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SPECIAL: बड़े क्रिएटिव और इनोवेटिक हैं ये जूनियर साइंटिस्ट

सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला (एटीएल) में तीन नए अविष्कार किए हैं. इन इनोवेशन्स ने जिला और प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है.

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Published : Jul 14, 2019, 12:19 AM IST

बिलासपुर: अमूमन हम सभी में ये सामान्य सी धारणा है कि सरकारी स्कूलों के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में कम होनहार होते हैं. इसके पीछे की वजह भी है, शायद सरकारी स्कूलों का स्तर अभी पूरी तरह से इतना ऊपर नहीं उठा है जो, निजी स्कूलों को टक्कर दे सके. लेकिन आज हम आपको छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के ऐसे अविष्कारों से रू-ब-रू कराएंगे, जिन्हें देख आप कह उठेंगे वाह क्या इनोवेशन है.

बड़े क्रिएटिव और इनोवेटिक हैं ये जूनियर साइंटिस्ट

बिलासपुर की सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला (एटीएल) में तीन नए अविष्कार किए हैं. इन इनोवेशन्स ने जिला और प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. छात्रों का पहला अविष्कार है कृषि मित्र, जैसा की नाम से ही जाहिर होता है कि यह किसानों का दोस्त साबित होने वाला है.

छात्रों के दूसरे अविष्कार को ग्रीन सिल्ड का नाम दिया गया है. यह क्या है और कैसे काम करता है. इस बारे में आपको खुद बता रहे हैं इसका अविष्कार करने वाले जूनियर साइंटिस्ट.

छात्रों का तीसरा अविष्कार पर्यापरण के साथ-साथ स्वच्छता के लिए मील का पत्थर शामिल होने वाला है.

नीति आयोग की ओर से की ओर से कराई गई प्रतियोगिता में तीनों प्रोजेक्ट्स ने देशभर के टॉप 100 में अपना स्थान बनाया है. छात्रों की इस कामियाबी से संस्था के टीचर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं.

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की इस कामियाबी ने बता दिया कि अगर किसी काम को मेहनत और लगन से अंजाम दिया जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. अब बस जरूरत है तो इन होनहारों की इस कला तो ग्लोबल लेवल की पहचान दिलाने की.

बिलासपुर: अमूमन हम सभी में ये सामान्य सी धारणा है कि सरकारी स्कूलों के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में कम होनहार होते हैं. इसके पीछे की वजह भी है, शायद सरकारी स्कूलों का स्तर अभी पूरी तरह से इतना ऊपर नहीं उठा है जो, निजी स्कूलों को टक्कर दे सके. लेकिन आज हम आपको छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के ऐसे अविष्कारों से रू-ब-रू कराएंगे, जिन्हें देख आप कह उठेंगे वाह क्या इनोवेशन है.

बड़े क्रिएटिव और इनोवेटिक हैं ये जूनियर साइंटिस्ट

बिलासपुर की सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला (एटीएल) में तीन नए अविष्कार किए हैं. इन इनोवेशन्स ने जिला और प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. छात्रों का पहला अविष्कार है कृषि मित्र, जैसा की नाम से ही जाहिर होता है कि यह किसानों का दोस्त साबित होने वाला है.

छात्रों के दूसरे अविष्कार को ग्रीन सिल्ड का नाम दिया गया है. यह क्या है और कैसे काम करता है. इस बारे में आपको खुद बता रहे हैं इसका अविष्कार करने वाले जूनियर साइंटिस्ट.

छात्रों का तीसरा अविष्कार पर्यापरण के साथ-साथ स्वच्छता के लिए मील का पत्थर शामिल होने वाला है.

नीति आयोग की ओर से की ओर से कराई गई प्रतियोगिता में तीनों प्रोजेक्ट्स ने देशभर के टॉप 100 में अपना स्थान बनाया है. छात्रों की इस कामियाबी से संस्था के टीचर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं.

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की इस कामियाबी ने बता दिया कि अगर किसी काम को मेहनत और लगन से अंजाम दिया जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. अब बस जरूरत है तो इन होनहारों की इस कला तो ग्लोबल लेवल की पहचान दिलाने की.

Intro:एक सामान्य सी धारणा बनी है कि सरकारी स्कूलों के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में कम होनहार होते हैं और सरकारी स्कूल तो सिर्फ पढ़ाई लिखाई के नामपर महज औपचारिकताएं भर रह गईं हैं । लेकिन जब आप बिलासपुर के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को देखेंगे तो शासकीय स्कूल से जुड़ी आपकी तमाम मिथक टूट जाएगी । तो आइए बिना कुछ और पहेली बुझाए आपको सीधे लिए चलते हैं बिलासपुर के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में और बताते हैं कि आखिर किस तरह से इस स्कूल के बाल वैज्ञानिकों ने पूरे देश में अपना परचम लहराया है ।


Body:दरअसल बिलासपुर के इस शासकीय स्कूल के बच्चों ने स्कूल के ही प्रयोगशाला(एटीएल) में अपने तीन अलग-अलग नए आविष्कार कर पूरे देश में अपना लोहा मनवा लिया है । इन आविष्कारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है । नीति आयोग ने बिलासपुर के बाल वैज्ञानिकों के इन तीनों प्रोजेक्ट को चयन कर लिया है और इस तरह से बिलासपुर का यह हायर सेकेंडरी स्कूल देश का एकमात्र स्कूल बन गया है जिसके तीन प्रोजेक्ट का एक साथ नीति आयोग ने टॉप 100 में चयन किया है । इस बड़ी उपलब्धि के बाद प्रोजेक्ट से जुड़े तमाम छात्रों के अलावा स्कूल प्रवंधन खासा उत्साहित है और प्रयोगधर्मी छात्रों और उनकी पूरी टीम की भरपूर तारीफ हो रही है ।
ये हैं तीन आविष्कार-
1.अटल कृषि मित्र :--यह एक तरह का रोबोट है जो किसानों के लिए मददगार होता है । इस मशीन के माध्यम से एक साथ कई कृषि कार्य को संपादित किया जा सकता है । मसलन खेत जोतना,फ़सल कटाई,बुआई, दवा छिड़काव जैसे कार्य । यह यह यन्त्र कॉस्ट इफेक्टिव भी है और यह पर्यावरण को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाता ।

2. ग्रीन सिल्ड :--यह आविष्कार वेस्ट टू बेस्ट की अवधारणा पर विकसित की गई है । यह आविष्कार वातावरण में दिनोंदिन तापमान के बढ़ने और उससे बचाव के उपाय को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है । इसमें ख़राब प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है और यह बताने की कोशिश की गई है कि किस तरह से दो दीवारों के बीच यदि प्लास्टिक का एक लेयर हो तो यह बाहरी तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है ।

3. बायो टॉयलेट :--यह एक तरह का ऑटोमेटिक टॉयलेट की अवधारणा लिए हुए है । इसमें गन्दगी,दुर्गंध,टॉयलेट चॉक की समस्या को दूर करने के अलावा "एजो" वैक्टीरिया की मदद से वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बनाया जाता है । यह टॉयलेट भारतीय रेल में सामान्य रूप से गन्दगी और चॉक होने की समस्या को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है । इसमें अतिरिक्त मानव श्रम की जरूरत नहीं पड़ती,सारा सिस्टम मैकेनाइज्ड रहता है ।

bite...1..डॉ भारती, सीनियर टीचर
bite...2..हरीश चौधरी..छात्र..ग्रीन शर्ट
bite...3..प्रकाश निर्मलकर..छात्र..पीला-काला टी शर्ट
bite...4..गौरव महतो..पीला टीशर्ट..छात्र
bite...5..स्वास्तिक प्रजापति..छात्र..टीशर्ट में कलम पहने हुए
bite...6..आर के गौराहा...प्राचार्य(काली कुर्सी पर बैठे)
bite...7..डॉ धनंजय पांडेय... छात्रों के गाइड(सफेद टी शर्ट और चश्मा पहने हुए)



Conclusion:अब आनेवाले दिनों में सम्भव है कि इन बच्चों के आविष्कारों को मूर्त रूप दिया जाय और इसे जनउपयोगी मशीन के रूप में इस्तेमाल भी किया जाय । इन बच्चों और स्कूल प्रवंधन का यह अथक प्रयास ही है कि ये बच्चे कम संसाधन और कम सुविधाओं के बीच भी आज अपने खोजी सोच के कारण बिलासपुर का परचम लहरा रहे हैं । अब जरूरत है तो बस इस बच्चों को भरपूर प्रोत्साहन और जरूरी आर्थिक मदद की ताकि आज के ये होनहार बच्चे कल अव्वल दर्ज़े के वैज्ञानिक बन देश और दुनिया में इनका बोलबाला हो ।
विशाल झा..... बिलासपुर
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