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बलरामपुर के रामानुजगंज में गहरा सकता है जलसंकट, जीवनदायिनी कन्हर नदी पूरी तरह से सूखी - रामानुजगंज की कन्हर नदी में डबरी निर्माण

रामानुजगंज की जीवनरेखा कन्हर नदी सूखने के बाद (Kanhar river completely dry) नगर पंचायत क्षेत्र में जलसंकट गहराता जा रहा है. जिम्मेदारों ने पानी को बचाने के लिए समय पर फैसला नहीं लिया.जिसके कारण पानी बह गया.

Water crisis may deepen in Ramanujganj
रामानुजगंज में गहरा सकता है जलसंकट
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Published : May 13, 2022, 1:57 PM IST

बलरामपुर : जिले में भीषण गर्मी का कहर नदी-तालाबों और पेयजल के स्त्रोतों पर दिखाई दे रहा है. रामानुजगंज की जीवनरेखा मानी जाने वाली कन्हर नदी अप्रैल के दूसरे सप्ताह आते-आते तक पूरी तरह से सूख चुकी (Kanhar river completely dry) थी. नदी पर निर्मित एनीकेट का पानी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बह गया. जिसके कारण नगर पंचायत रामानुजगंज क्षेत्र की करीब 25 हजार की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. नदी का पानी सूखने से जलापूर्ति प्रभावित हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रामानुजगंज दौरे के दौरान पहले से लंबित जल आवर्धन योजना को जल्द शुरू करने की मांग भी की गई थी. जिसके बाद जलापूर्ति व्यवस्था के लिए कन्हर नदी में पोकलेन और जेसीबी मशीन लगाकर डबरी जिला प्रशासन डबरी खुदाई करवा रहा है.

क्यों हुआ जलसंकट : रामानुजगंज नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाली 25 हजार की आबादी के सामने अब जलसंकट पैदा हो गया है. नदी के पानी को इंटकवेल में स्टोर करके फिल्टर करने के बाद पाइपलाइन के जरिए घरों में पानी का सप्लाई किया जाता है. लेकिन नदी में पानी पूरी तरह से सुख जाने के कारण लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण पेयजल कि गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है.


जलसंकट से निपटने के लिए क्या : कन्हर नदी में इंटकवेल के सामने पोकलेन और जेसीबी मशीन की मदद से बड़ी डबरी का निर्माण कराया जा रहा (construction of dubri in kanhar river of ramanujganj) है. इसके लिए एक पोकलेन और एक जेसीबी मशीन के जरिए डबरी खुदाई का कार्य कराया जा रहा है. जिससे मॉनसून आते तक पानी की किल्लत न हो और नगरवासियों को निरंतर पेयजल उपलब्ध कराया जा सके. क्षेत्र के ज्यादातर हैंडपंप भी लगभग सूख चुके हैं. हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोतों का जलस्तर भी बहुत नीचे चला गया है.

जलसंकट से निपटने के लिए कन्हर नदी में डबरी का निर्माण



जिम्मेदारों की लापरवाही : अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह तक कन्हर नदी एनीकेट में थोड़ा बहुत पानी इकट्ठा था. लेकिन जलसंसाधन विभाग और नगर पंचायत की लापरवाही से पानी व्यर्थ बह गया. इसका दोष एनीकेट के खराब पड़े हुए गेट पर मढ़ दिया गया. जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा समय रहते एनीकेट के गेट का मरम्मत नहीं कराया .जिसके परिणामस्वरूप यहां के लोगों को गंभीर पेयजल संकट से जुझना पड़ रहा है.

पूर्व में भी कराया गया था डबरी निर्माण : अप्रैल के महीने में नदी सुखने के बाद नगर में पानी सप्लाई करने के लिए छोटी डबरी का निर्माण कराया गया था. जिसके सहारे अबतक करीब पेयजल की सप्लाई हुई. लेकिन अब डबरी पूरी तरह से सूख जाने और उसमें बालू भर जाने के बाद फिर से पेयजल आपूर्ति का संकट गहरा गया है.

Water crisis may deepen in Ramanujganj
जलसंकट से निपटने के लिए कन्हर नदी में डबरी का निर्माण

सीएम भूपेश के दौरे में उठा मुद्दा : नगर में कई वर्षों से लंबित जल आवर्धन योजना के लिए सार्थक प्रयास न होने के कारण यह ठंडे बस्ते में पड़ा था. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दौरे के दौरान यह मुद्दा फिर से उठा. नगरवासियों की मांग के अनुरूप जल्द से जल्द इसका काम शुरू कराया जा सके ताकि पानी की कमी ना हो. इसके लिए कलेक्टर कुन्दन कुमार ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा करके आवश्यक निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें - बलरामपुर में सीएम बघेल ने जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को किया सस्पेंड


नदी का पानी क्यों है जरूरी : गर्मी के मौसम में नदी के आसपास चरने वाले मवेशी गाय-भैंस प्यास बुझाने के लिए नदी का रूख करते हैं.लेकिन नदी पूरी तरह से सूख जाने के कारण पशु-पक्षियों को भी कष्ट हो रहा है. ज्यादातर तालाब कुएं भी सूख चुके हैं. भीषण गर्मी के मौसम में प्यास से तड़पते हुए पशु-पक्षियों को नदी पहुंचने पर निराशा हाथ लगती है.

बलरामपुर : जिले में भीषण गर्मी का कहर नदी-तालाबों और पेयजल के स्त्रोतों पर दिखाई दे रहा है. रामानुजगंज की जीवनरेखा मानी जाने वाली कन्हर नदी अप्रैल के दूसरे सप्ताह आते-आते तक पूरी तरह से सूख चुकी (Kanhar river completely dry) थी. नदी पर निर्मित एनीकेट का पानी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बह गया. जिसके कारण नगर पंचायत रामानुजगंज क्षेत्र की करीब 25 हजार की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. नदी का पानी सूखने से जलापूर्ति प्रभावित हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रामानुजगंज दौरे के दौरान पहले से लंबित जल आवर्धन योजना को जल्द शुरू करने की मांग भी की गई थी. जिसके बाद जलापूर्ति व्यवस्था के लिए कन्हर नदी में पोकलेन और जेसीबी मशीन लगाकर डबरी जिला प्रशासन डबरी खुदाई करवा रहा है.

क्यों हुआ जलसंकट : रामानुजगंज नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाली 25 हजार की आबादी के सामने अब जलसंकट पैदा हो गया है. नदी के पानी को इंटकवेल में स्टोर करके फिल्टर करने के बाद पाइपलाइन के जरिए घरों में पानी का सप्लाई किया जाता है. लेकिन नदी में पानी पूरी तरह से सुख जाने के कारण लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण पेयजल कि गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है.


जलसंकट से निपटने के लिए क्या : कन्हर नदी में इंटकवेल के सामने पोकलेन और जेसीबी मशीन की मदद से बड़ी डबरी का निर्माण कराया जा रहा (construction of dubri in kanhar river of ramanujganj) है. इसके लिए एक पोकलेन और एक जेसीबी मशीन के जरिए डबरी खुदाई का कार्य कराया जा रहा है. जिससे मॉनसून आते तक पानी की किल्लत न हो और नगरवासियों को निरंतर पेयजल उपलब्ध कराया जा सके. क्षेत्र के ज्यादातर हैंडपंप भी लगभग सूख चुके हैं. हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोतों का जलस्तर भी बहुत नीचे चला गया है.

जलसंकट से निपटने के लिए कन्हर नदी में डबरी का निर्माण



जिम्मेदारों की लापरवाही : अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह तक कन्हर नदी एनीकेट में थोड़ा बहुत पानी इकट्ठा था. लेकिन जलसंसाधन विभाग और नगर पंचायत की लापरवाही से पानी व्यर्थ बह गया. इसका दोष एनीकेट के खराब पड़े हुए गेट पर मढ़ दिया गया. जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा समय रहते एनीकेट के गेट का मरम्मत नहीं कराया .जिसके परिणामस्वरूप यहां के लोगों को गंभीर पेयजल संकट से जुझना पड़ रहा है.

पूर्व में भी कराया गया था डबरी निर्माण : अप्रैल के महीने में नदी सुखने के बाद नगर में पानी सप्लाई करने के लिए छोटी डबरी का निर्माण कराया गया था. जिसके सहारे अबतक करीब पेयजल की सप्लाई हुई. लेकिन अब डबरी पूरी तरह से सूख जाने और उसमें बालू भर जाने के बाद फिर से पेयजल आपूर्ति का संकट गहरा गया है.

Water crisis may deepen in Ramanujganj
जलसंकट से निपटने के लिए कन्हर नदी में डबरी का निर्माण

सीएम भूपेश के दौरे में उठा मुद्दा : नगर में कई वर्षों से लंबित जल आवर्धन योजना के लिए सार्थक प्रयास न होने के कारण यह ठंडे बस्ते में पड़ा था. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दौरे के दौरान यह मुद्दा फिर से उठा. नगरवासियों की मांग के अनुरूप जल्द से जल्द इसका काम शुरू कराया जा सके ताकि पानी की कमी ना हो. इसके लिए कलेक्टर कुन्दन कुमार ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा करके आवश्यक निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें - बलरामपुर में सीएम बघेल ने जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को किया सस्पेंड


नदी का पानी क्यों है जरूरी : गर्मी के मौसम में नदी के आसपास चरने वाले मवेशी गाय-भैंस प्यास बुझाने के लिए नदी का रूख करते हैं.लेकिन नदी पूरी तरह से सूख जाने के कारण पशु-पक्षियों को भी कष्ट हो रहा है. ज्यादातर तालाब कुएं भी सूख चुके हैं. भीषण गर्मी के मौसम में प्यास से तड़पते हुए पशु-पक्षियों को नदी पहुंचने पर निराशा हाथ लगती है.

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