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पार्षद पाइप उखाड़कर ले गया घर पानी के लिए तड़प रहे रहवासी

बिलासपुर के कई वार्डों में पानी की किल्लत है.वहीं कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां जनप्रतिनिधियों की कारिस्तानी के कारण रहवासी पानी के लिए तरस रहे(Water crisis in Kormi village of Bilaspur) हैं.

Water problem in many wards of Bilaspur
पार्षद पाइप उखाड़कर ले गया घर पानी के लिए तड़प रहे रहवासी
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Published : May 21, 2022, 6:32 PM IST

Updated : May 22, 2022, 9:04 AM IST

बिलासपुर : भीषण गर्मी से जहां लोग परेशान हैं. वहीं अब बढ़ती गर्मी के साथ ही क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है. शहर से लगे क्षेत्रों में लोग पिछले कई सालों से पानी की किल्लत से परेशान हैं. क्षेत्र के लोगों के अलावा मवेशियों को भी पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा (Water problem in many wards of Bilaspur) है. ग्रामीण तपती दोपहर में कई किलोमीटर दूर से पानी भरकर ला रहे हैं. भरी दोपहरी में ग्रामीण पीने के पानी की एक-एक बूंद के लिए भटकते देखे जा सकते हैं.

पार्षद पाइप उखाड़कर ले गया घर पानी के लिए तड़प रहे रहवासी

कहां से मिल रहा है पानी : निगम क्षेत्र से लगे गांवों और नए जुड़े वार्डों की तस्वीर झकझोर कर रख देती है. इस जगह के लोगों को पानी के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ रही है. बिलासपुर के कोरमी गांव के पहले नगर निगम के वार्ड 11, 12 और 13 में पानी की कमी देखने को मिल रही है. यहां के नागरिकों को पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. यहां सिर्फ एक बोर चालू है, जहां से ग्रामीणों को पीने योग्य पानी उपलब्ध हो पा रहा है. ऐसे में बोरपंप पर पानी भरने के लिए सुबह और शाम भीड़ लगी रहती (Water crisis in Kormi village of Bilaspur) है.

हैंडपंप बन गए हैं सफेद हाथी,पार्षद ले गया पाइप : कुछ वार्ड में हैंडपंप तो है, लेकिन जलस्तर नीचे जाने से बंद हो गए हैं. वहीं कुछ पंप तकनीकी खराबी के कारण बंद हैं. नागरिकों के शिकायत करने के बाद भी निगम के विभागीय अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं. वार्ड के जागरूक नागरिक बलराम देवांगन ने बताया कि पहले वार्ड में एक किलोमीटर तक पाइप लाइन था. लेकिन कांग्रेस पार्षद चुनाव जीतने के बाद पाइप उखाड़कर ले गया जिसके बाद अब लोग 1 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर से पानी लेकर आ रहे हैं.



अब दो किलोमीटर दूर मिल रहा पानी : ग्रामीणों को करीब दो किलोमीटर दूर से तपती दोपहरी में पानी लाना पड़ रहा है. इस कारण ग्रामीण एक ही खेप में ज्यादा से ज्यादा पानी लाने के लिए रिक्शा, मोटरसाईकिल,ठेला, सायकिल का सहारा ले रहे हैं. ग्रामीण वाहनों पर पानी के बर्तन,टंकी बांधकर पानी भरने के लिए पहुंच रहे हैं.


अफसरों की आंखें हैं बंद : यहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि कई बार आएं. लेकिन उनकी समस्या जस की तस है. महिला शिवदुलारी ने कहा कि ''वे लोग कब से पाइप लगाने की मांग कर रहे है. एक बोरिंग एक किलोमीटर दूर है वहां तक पानी आता है और वो खुद अपने खर्चे से पाइप लगवाना भी चाह रहे हैं. लेकिन इस डर से नही लगवा रहे है कि कही ये गैरकानूनी तो नही है जिससे उन्हें सजा हो जाए.'' महिला सुनीता ने बताया कि '' कलेक्टर से लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, जोन कमिश्नर को भी वह अपनी समस्या से अवगत करा चुके लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी.महापौर रामशरण यादव भी खुद आकर उनकी समस्या को देखें लेकिन किए कुछ नहीं.''



कहां-कहां है पानी की किल्लत : शहर के एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करने के लिए मजबूर होते हैं. इस बार निगम का दावा रहा था कि निगम क्षेत्रों में जलसंकट नहीं होगा, लेकिन यह दावा फेल हो चुका है. शहर के अंतर्गत तालापारा,गणेश नगर,कुदुदंड, तारबाहर, सिरगिट्टी, शांतिनगर, तिफरा, तोरवा, देवरीखुर्द, लालखदान, जरहाभाठा, मिनी बस्ती, नया पारा, जूना बिलासपुर, जोरापारा, चिंगराजपारा में हर बार गर्मी में मौसम में पानी की समस्या होती है.

ये भी पढ़ें - मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे वार्डवासी

कब से है पानी की किल्लत : ये क्षेत्र दो दशक से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं अब मई का महीना चल रहा है. इस माह में जलसंकट अपने चरम पर होता है. लेकिन समय पर समस्या दूर करने में भी निगम विफल हो जा रहा है. जिसका खामियाजा तपती धूप और गर्मी में पानी की किल्लत के रूप में शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. इसके बाद भी निगम इन समस्याओं को दूर नहीं कर पाया है. निगम का जल अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

बिलासपुर : भीषण गर्मी से जहां लोग परेशान हैं. वहीं अब बढ़ती गर्मी के साथ ही क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है. शहर से लगे क्षेत्रों में लोग पिछले कई सालों से पानी की किल्लत से परेशान हैं. क्षेत्र के लोगों के अलावा मवेशियों को भी पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा (Water problem in many wards of Bilaspur) है. ग्रामीण तपती दोपहर में कई किलोमीटर दूर से पानी भरकर ला रहे हैं. भरी दोपहरी में ग्रामीण पीने के पानी की एक-एक बूंद के लिए भटकते देखे जा सकते हैं.

पार्षद पाइप उखाड़कर ले गया घर पानी के लिए तड़प रहे रहवासी

कहां से मिल रहा है पानी : निगम क्षेत्र से लगे गांवों और नए जुड़े वार्डों की तस्वीर झकझोर कर रख देती है. इस जगह के लोगों को पानी के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ रही है. बिलासपुर के कोरमी गांव के पहले नगर निगम के वार्ड 11, 12 और 13 में पानी की कमी देखने को मिल रही है. यहां के नागरिकों को पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. यहां सिर्फ एक बोर चालू है, जहां से ग्रामीणों को पीने योग्य पानी उपलब्ध हो पा रहा है. ऐसे में बोरपंप पर पानी भरने के लिए सुबह और शाम भीड़ लगी रहती (Water crisis in Kormi village of Bilaspur) है.

हैंडपंप बन गए हैं सफेद हाथी,पार्षद ले गया पाइप : कुछ वार्ड में हैंडपंप तो है, लेकिन जलस्तर नीचे जाने से बंद हो गए हैं. वहीं कुछ पंप तकनीकी खराबी के कारण बंद हैं. नागरिकों के शिकायत करने के बाद भी निगम के विभागीय अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं. वार्ड के जागरूक नागरिक बलराम देवांगन ने बताया कि पहले वार्ड में एक किलोमीटर तक पाइप लाइन था. लेकिन कांग्रेस पार्षद चुनाव जीतने के बाद पाइप उखाड़कर ले गया जिसके बाद अब लोग 1 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर से पानी लेकर आ रहे हैं.



अब दो किलोमीटर दूर मिल रहा पानी : ग्रामीणों को करीब दो किलोमीटर दूर से तपती दोपहरी में पानी लाना पड़ रहा है. इस कारण ग्रामीण एक ही खेप में ज्यादा से ज्यादा पानी लाने के लिए रिक्शा, मोटरसाईकिल,ठेला, सायकिल का सहारा ले रहे हैं. ग्रामीण वाहनों पर पानी के बर्तन,टंकी बांधकर पानी भरने के लिए पहुंच रहे हैं.


अफसरों की आंखें हैं बंद : यहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि कई बार आएं. लेकिन उनकी समस्या जस की तस है. महिला शिवदुलारी ने कहा कि ''वे लोग कब से पाइप लगाने की मांग कर रहे है. एक बोरिंग एक किलोमीटर दूर है वहां तक पानी आता है और वो खुद अपने खर्चे से पाइप लगवाना भी चाह रहे हैं. लेकिन इस डर से नही लगवा रहे है कि कही ये गैरकानूनी तो नही है जिससे उन्हें सजा हो जाए.'' महिला सुनीता ने बताया कि '' कलेक्टर से लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, जोन कमिश्नर को भी वह अपनी समस्या से अवगत करा चुके लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी.महापौर रामशरण यादव भी खुद आकर उनकी समस्या को देखें लेकिन किए कुछ नहीं.''



कहां-कहां है पानी की किल्लत : शहर के एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करने के लिए मजबूर होते हैं. इस बार निगम का दावा रहा था कि निगम क्षेत्रों में जलसंकट नहीं होगा, लेकिन यह दावा फेल हो चुका है. शहर के अंतर्गत तालापारा,गणेश नगर,कुदुदंड, तारबाहर, सिरगिट्टी, शांतिनगर, तिफरा, तोरवा, देवरीखुर्द, लालखदान, जरहाभाठा, मिनी बस्ती, नया पारा, जूना बिलासपुर, जोरापारा, चिंगराजपारा में हर बार गर्मी में मौसम में पानी की समस्या होती है.

ये भी पढ़ें - मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे वार्डवासी

कब से है पानी की किल्लत : ये क्षेत्र दो दशक से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं अब मई का महीना चल रहा है. इस माह में जलसंकट अपने चरम पर होता है. लेकिन समय पर समस्या दूर करने में भी निगम विफल हो जा रहा है. जिसका खामियाजा तपती धूप और गर्मी में पानी की किल्लत के रूप में शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. इसके बाद भी निगम इन समस्याओं को दूर नहीं कर पाया है. निगम का जल अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

Last Updated : May 22, 2022, 9:04 AM IST

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