाद में मंदिर में उनकी प्रतिमा बनाकर उनकी आरती की जाती है. महाशिवरात्रि की तैयारियों को फाइनल के लिए मंदिर प्रबंधन लगातार काम कर रहा है. सुरक्षा के इंतजामों को लेकर भी जिला प्रशासन की टीम तैयार है.

हटकेश्वरनाथ धाम: ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए शिवरात्रि के दिन हटकेश्वरनाथ धाम में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. लोग सुबह से मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं. राजधानी के ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिरों में से एक खारुन नदी के तट पर स्थित हटकेश्वरनाथ धाम को गिना जाता है. कहा जाता है कि यहां पर स्वयंभू शिवलिंग है. इस मंदिर का निर्माण राजा ब्रह्मदेव ने 1428 ईस्वी में पुत्र रत्न की प्राप्ति होने के बाद करवाया था ऐसी भी मान्यता है.

कार्तिक पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर लगता है मेला: कार्तिक पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है. मेले को लेकर दुकानदारों में उत्साह रहता है. दुकानदारों का कहना है कि राजिम कुंभ जाने वाले भक्त भी यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए आते हैं.

HATKESHWARNATH DHAM IN RAIPUR
भगवान शिव और माता पार्वती का होगा भव्य विवाह (ETV Bharat)

खारुन नदी के तट पर हटकेश्वरनाथ धाम को लोग महादेव घाट के नाम से भी जानते हैं. जब भी भक्त यहां पर आते हैं भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के साथ ही मां काली हनुमान जी के दर्शन करते हैं. खारुन नदी पर बने लक्ष्मण झूला और नौका विहार का भी आनंद लेते हैं. मेले के दौरान व्यापार अच्छा होने की उम्मीद है - बसंत गुप्ता, दुकानदार, महादेव घाट

इस बार के महाशिवरात्रि का मेला काफी अच्छा होने की उम्मीद है. कुंभ मेला के साथ ही प्रयागराज में भी महाकुंभ चल रहा है जिसकी वजह से भी यहां पर लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी. महाशिवरात्रि के इस मेले पर भक्त भोलेनाथ के शिवलिंग, माला, मोती तांबे के लोटे और कलश त्रिशूल जैसी चीजों की डिमांड करते हैं - टीलेश्वर गिरी गोस्वामी, दुकानदार महादेव घाट

मंदिर में होगी महाआरती: हटकेश्वरनाथ धाम के पुजारी सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि का मेला 26 और 27 फरवरी को होगा. 2 दिनों के मेले में हजारों की संख्या में भक्ति पहुंचेंगे. 26 फरवरी को भगवान भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती के साथ होगा. आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. 26 फरवरी को दोपहर में बारात निकाली जाएगी और रात्रि 7:30 से 8:00 बजे के बीच भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर विधि विधान पूर्वक महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रांगण में दो लाइन लगाकर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट एक ही गेट से बनाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए मंदिर में अरघा लगाकर जल चढ़ाने की व्यवस्था होगी - पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी, पुजारी, हटकेश्वरनाथ धाम महादेव घाट

मंदिर से जुड़ी मान्यताएं: हटकेश्वरनाथ धाम के इस मंदिर का निर्माण सन 1428 ईस्वी में राजा ब्रह्मदेव ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद करवाया था ऐस मान्यता है. कहा जाता है कि कलचुरी राजा ब्रह्मदेव जब इस क्षेत्र में शिकार के लिए आए हुए थे तब अचानक घोड़े के पैर में मोच लगने के कारण घोड़ा गिर पड़ा. उस स्थल को साफ करके देखा गया तो वहां पर स्वयंभू शिवलिंग था. उसके बाद राजा ब्रह्मदेव ने कामना की कि अगर मेरे घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है तो मंदिर बनाने के साथ ही यहां मेला लगाएंगे. कुछ सालों के बाद राजा ब्रह्मदेव के घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. तब से खारुन नदी के तट पर मेले की शुरुआत हुई ऐसा कहा जाता है.

सावन में साक्षात शिव बुलाते हैं अपने हटकेश्वरनाथ धाम, बन जाते हैं सात जन्मों के बिगड़े काम - Raipur Hatkeshwarnath Dham
हटकेश्वरनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर लगी भक्तों की भीड़, भगवान भोलेनाथ की निकाली जाएगी बारात
रायपुर का हटकेश्वरनाथ धाम, राजा ब्रह्मदेव ने पुत्र प्राप्ति के बाद कराया था मंदिर का निर्माण

रायपुर: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा. खारुन नदी के तट पर बने हटकेश्वरनाथ धाम पर भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी. महाशिवरात्रि पर यहां हर साल मेला आयोजित किया जाता है. भगवान शिव की बारात यहां से निकलती है और बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह में शामिल होते हैं. बाद में मंदिर में उनकी प्रतिमा बनाकर उनकी आरती की जाती है. महाशिवरात्रि की तैयारियों को फाइनल के लिए मंदिर प्रबंधन लगातार काम कर रहा है. सुरक्षा के इंतजामों को लेकर भी जिला प्रशासन की टीम तैयार है.

हटकेश्वरनाथ धाम: ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए शिवरात्रि के दिन हटकेश्वरनाथ धाम में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. लोग सुबह से मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं. राजधानी के ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिरों में से एक खारुन नदी के तट पर स्थित हटकेश्वरनाथ धाम को गिना जाता है. कहा जाता है कि यहां पर स्वयंभू शिवलिंग है. इस मंदिर का निर्माण राजा ब्रह्मदेव ने 1428 ईस्वी में पुत्र रत्न की प्राप्ति होने के बाद करवाया था ऐसी भी मान्यता है.

कार्तिक पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर लगता है मेला: कार्तिक पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है. मेले को लेकर दुकानदारों में उत्साह रहता है. दुकानदारों का कहना है कि राजिम कुंभ जाने वाले भक्त भी यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए आते हैं.

HATKESHWARNATH DHAM IN RAIPUR
भगवान शिव और माता पार्वती का होगा भव्य विवाह (ETV Bharat)

खारुन नदी के तट पर हटकेश्वरनाथ धाम को लोग महादेव घाट के नाम से भी जानते हैं. जब भी भक्त यहां पर आते हैं भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के साथ ही मां काली हनुमान जी के दर्शन करते हैं. खारुन नदी पर बने लक्ष्मण झूला और नौका विहार का भी आनंद लेते हैं. मेले के दौरान व्यापार अच्छा होने की उम्मीद है - बसंत गुप्ता, दुकानदार, महादेव घाट

इस बार के महाशिवरात्रि का मेला काफी अच्छा होने की उम्मीद है. कुंभ मेला के साथ ही प्रयागराज में भी महाकुंभ चल रहा है जिसकी वजह से भी यहां पर लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी. महाशिवरात्रि के इस मेले पर भक्त भोलेनाथ के शिवलिंग, माला, मोती तांबे के लोटे और कलश त्रिशूल जैसी चीजों की डिमांड करते हैं - टीलेश्वर गिरी गोस्वामी, दुकानदार महादेव घाट

मंदिर में होगी महाआरती: हटकेश्वरनाथ धाम के पुजारी सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि का मेला 26 और 27 फरवरी को होगा. 2 दिनों के मेले में हजारों की संख्या में भक्ति पहुंचेंगे. 26 फरवरी को भगवान भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती के साथ होगा. आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. 26 फरवरी को दोपहर में बारात निकाली जाएगी और रात्रि 7:30 से 8:00 बजे के बीच भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर विधि विधान पूर्वक महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रांगण में दो लाइन लगाकर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट एक ही गेट से बनाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए मंदिर में अरघा लगाकर जल चढ़ाने की व्यवस्था होगी - पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी, पुजारी, हटकेश्वरनाथ धाम महादेव घाट

मंदिर से जुड़ी मान्यताएं: हटकेश्वरनाथ धाम के इस मंदिर का निर्माण सन 1428 ईस्वी में राजा ब्रह्मदेव ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद करवाया था ऐस मान्यता है. कहा जाता है कि कलचुरी राजा ब्रह्मदेव जब इस क्षेत्र में शिकार के लिए आए हुए थे तब अचानक घोड़े के पैर में मोच लगने के कारण घोड़ा गिर पड़ा. उस स्थल को साफ करके देखा गया तो वहां पर स्वयंभू शिवलिंग था. उसके बाद राजा ब्रह्मदेव ने कामना की कि अगर मेरे घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है तो मंदिर बनाने के साथ ही यहां मेला लगाएंगे. कुछ सालों के बाद राजा ब्रह्मदेव के घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. तब से खारुन नदी के तट पर मेले की शुरुआत हुई ऐसा कहा जाता है.

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