ETV Bharat / city

Doctors day Special: कोरोना काल में नहीं की जान की परवाह, बिना संक्रमित हुए हजारों मरीजों का किया इलाज

बिलासपुर के सरकारी अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्थिति भयावह (Lady doctor of Bilaspur performed human religion) थी. बावजूद इसके जान की परवाह ना करते हुए डॉक्टर दिन रात अपनी ड्यूटी में डटे रहे.

Lady doctor of Bilaspur performed human religion
कोरोना काल में नहीं की जान की परवाह
author img

By

Published : Jun 30, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 12:20 PM IST

बिलासपुर : पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने तांडव मचा रखा था. इस संक्रमण ने लोगों को एक दूसरे से दूर कर दिया था. एक दूसरे के साथ रहना तो दूर लोग एक दूसरे से मिलने से भी परहेज करने लगे थे. कोरोना संक्रमण ने लाखों लोगों को मौत के मुंह में पहुंचाया. ऐसे समय में पूरी दुनिया में एक ऐसा वर्ग था, जो अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा कर रहे थे. पूरी दुनिया में डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने का काम किया है. बिलासपुर में भी कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचा दिया था. ऐसे में बिलासपुर के शासकीय अस्पतालों में ड्यूटी देने वाले डॉक्टरों ने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर मानव सेवा को परम सेवा माना और कोरोना संक्रमित मरीजों की 24 घंटे सेवा की.

कोरोना काल में नहीं की जान की परवाह

अस्पताल में ही बना लिया था घर :
बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज की डॉ. आरती पांडेय (Bilaspurs government doctor Aarti Pandey) ने कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल में अपनी सेवा दी. डॉ आरती ने बताया कि ''जब देश मे कोरोना की पहली लहर आई. तब बिलासपुर में बहुत ज्यादा स्थिति खराब तो नही हुई थी. लेकिन दूसरी लहर ने इस बीमारी के असली रूप को दिखाया था.ऐसे में पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर और मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों पर आ गई थी. पूरी दुनिया की नजर डॉक्टर पर थी और डॉक्टरों को लोगों की उम्मीद पर खरा उतरना था. वे सिम्स में एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत हैं. डॉ पांडेय ने बताया कि दूसरी लहर में उन्होंने अस्पताल में ही अपना घर बना लिया था. पूरे समय अपनी सेवा मरीजों के लिए दिया करती (Lady doctor of Bilaspur performed human religion) थीं.''
एक बार भी नहीं हुईं पॉजिटिव : डॉ आरती पांडेय ने बताया कि '' वे लगातार 3 साल से कोरोना संक्रमितों की सेवा करती आ रही हैं. लेकिन इस तरह से सेवा कर रही थी कि उन्हें हमेशा यह महसूस होता था कि वह भी कोरोना संक्रमित हो जाएंगी. लेकिन मरीजों की देखभाल के साथ ही खुद की सुरक्षा को वो हमेशा ध्यान में रखती थी. उनके परिवार के सदस्य पति, बेटा सहित अन्य लोग कोरोना संक्रमित थे. लेकिन वह एक बार भी संक्रमित नहीं हुई और लगातार सेवा दे रही थी.


सीएम के हाथों होगा सम्मान : डॉक्टर आरती पांडेय ने बताया कि ''कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मान तो उन्हें बहुत मिले हैं, लेकिन इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों सम्मानित होने वाली (Lady doctor of Bilaspur will be respected) हैं. इस सम्मान के पीछे उन्होंने तर्क दिया कि काफी खुशी होती है कि जब आपकी मेहनत किसी के काम आती है और आपकी मेहनत की कद्र भी की जाती है. उनकी मेहनत का कद्र किया गया है और उन्हें सम्मानित किया जा रहा हैं. इस बात से भी वो खुश हैं कि उन्होंने अपने डॉक्टरी पेशे की लाज रखते हुए और खुद को बचाते हुए कोरोना के मरीजों की लगातार आज तक सेवा की.''

बिलासपुर : पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने तांडव मचा रखा था. इस संक्रमण ने लोगों को एक दूसरे से दूर कर दिया था. एक दूसरे के साथ रहना तो दूर लोग एक दूसरे से मिलने से भी परहेज करने लगे थे. कोरोना संक्रमण ने लाखों लोगों को मौत के मुंह में पहुंचाया. ऐसे समय में पूरी दुनिया में एक ऐसा वर्ग था, जो अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा कर रहे थे. पूरी दुनिया में डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने का काम किया है. बिलासपुर में भी कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचा दिया था. ऐसे में बिलासपुर के शासकीय अस्पतालों में ड्यूटी देने वाले डॉक्टरों ने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर मानव सेवा को परम सेवा माना और कोरोना संक्रमित मरीजों की 24 घंटे सेवा की.

कोरोना काल में नहीं की जान की परवाह

अस्पताल में ही बना लिया था घर :
बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज की डॉ. आरती पांडेय (Bilaspurs government doctor Aarti Pandey) ने कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल में अपनी सेवा दी. डॉ आरती ने बताया कि ''जब देश मे कोरोना की पहली लहर आई. तब बिलासपुर में बहुत ज्यादा स्थिति खराब तो नही हुई थी. लेकिन दूसरी लहर ने इस बीमारी के असली रूप को दिखाया था.ऐसे में पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर और मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों पर आ गई थी. पूरी दुनिया की नजर डॉक्टर पर थी और डॉक्टरों को लोगों की उम्मीद पर खरा उतरना था. वे सिम्स में एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत हैं. डॉ पांडेय ने बताया कि दूसरी लहर में उन्होंने अस्पताल में ही अपना घर बना लिया था. पूरे समय अपनी सेवा मरीजों के लिए दिया करती (Lady doctor of Bilaspur performed human religion) थीं.''
एक बार भी नहीं हुईं पॉजिटिव : डॉ आरती पांडेय ने बताया कि '' वे लगातार 3 साल से कोरोना संक्रमितों की सेवा करती आ रही हैं. लेकिन इस तरह से सेवा कर रही थी कि उन्हें हमेशा यह महसूस होता था कि वह भी कोरोना संक्रमित हो जाएंगी. लेकिन मरीजों की देखभाल के साथ ही खुद की सुरक्षा को वो हमेशा ध्यान में रखती थी. उनके परिवार के सदस्य पति, बेटा सहित अन्य लोग कोरोना संक्रमित थे. लेकिन वह एक बार भी संक्रमित नहीं हुई और लगातार सेवा दे रही थी.


सीएम के हाथों होगा सम्मान : डॉक्टर आरती पांडेय ने बताया कि ''कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मान तो उन्हें बहुत मिले हैं, लेकिन इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों सम्मानित होने वाली (Lady doctor of Bilaspur will be respected) हैं. इस सम्मान के पीछे उन्होंने तर्क दिया कि काफी खुशी होती है कि जब आपकी मेहनत किसी के काम आती है और आपकी मेहनत की कद्र भी की जाती है. उनकी मेहनत का कद्र किया गया है और उन्हें सम्मानित किया जा रहा हैं. इस बात से भी वो खुश हैं कि उन्होंने अपने डॉक्टरी पेशे की लाज रखते हुए और खुद को बचाते हुए कोरोना के मरीजों की लगातार आज तक सेवा की.''

Last Updated : Jul 1, 2022, 12:20 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.