धमतरी: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े बांध गंगरेल में पानी की भरपूर आवक होने के बाद पहली बार ऐसी नौबत आई है कि जुलाई महीने में बांध के गेट को खोल कर नदी में पानी का डिस्चार्ज शुरू करना पड़ा है. आमतौर पर अगस्त के महीने में ही बांध के गेट खोले जाते थे. लेकिन इस बार केचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश के चलते ऐसी स्थिति बनी है. डैम लबालब होने की स्थिति में पहुंच गया और एहतियात के तौर पर बांध से पानी छोड़ कर नदी में बहाना पड़ा है. धमतरी कलेक्टर पी एसएल्मा के निर्देशानुसार जल संसाधन, राजस्व और पुलिस विभाग के अमले द्वारा नदी के आसपास के 45 गांवों में पानी छोड़ने संबंधी मुनादी कर सतर्क किया गया है. (Gangrel dam gates opened )
गंगरेल में भरपूर पानी: केचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश और भारी मात्रा में पानी की आवक होने की वजह से बांध से महानदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा को बढ़ाकर 50 हजार क्यूसेक कर दिया गया है. गंगरेल बांध में प्रति सेकेंड 49 हजार 376 क्यूसेक पानी आ रहा है. वर्तमान में बांध के 6 गेट के माध्यम से महानदी में 50 हजार 520 क्यूसेक पानी जा रहा है. इसके बाद से महानदी में दोनों छोर पर बाढ़ जैसी स्थितियां नजर आ रही है. (Flood situation around Gangrel)
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गंगरेल डैम के सभी गेट खोले गए: गंगरेल बांध में चार साल बाद एक साथ 14 गेट खुलने का विहंगम दृश्य देखने सैलानियों की भीड़ बढ़ गई है. बांध क्षेत्र के अलावा महानदी में बाढ़ देखने अछोटा पुल में भीड़ देखी जा सकती है. गंगरेल बांध का निर्धारित जलस्तर 348.70 मीटर है, जिसके मुकाबले कुल जल भराव 31.817 टीएमसी हो गया है. उपयोगी जल 26.745 टीएमसी है. बांध में प्रति सेकेंड 49 हजार 376 क्यूसेकट पानी की आवक हो रही है. जबकि 50 हजार 520 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. रविवार दोपहर सभी 14 गेट खोल दिये गये. जिसे सोमवार को बंद कर सिर्फ 6 गेट क्रमांक 3, 4, 10, 11, 12, 14 से पानी छोड़ा जा रहा है. गंगरेल बांध में लबालब पानी भरने के बाद बाहर के सैलानी भी बांध का मनोरम दृश्य देखने पहुंच रहे हैं. view of Gangrel became beautiful