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जेल से मुख्यमंत्रियों और राज्यपाल से मांगी थी फिरौती, डकैती-हत्या मामलों का कुख्यात बिलासपुर HC से बरी - Notorious accused Pushpendra Singh acquitted of life imprisonment

बिलासपुर हाईकोर्ट से कुख्यात अपराधी पुष्पेंद्र सिंह चौहान को बड़ी राहत मिली है. पुलिस जांच में चूक के कारण हाईकोर्ट ने उसे डकैती और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया है. आरोपी ने बिलासपुर जेल में रहते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सीएम को जान से मारने की धमकी भरा पत्र लिखा था. जबकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से 50 करोड़ फिरौती मांगी थी.

Notorious murder accused Pushpendra Singh acquitted of life imprisonment
हत्या का कुख्यात आरोपी पुष्पेंद्र सिंह आजीवन कारावास से बरी
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Published : Mar 22, 2022, 4:45 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 5:27 PM IST

बिलासपुर : 13 साल पहले एटीएम में डकैती के दौरान गार्ड की गोली मारकर हत्या (Guard shot dead during robbery in ATM) मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपियों की सजा बिलासपुर हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी (High Court canceled the sentence of life imprisonment) है. मामले में पहले आरोपियों को जांजगीर के सक्ती कोर्ट से आजीवन सजा और 3-3 लाख रुपए का जुर्माना लगा था. आरोपियों को पुलिस की गलत जांच का लाभ हाईकोर्ट से मिल गया और आजीवन कारावास की सजा निरस्त हो गई. इससे पीड़ित पक्ष में काफी रोष है.

क्या था पूरा मामला ?

कुख्यात डकैत पुष्पेंद्र नाथ चौहान (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) ने अपने साथियों के साथ 29 दिसंबर 2008 को सक्ती रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम में डकैती की. इस दौरान गार्ड सीताराम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी एटीएम से 14 लाख रुपए निकालकर भाग निकले थे. इस मामले में जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभाटा निवासी पुष्पेंद्र नाथ चौहान उर्फ मनीष और उसके साथियों को पुलिस ने साल 2008 में बिलासपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था. ये सभी उस समय भी डकैती की ही योजना बना रहे थे. वर्तमान में सभी बिलासपुर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं.

30 मई 2014 को कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा

आरोपियों के खिलाफ सकती कोर्ट में केस चला था. 30 मई 2014 को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा (sentence of life imprisonment) सुनाई थी. सभी पर 3-3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इस रकम में से 14 लाख रुपए स्टेट बैंक को देने थे. आरोपियों ने जिला कोर्ट के इस फैसले को अधिवक्ता अजय अयाची के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद डकैत सरगना सहित सभी को इस केस से बरी कर दिया है.

तीन साल में ही लूट और डकैती के कई मामलों को दिया अंजाम

पुष्पेंद्रनाथ चौहान कुख्यात (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) बदमाश है. उसने मई 2008 में कोरबा के सोहागपुर ग्रामीण बैंक से 71 लाख 25 हजार रुपए की लूट की थी. 8 अगस्त 2007 में तखतपुर एसबीआई में 1 लाख 15 हजार रुपये लूटे थे. 15 दिसंबर 2007 को कोरबा के बैंक से 1 लाख 70 हजार की लूट थी. 2008 में जांजगीर-चांपा के नरियारा बैंक से 7 हजार रुपये लूटे थे. 2008 में जांजगीर-चांपा जिले के भइस्मा ग्रामीण बैंक से 7 हजार की लूट की थी. 24 नवंबर 2008 को जांजगीर-चांपा के खरौद बैंक से 1 लाख 50 हजार रुपए की लूट की. इसके बाद उसने 2008 में दर्री साडा कॉलोनी के यूको बैंक में छह लाख की लूट की थी.

29 दिसंबर 2008 में सक्ती रेलवे स्टेशन एटीएम से गार्ड को गोली मारकर 14 लाख रुपये की डकैती की थी. उसके साथी दिनेश नेताम गुलाब और सोनू चौहान ने फरवरी 2008 में सक्ती रेलवे स्टेशन के पास दिनेश नेताम के साथ मिलकर एक व्यक्ति से 20 हजार लूटे थे. मार्च 2009 में सोनू चौहान के साथ पूर्वांचल ग्रामीण बैंक से 17 लाख 25 हजार रुपए बैंक से लूटे. वहीं 26 दिसंबर 2008 को सक्ती के सिंघनसरा ग्राम में बाइक लूटी. मई 2008 में कोरबा के मड़वारानी से बाइक लूटी. आरोपी और उसका गैंग कुख्यात लुटेरे और लूट की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं.

बैंक डकैती और लूट का मास्टरमाइंड है पुष्पेंद्र

पुष्पेंद्रनाथ चौहान (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा और रायगढ़ समेत कई जिले के बैंक लूटे हैं और डाका डाला है. उसके गिरोह में 6 सदस्य शामिल थे. इनमें सुमेधा निवासी सोनीपाली निवासी पुष्पेंद्रगिरी, दिनेश उर्फ दीपक दीनू नेताम, सुमेधा निवासी बबलू उर्फ गुलाब सिह अयोध्यापुरी, दर्री निवासी राजू गंधर्व, मुंगेली निवासी और सूरज गंधर्व बिलासपुर का रहने वाला है.

ये भी पढ़ें-हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम जाएगा सुप्रीम कोर्ट

जेल में रहते बंगाल के राज्यपाल से मांगी थी 50 करोड़ की फिरौती
पुष्पेंद्र नाथ चौहान पर यह भी आरोप है कि उसने बिलासपुर के सेंट्रल जेल में रहते हुए पत्र भेजकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से 50 करोड़ की फिरौती (50 crore ransom from the governor of west bengal) मांगी थी. फिरौती नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Odisha Chief Minister Naveen Patnaik) को भी वह धमकी दे चुका है. इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी उसने जान से मारने की धमकी (Threats to kill Chief Minister Mamata Banerjee) भरा पत्र भेजकर 11 करोड़ की फिरौती मांगी थी. इन मामलों में पुष्पेंद्र पर फैसला होना अभी बाकी है. इसके अलावा वह कई अन्य मामलों में आरोपी है. ये सभी मामले अभी कोर्ट में लंबित हैं.

बिलासपुर : 13 साल पहले एटीएम में डकैती के दौरान गार्ड की गोली मारकर हत्या (Guard shot dead during robbery in ATM) मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपियों की सजा बिलासपुर हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी (High Court canceled the sentence of life imprisonment) है. मामले में पहले आरोपियों को जांजगीर के सक्ती कोर्ट से आजीवन सजा और 3-3 लाख रुपए का जुर्माना लगा था. आरोपियों को पुलिस की गलत जांच का लाभ हाईकोर्ट से मिल गया और आजीवन कारावास की सजा निरस्त हो गई. इससे पीड़ित पक्ष में काफी रोष है.

क्या था पूरा मामला ?

कुख्यात डकैत पुष्पेंद्र नाथ चौहान (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) ने अपने साथियों के साथ 29 दिसंबर 2008 को सक्ती रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम में डकैती की. इस दौरान गार्ड सीताराम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी एटीएम से 14 लाख रुपए निकालकर भाग निकले थे. इस मामले में जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभाटा निवासी पुष्पेंद्र नाथ चौहान उर्फ मनीष और उसके साथियों को पुलिस ने साल 2008 में बिलासपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था. ये सभी उस समय भी डकैती की ही योजना बना रहे थे. वर्तमान में सभी बिलासपुर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं.

30 मई 2014 को कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा

आरोपियों के खिलाफ सकती कोर्ट में केस चला था. 30 मई 2014 को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा (sentence of life imprisonment) सुनाई थी. सभी पर 3-3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इस रकम में से 14 लाख रुपए स्टेट बैंक को देने थे. आरोपियों ने जिला कोर्ट के इस फैसले को अधिवक्ता अजय अयाची के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद डकैत सरगना सहित सभी को इस केस से बरी कर दिया है.

तीन साल में ही लूट और डकैती के कई मामलों को दिया अंजाम

पुष्पेंद्रनाथ चौहान कुख्यात (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) बदमाश है. उसने मई 2008 में कोरबा के सोहागपुर ग्रामीण बैंक से 71 लाख 25 हजार रुपए की लूट की थी. 8 अगस्त 2007 में तखतपुर एसबीआई में 1 लाख 15 हजार रुपये लूटे थे. 15 दिसंबर 2007 को कोरबा के बैंक से 1 लाख 70 हजार की लूट थी. 2008 में जांजगीर-चांपा के नरियारा बैंक से 7 हजार रुपये लूटे थे. 2008 में जांजगीर-चांपा जिले के भइस्मा ग्रामीण बैंक से 7 हजार की लूट की थी. 24 नवंबर 2008 को जांजगीर-चांपा के खरौद बैंक से 1 लाख 50 हजार रुपए की लूट की. इसके बाद उसने 2008 में दर्री साडा कॉलोनी के यूको बैंक में छह लाख की लूट की थी.

29 दिसंबर 2008 में सक्ती रेलवे स्टेशन एटीएम से गार्ड को गोली मारकर 14 लाख रुपये की डकैती की थी. उसके साथी दिनेश नेताम गुलाब और सोनू चौहान ने फरवरी 2008 में सक्ती रेलवे स्टेशन के पास दिनेश नेताम के साथ मिलकर एक व्यक्ति से 20 हजार लूटे थे. मार्च 2009 में सोनू चौहान के साथ पूर्वांचल ग्रामीण बैंक से 17 लाख 25 हजार रुपए बैंक से लूटे. वहीं 26 दिसंबर 2008 को सक्ती के सिंघनसरा ग्राम में बाइक लूटी. मई 2008 में कोरबा के मड़वारानी से बाइक लूटी. आरोपी और उसका गैंग कुख्यात लुटेरे और लूट की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं.

बैंक डकैती और लूट का मास्टरमाइंड है पुष्पेंद्र

पुष्पेंद्रनाथ चौहान (Notorious dacoit Pushpendra Nath Chauhan) पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा और रायगढ़ समेत कई जिले के बैंक लूटे हैं और डाका डाला है. उसके गिरोह में 6 सदस्य शामिल थे. इनमें सुमेधा निवासी सोनीपाली निवासी पुष्पेंद्रगिरी, दिनेश उर्फ दीपक दीनू नेताम, सुमेधा निवासी बबलू उर्फ गुलाब सिह अयोध्यापुरी, दर्री निवासी राजू गंधर्व, मुंगेली निवासी और सूरज गंधर्व बिलासपुर का रहने वाला है.

ये भी पढ़ें-हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम जाएगा सुप्रीम कोर्ट

जेल में रहते बंगाल के राज्यपाल से मांगी थी 50 करोड़ की फिरौती
पुष्पेंद्र नाथ चौहान पर यह भी आरोप है कि उसने बिलासपुर के सेंट्रल जेल में रहते हुए पत्र भेजकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से 50 करोड़ की फिरौती (50 crore ransom from the governor of west bengal) मांगी थी. फिरौती नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Odisha Chief Minister Naveen Patnaik) को भी वह धमकी दे चुका है. इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी उसने जान से मारने की धमकी (Threats to kill Chief Minister Mamata Banerjee) भरा पत्र भेजकर 11 करोड़ की फिरौती मांगी थी. इन मामलों में पुष्पेंद्र पर फैसला होना अभी बाकी है. इसके अलावा वह कई अन्य मामलों में आरोपी है. ये सभी मामले अभी कोर्ट में लंबित हैं.

Last Updated : Mar 22, 2022, 5:27 PM IST

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