बिलासपुर: झीरम घाटी कांड की नए जांच आयोग को रोकने की मांग वाली नेता प्रतिपक्ष की याचिका के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की याचिका को खारिज करने की मांग की गई है. परिवर्तन यात्रा में शामिल दौलत रोहरा ने इस याचिका को दाखिल किया है. दौलत रोहरा दोनों जांच आयोग में गवाह के रूप में प्रस्तुत हुए हैं. राज्य सरकार ने इस याचिका का जवाब दाखिल किया है. याचिका पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
दूसरे आयोग को रद्द करने की मांग पर याचिका: सोमवार को हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस और जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की उस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें उन्होंने झीरम घाटी घटना की न्यायिक जांच के लिए बनाए गए दूसरे आयोग को रद्द करने की मांग की है. 11 मई को इस याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में आयोग की कार्यवाही पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया गया था. इस मामले में परिवर्तन यात्रा में शामिल रहे कांग्रेस नेता दौलत रोहरा ने एक हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की और धरमलाल कौशिक की याचिका को खारिज कर जांच आयोग को आगे कार्य करने देने की मांग की है. दौलत रोहरा की ओर से यह याचिका जनहित याचिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
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क्यों हुआ नए जांच आयोग का गठन: प्रशांत मिश्रा ने झीरम पर अपनी जांच रिपोर्ट 6 अक्टूबर 2021 को राज्यपाल अनुसुईया उईके को सौंप दी थी. न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने पर छत्तीसगढ़ में खूब सियासत हुई थी. राज्यपाल ने इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंप दिया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए नए आयोग का गठन किया था. इस मुद्दे पर बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस रिपोर्ट में राज्य सरकार के प्रभावी व्यक्तियों के खिलाफ टिप्पणी और निष्कर्ष है. इसलिए सरकार ने नए आयोग का गठन किया.
8 साल पहले हुआ था झीरम नक्सली हमला: 25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में 25 से ज्यादा कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे.