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कान्हा के जन्मोत्सव के लिए सज गया है 150 साल पुराना ये मंदिर

सरगुजा पैलेस प्रांगण में स्थित संभाग का सबसे पुराने राधा-बल्लभ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

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Published : Aug 23, 2019, 3:31 PM IST

कान्हा के जन्मोत्सव के लिए सजा मंदिर

अंबिकापुर: कान्हा के जन्मोत्सव में पूरा देश डूबा हुआ है. सरगुजा पैलेस प्रांगण में स्थित संभाग का सबसे पुराने राधा-बल्लभ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. लोग त्योहार की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं तो मंदिरों में भक्तों उमड़ने लगे हैं.

कान्हा के जन्मोत्सव के लिए सज गया है 150 साल पुराना ये मंदिर

ये शहर का 150 साल पुराना कृष्ण मंदिर है. यहां न सिर्फ अंबिकापुर से लोग आते हैं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन को उमड़ते हैं. यहां दर्शन के लिए आई मंजू जायसवाल ने बताया कि ये मंदिर राजाओं के समय मे बनाया गया है. वे कहती हैं कि छात्र जीवन से ही वे मंदिर में पूजा करने सपरिवार आती हैं.

पढ़ें: अम्बिकापुर: मेडिकल कॉलेज के मरच्युरी में नहीं है फ्रीजर, शव की हो रही दुर्दशा

वे कहती हैं कि मान्यताएं हैं, सच्चे मन से यहां जो मांगो पूरा होता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाने दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं.
वहीं पुजारी रामनरेश ने बताया कि ये मंदिर सरगुजा के महाराज टीएस सिंहदेव के पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था.

जन्माष्टमी पर यहां झूले में भगवान को झुलाया जाता है. आरती होती है और उनका मनपसंद भोग लगाया जाता है.

अंबिकापुर: कान्हा के जन्मोत्सव में पूरा देश डूबा हुआ है. सरगुजा पैलेस प्रांगण में स्थित संभाग का सबसे पुराने राधा-बल्लभ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. लोग त्योहार की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं तो मंदिरों में भक्तों उमड़ने लगे हैं.

कान्हा के जन्मोत्सव के लिए सज गया है 150 साल पुराना ये मंदिर

ये शहर का 150 साल पुराना कृष्ण मंदिर है. यहां न सिर्फ अंबिकापुर से लोग आते हैं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन को उमड़ते हैं. यहां दर्शन के लिए आई मंजू जायसवाल ने बताया कि ये मंदिर राजाओं के समय मे बनाया गया है. वे कहती हैं कि छात्र जीवन से ही वे मंदिर में पूजा करने सपरिवार आती हैं.

पढ़ें: अम्बिकापुर: मेडिकल कॉलेज के मरच्युरी में नहीं है फ्रीजर, शव की हो रही दुर्दशा

वे कहती हैं कि मान्यताएं हैं, सच्चे मन से यहां जो मांगो पूरा होता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाने दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं.
वहीं पुजारी रामनरेश ने बताया कि ये मंदिर सरगुजा के महाराज टीएस सिंहदेव के पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था.

जन्माष्टमी पर यहां झूले में भगवान को झुलाया जाता है. आरती होती है और उनका मनपसंद भोग लगाया जाता है.

Intro:अम्बिकापुर- शहर के सरगुजा पैलेस प्रांगण में स्थित सरगुज़ा संभाग का सबसे पुराना मंदिर राधा - बल्लभ मंदिर मे श्रीकृष्णजन्माष्टमी मनाया जाएगा । श्रद्धालुओं के द्वारा जन्माष्टमी पर्व की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। कृष्ण मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।


Body:दरसअल शहर का ये इकलौता कृष्ण मंदिर है , जो 150 साल पुराना मंदिर है इसी वजह से सालो से सार्वजनिक कृष्ण जन्म का पर्व मनाया जाता है।इसमें न केवल अम्बिकापुर शहर से बल्कि पूरे जिले से हजारो श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है ।

श्रद्धालु मंजू जायसवाल ने बताया कि ये मंदिर राजाओ के समय मे बनाया गया है पढ़ाई के समय से मंदिर में पूजा करने सपरिवार आती है मान्यताये है सच्चे मन से जो मांगो पूरा होता है इस लिए यहां शहर सहित आस पास गांव से भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बनाने लोग यहाँ पहुचते है।


Conclusion:वही पुजारी रामनरेश ने बताया कि सरगुज़ा महाराज टी एस सिंह देव के पूर्वजों द्वारा बनाया गया मंदिर है,जो अम्बिकापुर का एकलौता मंदिर होने इसी वजह से पूरे शहरवासी यहां कृष्णजन्माष्टमी धूमधाम से बनाते है ।प्राचीन काल से आज के दिन झूलना में भगवान श्रीकृष्ण को स्थापित किया जाता है और झुलाया जाता है।

आज अष्टमी तिथि दोपहर 3 बजकर 20 मिनिट से लग जाएगी और रोहणी नक्षत्र रात 12 बजकर 10 मिनिट से लगेगा आज राजपुरोहित की उपस्थिति में समस्त धार्मिक अनुष्ठान आयोजित कर धूमधाम से मनाया जाएगा कृष्ण जन्माष्टमी।


बाईट 01 - मंजू जायसवाल(श्रद्धालु)

बाईट 02 - राम नरेश (पुजारी)
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