दुर्ग: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार के मौके पर किसानों को तोहफा दिया है. सीएम ने कृषि कार्य आसान करने वाले दो आधुनिक कृषि यंत्रों का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के ग्राम करसा में लगाई गई कृषि प्रदर्शनी में पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर का शुभारंभ किया.
भूपेश बघेल का किसानों को तोहफा: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में बचत होगी. साथ ही लागत में भी कमी होगी. बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर के उपयोग से पशुओं पर भी बोझ कम पड़ेगा. बैटरी सह मोटर के उपयोग से मवेशियों को यंत्र को खींचने में बल कम लगता है. जिससे मवेशियों को थकान कम लगेगी. यह दोनों ही कृषि यंत्र इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है.
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कल्टीवेटर की विशेषता: अक्सर देखा जाता है कि खेत जुताई के लिए किसान देसी हल का उपयोग करते हैं. इसके बाद पाटा का उपयोग करते है. इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते. इससे बीज बोने वाले यंत्र को चलाने में कठिनाई होती है. ऐसे में दो बार जुताई के लिए पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर किसानों की समस्या का निदान दिलाएगी. यह यंत्र में 750 वॉट (1एचपी) का मोटर लगा है और 48 वोल्ट पॉवर की बैटरी लगाई गई है. इस कल्टीवेटर की सहायता से 1 हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में एक बार दो जुताई की जा सकती है. इससे जहां मवेशियों को कम बल लगाना पड़ेगा तो वहीं किसान भी बैठकर आसानी से पूरे यंत्र को संचालित कर सकता है. इस आधुनिक यंत्र की लागत क़रीब 55-60 हज़ार रुपये बतायी जा रही है.
कतारबद्ध बुआई के काम आएगा प्लांटर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक द्वारा पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर भी बनाया गया है. इसकी सहायता से कतारबद्ध बीज से बीज की दूरी बनाए रखते हुए बुआई की जा सकेगी. इस प्लांटर को कतार से कतार के बीच की दूरी फसल के अनुसार 20 से 50 सेन्टीमीटर तक व्यवस्थित कर सकते हैं. प्लांटर की लागत लगभग 20-25 हज़ार रुपये बताई जा रही है.