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खाद्य निरीक्षक भर्ती में व्यापम पर लापरवाही का आरोप, गलत उत्तरों को बताया सही, हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

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Published : Apr 22, 2022, 12:53 PM IST

खाद्य निरीक्षक भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई (Petition in Bilaspur High Court)गई है. जिस पर सुनवाई हुई. सुनवाई में भर्ती को हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रखने के निर्देश दिए गए हैं.

खाद्य निरीक्षक भर्ती में व्यापम पर लापरवाही का आरोप

बिलासपुर : व्यावसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board Chhattisgarh) के खाद्य निरीक्षक पद पर भर्ती परीक्षा का गलत उत्तर जारी करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका में कोर्ट ने खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती को इस मामले में पेश याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखने के निर्देश दिए हैं. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 4 जनवरी 2022 को खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के 84 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसके लिए लिखित परीक्षा 20 फरवरी को आयोजित की गई थी.

किसने लगाई याचिका : खाद्य निरीक्षक परीक्षा के मामले में जिले के अभ्यर्थी प्रवीण मिश्रा ने खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था. इसमें व्यापम द्वारा गलत उत्तर लिखे जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने एक याचिका दायर की . याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती इस याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी. याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहर के माध्यम से याचिका पेश की है.

क्या है पूरा मामला : छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board Chhattisgarh) ने जनवरी 2022 को खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के 84 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. लिखित परीक्षा 20 फरवरी को आयोजित की गई अभ्यर्थी प्रवीण मिश्रा भी इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुए. परीक्षा परिणाम में प्रवीण मिश्रा को ओवरऑल 29 वां रैंक प्राप्त हुआ. इस दौरान व्यापम द्वारा मॉडल उत्तर जारी किया गया और दावा आपत्ति मंगाई गई. इस पर प्रवीण मिश्रा ने प्रश्नोत्तर क्रमांक 130, 85, 102, 118, 165, 172 और 176 पर आपत्ति दर्ज कराई.

दावा-आपत्ति को किया नजरअंदाज : इसके बावजूद व्यापम ने प्रवीण मिश्रा की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए अंतिम उत्तर जारी कर दिए.यही नहीं गलत उत्तरों को सही ठहरा दिया (vyapam corrects wrong answers) गया. इससे क्षुब्ध होकर प्रवीण मिश्रा ने याचिका दायर की. याचिका का मुख्य आधार यह लिखा गया कि याचिकाकर्ता के सही उत्तर देने के बाद भी छत्तीसगढ़ व्यापम ने गलत उत्तरों का चयन किया है.

ये भी पढ़ें -रिटायर्ड अफसरों के NGO में करोड़ों के घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई

सही उत्तरों को किया विलोपित : वहीं 2 प्रश्नों के उत्तर सही होने के बावजूद बिना किसी कारण के विलोपित कर दिया. याचिकाकर्ता के द्वारा प्रमाण के साथ सही उत्तर देने के बावजूद बिना समिति गठित कर गलत उत्तर का चयन करना असंवैधानिक है. सुनवाई के बाद जस्टिस पी सैम कोशी ने यह आदेश पारित किया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती इस याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी.

बिलासपुर : व्यावसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board Chhattisgarh) के खाद्य निरीक्षक पद पर भर्ती परीक्षा का गलत उत्तर जारी करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका में कोर्ट ने खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती को इस मामले में पेश याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखने के निर्देश दिए हैं. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 4 जनवरी 2022 को खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के 84 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसके लिए लिखित परीक्षा 20 फरवरी को आयोजित की गई थी.

किसने लगाई याचिका : खाद्य निरीक्षक परीक्षा के मामले में जिले के अभ्यर्थी प्रवीण मिश्रा ने खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था. इसमें व्यापम द्वारा गलत उत्तर लिखे जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने एक याचिका दायर की . याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती इस याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी. याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहर के माध्यम से याचिका पेश की है.

क्या है पूरा मामला : छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board Chhattisgarh) ने जनवरी 2022 को खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक के 84 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. लिखित परीक्षा 20 फरवरी को आयोजित की गई अभ्यर्थी प्रवीण मिश्रा भी इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुए. परीक्षा परिणाम में प्रवीण मिश्रा को ओवरऑल 29 वां रैंक प्राप्त हुआ. इस दौरान व्यापम द्वारा मॉडल उत्तर जारी किया गया और दावा आपत्ति मंगाई गई. इस पर प्रवीण मिश्रा ने प्रश्नोत्तर क्रमांक 130, 85, 102, 118, 165, 172 और 176 पर आपत्ति दर्ज कराई.

दावा-आपत्ति को किया नजरअंदाज : इसके बावजूद व्यापम ने प्रवीण मिश्रा की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए अंतिम उत्तर जारी कर दिए.यही नहीं गलत उत्तरों को सही ठहरा दिया (vyapam corrects wrong answers) गया. इससे क्षुब्ध होकर प्रवीण मिश्रा ने याचिका दायर की. याचिका का मुख्य आधार यह लिखा गया कि याचिकाकर्ता के सही उत्तर देने के बाद भी छत्तीसगढ़ व्यापम ने गलत उत्तरों का चयन किया है.

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सही उत्तरों को किया विलोपित : वहीं 2 प्रश्नों के उत्तर सही होने के बावजूद बिना किसी कारण के विलोपित कर दिया. याचिकाकर्ता के द्वारा प्रमाण के साथ सही उत्तर देने के बावजूद बिना समिति गठित कर गलत उत्तर का चयन करना असंवैधानिक है. सुनवाई के बाद जस्टिस पी सैम कोशी ने यह आदेश पारित किया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निरीक्षक पद की भर्ती इस याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी.

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