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मरवाही का रण: चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस दोनों को राम नाम का सहारा

मरवाही उपचुनाव के प्रचार के दौरान राम नाम की राजनीति बखूबी देखने मिल रही है.कांग्रेस जहां राम को अपना कह रहे हैं तो बीजेपी भी सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के दायर हलफनामें का हवाला दे रही है.

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कांग्रेस-बीजेपी
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Published : Oct 24, 2020, 2:33 PM IST

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जैसे जैसे मरवाही उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे ही सभी पार्टियों ने प्रचार में जोर लगा दिया है. रोज मंत्रियों और नेताओं के दौरे हो रहे हैं. इस बीच मरवाही चुनाव प्रचार के दौरान राम नाम की राजनीति भी देखने को मिल रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राम का सहारा लेते हुए चुनाव में अपनी नईया पार लगाने में लगी हुई है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम राम को अपना कह हैं तो नेता प्रतिपक्ष ने भी उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कह दिया कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में राम काल्पनिक हैं कहकर हलफनामा दिया था.

कांग्रेस बीजेपी की राम नाम पर राजनीति

पढ़ें- VIDEO: मांदर की थाप पर जमकर थिरके लखमा और केके ध्रुव

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का कहना है कि बीजेपी राम के नाम पर अब तक खेल खेल रही है, बीजेपी राम-राम जप रही है और पराया माल अपना कर रही है. जब-जब चुनाव आता है बीजेपी राम का सहारा लेती है, लेकिन भगवान राम का कोई ख्याल नहीं किया जाता. 15 साल तक प्रदेश में बीजेपी ने राज किया है. जब महात्मा गांधी ने अपने प्राण त्यागे तो उनके मुख से अंतिम शब्द हे-राम निकला. मरकाम ने कहा कि भूपेश सरकार दीन दुखियों की सेवा कर महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चल रही है. छत्तीसगढ़ की 2 करोड़ जनता की सेवा कर रही है.

धरमलाल कौशिक का पलटवार

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का आरोप है कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि राम काल्पनिक हैं. बस्तर की सभा में एक नेता ने कहा किसको जलाना चाहिए किसको जला रहे हैं. सवाल इस बात का नहीं है कि राम किसके हैं. राम हमारें नहीं हैं, राम उनके नहीं हैं.राम दिल में बसते हैं. हजारों-करोड़ों लोगों के हृदय में वास करते हैं. कांग्रेसी वह लोग हैं जो राम को काल्पनिक कहते हैं. उनके नाम पर हलफनामा देते हैं और बीजेपी वह है जिन्होंने अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया है और वहां भव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है.

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जैसे जैसे मरवाही उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे ही सभी पार्टियों ने प्रचार में जोर लगा दिया है. रोज मंत्रियों और नेताओं के दौरे हो रहे हैं. इस बीच मरवाही चुनाव प्रचार के दौरान राम नाम की राजनीति भी देखने को मिल रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राम का सहारा लेते हुए चुनाव में अपनी नईया पार लगाने में लगी हुई है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम राम को अपना कह हैं तो नेता प्रतिपक्ष ने भी उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कह दिया कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में राम काल्पनिक हैं कहकर हलफनामा दिया था.

कांग्रेस बीजेपी की राम नाम पर राजनीति

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पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का कहना है कि बीजेपी राम के नाम पर अब तक खेल खेल रही है, बीजेपी राम-राम जप रही है और पराया माल अपना कर रही है. जब-जब चुनाव आता है बीजेपी राम का सहारा लेती है, लेकिन भगवान राम का कोई ख्याल नहीं किया जाता. 15 साल तक प्रदेश में बीजेपी ने राज किया है. जब महात्मा गांधी ने अपने प्राण त्यागे तो उनके मुख से अंतिम शब्द हे-राम निकला. मरकाम ने कहा कि भूपेश सरकार दीन दुखियों की सेवा कर महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चल रही है. छत्तीसगढ़ की 2 करोड़ जनता की सेवा कर रही है.

धरमलाल कौशिक का पलटवार

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का आरोप है कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि राम काल्पनिक हैं. बस्तर की सभा में एक नेता ने कहा किसको जलाना चाहिए किसको जला रहे हैं. सवाल इस बात का नहीं है कि राम किसके हैं. राम हमारें नहीं हैं, राम उनके नहीं हैं.राम दिल में बसते हैं. हजारों-करोड़ों लोगों के हृदय में वास करते हैं. कांग्रेसी वह लोग हैं जो राम को काल्पनिक कहते हैं. उनके नाम पर हलफनामा देते हैं और बीजेपी वह है जिन्होंने अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया है और वहां भव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है.

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