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छत्तीसगढ़ में शराब पर अब तक वसूला जा रहा है कोरोना टैक्स, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

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Published : Mar 25, 2022, 7:15 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के दौरान शराब पर टैक्स (tax on alcohol during corona period) लगा था. इस टैक्स को लेकर कई बार बीजेपी ने कांग्रेस से सवाल किया. लेकिन जवाब नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई.

छत्तीसगढ़ में शराब पर अब तक वसूला जा रहा है कोरोना टैक्स
छत्तीसगढ़ में शराब पर अब तक वसूला जा रहा है कोरोना टैक्स

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में शराब पर लगाए गए 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स की राशि ((tax on alcohol during corona period)) के उपयोग ना किये जाने के मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर,बृजमोहन अग्रवाल और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है. इस मामले में अब आगामी 20 अप्रैल को सुनवाई तय की गई है.याचिका में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना काल के दौरान शराब टैक्स में जो राशि जनता से ली. उसका सदुपयोग नहीं किया गया है.

अब तक वसूला जा रहा कोरोना टैक्स : कोरोनाकाल के दौरान राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स (State government imposed 10 percent corona tax on liquor) लगाया था. यह टैक्स शराब में अब भी जारी है. ग्राहक अभी भी कोरोना टैक्स चुका रहे है. इस मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने टैक्स से मिलने वाले पैसे को सरकार ने कहां लगाया ये जानकारी चाही है. इस तरह लगाए गए टैक्स को अधोसंरचना में लगाने के नियम की बात कहते हुए याचिका लगाई गई थी. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के नाम पर शराब पर जो टैक्स लगाया गया है उसमे करोड़ों रुपए जमा हुए हैं.लेकिन उसकी उपयोगिता कहीं नहीं दिखाई गई.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में शराब पर लगे कोरोना टैक्स के इस्तेमाल पर बिलासपुर हाईकोर्ट में अजय चंद्राकर ने दायर की जनहित याचिका

अधोसंरचना विकास में नहीं लगाई गई राशि : याचिका में कहा गया है कि टैक्स की राशि कोरोना अधोसंरचना में नहीं लगाई (Tax amount not invested in Corona infrastructure) गई. स्वास्थ्य विभाग को भी पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए, जबकि नियमानुसार जिस वजह से टैक्स लिया जाता है, उसका उपयोग उसी अधोसंरचना में किया जाना चाहिए. लेकिन राशि का उपयोग किस तरह किया जा रहा यह स्पष्ट नहीं है. टैक्स अब तक लगातार लिया जा रहा है. बीते सुनवाई में जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच को रेफर किया था. इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट के जवाब आने के बाद मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को तय की गई है.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में शराब पर लगाए गए 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स की राशि ((tax on alcohol during corona period)) के उपयोग ना किये जाने के मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर,बृजमोहन अग्रवाल और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है. इस मामले में अब आगामी 20 अप्रैल को सुनवाई तय की गई है.याचिका में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना काल के दौरान शराब टैक्स में जो राशि जनता से ली. उसका सदुपयोग नहीं किया गया है.

अब तक वसूला जा रहा कोरोना टैक्स : कोरोनाकाल के दौरान राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स (State government imposed 10 percent corona tax on liquor) लगाया था. यह टैक्स शराब में अब भी जारी है. ग्राहक अभी भी कोरोना टैक्स चुका रहे है. इस मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने टैक्स से मिलने वाले पैसे को सरकार ने कहां लगाया ये जानकारी चाही है. इस तरह लगाए गए टैक्स को अधोसंरचना में लगाने के नियम की बात कहते हुए याचिका लगाई गई थी. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के नाम पर शराब पर जो टैक्स लगाया गया है उसमे करोड़ों रुपए जमा हुए हैं.लेकिन उसकी उपयोगिता कहीं नहीं दिखाई गई.

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अधोसंरचना विकास में नहीं लगाई गई राशि : याचिका में कहा गया है कि टैक्स की राशि कोरोना अधोसंरचना में नहीं लगाई (Tax amount not invested in Corona infrastructure) गई. स्वास्थ्य विभाग को भी पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए, जबकि नियमानुसार जिस वजह से टैक्स लिया जाता है, उसका उपयोग उसी अधोसंरचना में किया जाना चाहिए. लेकिन राशि का उपयोग किस तरह किया जा रहा यह स्पष्ट नहीं है. टैक्स अब तक लगातार लिया जा रहा है. बीते सुनवाई में जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच को रेफर किया था. इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट के जवाब आने के बाद मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को तय की गई है.

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