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Bilasa Devi Kewat Airport incomplete facilities: अधूरी व्यवस्था के साथ शुरू हुई हवाई सेवा से यात्री परेशान

Bilasa Devi Kewat Airport incomplete facilities: बिलासपुर में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. जिसके कारण बिलासपुर हवाई सेवा संघर्ष समिति लगातार धरने पर है. आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के बीच हवाई यात्रा शुरू होने से यात्रियों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. Bilasa Devi Kewat Airport in Bilaspur started with incomplete facilities causing inconvenience to passengers

Bilaspur air service struggle committee on dharna
धरने पर बिलासपुर हवाई सेवा संघर्ष समिति
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Published : Jan 8, 2022, 4:51 PM IST

बिलासपुर: पिछले तीन दशकों की मांग के बाद आखिरकार बिलासपुर के चकरभाठा एरोड्रम से हवाई सेवा तो शुरू कर दी गई. लेकिन सुविधाएं कम होने के कारण यहां यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. आधी अधूरी व्यवस्थाओं के साथ शुरू हुई हवाई सेवा ने यात्रियों को हलाकान कर दिया है.

बिलासपुर में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित

बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट

जिले में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट के नाम से शुरू हुए एयरपोर्ट की अधूरी व्यवस्थाएं हवाई यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं. IFR (Instrument flight rules) एयरपोर्ट ना होने का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. एरोड्रम की कम विजिबिलिटी के कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. विमानन कंपनियां भी इसका भार यात्रियों पर ही डाल रही हैं. उन्हें बिना किसी सुविधा दिए एयरपोर्ट के बाहर छोड़ दिया जा रहा है. जिससे उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए अलग से खर्च वहन करना पड़ रहा है.

बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित

महानगरों से सीधे कनेक्टिविटी के लिए 9 माह पहले बिलासपुर में हाईकोर्ट के कड़ी फटकार के बाद बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट से हवाई सुविधा की शुरूवात हुई है. जिसमें फिलहाल दिल्ली, जबलपुर और प्रयागराज के लिए लोगों को हवाई सुविधा का लाभ मिल रहा है. हालांकि हवाई यात्रियों के लिए ये सुविधा कम और असुविधा ज्यादा साबित हो रही है. 9 माह बाद भी एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा विकसित नहीं की जा सकी है. अब भी एयरपोर्ट VFR फैसलिटी के साथ ही संचालित हो रहा है, जिसके कारण कम विजिबिलिटी में यहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो रही है. इसके कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. एक माह में ही तीन से चार बार ऐसी स्थिति बनी है. कम विजिबिलिटी के कारण बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में लैंडिंग करने वाले विमानों को रायपुर एयरपोर्ट डायवर्ट किया गया है.

यह भी पढ़ेः बिलासपुर में ओमीक्रोन की दस्तक से लॉकडाउन की आशंका, किराना बाजारों में बढ़ी कालाबाजारी

यात्रियों को झेलना पड़ रहा दोहरी मार

यही नहीं विमानन कंपनियां भी इसका भार यात्रियों पर ही डाल रही हैं. पहले से महंगे टिकट में यात्रा कर रहे यात्रियों को दूसरे एयरपोर्ट से अपने गंतव्य के लिए अतिरिक्त खर्च कर आना जाना पड़ रहा है. इससे यात्रियों पर दोहरा भार पड़ रहा है. IFR एयरपोर्ट के लिए लगातार उठ रही मांग के बीच बीते दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बिलासा एयरपोर्ट का निरीक्षण भी किया था.

नाइट लैंडिंग 4 सी की मांग को लेकर धरना

हालांकि चार सप्ताह बीतने के बाद भी टीम ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. जिसके कारण IFR एयरपोर्ट का काम अटका हुआ है. नाइट लैंडिंग 4 सी की मांग को लेकर हर सप्ताह में दो दिन बिलासपुर हवाई सेवा संघर्ष समिति धरना प्रदर्शन कर रही है. संघर्ष समिति पिछले तीन सालों से आंदोलन कर रही है. समिति विमानन मंत्री से भी मिल लिए है.मामले में समिति के समर्थन में बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए.

विमान सेवा को लेकर पिछड़ा बिलासपुर

छत्तीसगढ़ को प्रदेश बने 21 साल हो गए हैं. प्रदेश का दूसरा बड़ा महानगर कहलाने वाला बिलासपुर अब भी विमान सेवा को लेकर पिछड़ा हुआ है. बिलासपुर में कई बड़ी सरकारी अर्धसरकारी और निजी संस्थानें है, जहां सैकड़ों यात्री विमान के माध्यम से आना जाना करते हैं. बावजूद इसके विमान सेवा का व्यवस्थित नहीं होना कहीं ना कहीं बिलासपुर के साथ अन्याय हो रहा है. मामले को लेकर हवाई सेवा संघर्ष समिति ने कई बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है. इसके अलावा बिलासपुर सांसद अरुण साव ने भी विमानन मंत्री से मुलाकात कर बिलासपुर से हवाई सेवा को नियमित करने और नाइट लैंडिंग जैसी सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

बिलासपुर: पिछले तीन दशकों की मांग के बाद आखिरकार बिलासपुर के चकरभाठा एरोड्रम से हवाई सेवा तो शुरू कर दी गई. लेकिन सुविधाएं कम होने के कारण यहां यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. आधी अधूरी व्यवस्थाओं के साथ शुरू हुई हवाई सेवा ने यात्रियों को हलाकान कर दिया है.

बिलासपुर में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित

बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट

जिले में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट के नाम से शुरू हुए एयरपोर्ट की अधूरी व्यवस्थाएं हवाई यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं. IFR (Instrument flight rules) एयरपोर्ट ना होने का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. एरोड्रम की कम विजिबिलिटी के कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. विमानन कंपनियां भी इसका भार यात्रियों पर ही डाल रही हैं. उन्हें बिना किसी सुविधा दिए एयरपोर्ट के बाहर छोड़ दिया जा रहा है. जिससे उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए अलग से खर्च वहन करना पड़ रहा है.

बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित

महानगरों से सीधे कनेक्टिविटी के लिए 9 माह पहले बिलासपुर में हाईकोर्ट के कड़ी फटकार के बाद बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट से हवाई सुविधा की शुरूवात हुई है. जिसमें फिलहाल दिल्ली, जबलपुर और प्रयागराज के लिए लोगों को हवाई सुविधा का लाभ मिल रहा है. हालांकि हवाई यात्रियों के लिए ये सुविधा कम और असुविधा ज्यादा साबित हो रही है. 9 माह बाद भी एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा विकसित नहीं की जा सकी है. अब भी एयरपोर्ट VFR फैसलिटी के साथ ही संचालित हो रहा है, जिसके कारण कम विजिबिलिटी में यहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो रही है. इसके कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. एक माह में ही तीन से चार बार ऐसी स्थिति बनी है. कम विजिबिलिटी के कारण बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में लैंडिंग करने वाले विमानों को रायपुर एयरपोर्ट डायवर्ट किया गया है.

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यात्रियों को झेलना पड़ रहा दोहरी मार

यही नहीं विमानन कंपनियां भी इसका भार यात्रियों पर ही डाल रही हैं. पहले से महंगे टिकट में यात्रा कर रहे यात्रियों को दूसरे एयरपोर्ट से अपने गंतव्य के लिए अतिरिक्त खर्च कर आना जाना पड़ रहा है. इससे यात्रियों पर दोहरा भार पड़ रहा है. IFR एयरपोर्ट के लिए लगातार उठ रही मांग के बीच बीते दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बिलासा एयरपोर्ट का निरीक्षण भी किया था.

नाइट लैंडिंग 4 सी की मांग को लेकर धरना

हालांकि चार सप्ताह बीतने के बाद भी टीम ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. जिसके कारण IFR एयरपोर्ट का काम अटका हुआ है. नाइट लैंडिंग 4 सी की मांग को लेकर हर सप्ताह में दो दिन बिलासपुर हवाई सेवा संघर्ष समिति धरना प्रदर्शन कर रही है. संघर्ष समिति पिछले तीन सालों से आंदोलन कर रही है. समिति विमानन मंत्री से भी मिल लिए है.मामले में समिति के समर्थन में बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए.

विमान सेवा को लेकर पिछड़ा बिलासपुर

छत्तीसगढ़ को प्रदेश बने 21 साल हो गए हैं. प्रदेश का दूसरा बड़ा महानगर कहलाने वाला बिलासपुर अब भी विमान सेवा को लेकर पिछड़ा हुआ है. बिलासपुर में कई बड़ी सरकारी अर्धसरकारी और निजी संस्थानें है, जहां सैकड़ों यात्री विमान के माध्यम से आना जाना करते हैं. बावजूद इसके विमान सेवा का व्यवस्थित नहीं होना कहीं ना कहीं बिलासपुर के साथ अन्याय हो रहा है. मामले को लेकर हवाई सेवा संघर्ष समिति ने कई बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है. इसके अलावा बिलासपुर सांसद अरुण साव ने भी विमानन मंत्री से मुलाकात कर बिलासपुर से हवाई सेवा को नियमित करने और नाइट लैंडिंग जैसी सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

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