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SPECIAL: छत्तीसगढ़ के सबसे साफ शहर वाले नगर निगम ने एक साल में कैसा काम किया ? - One year of Ambikapur Municipal Corporation

अंबिकापुर नगर निगम के कार्यकाल को एक साल पूरा हो चुका है. निगम में पिछले एक साल में कई विकासकार्यों का उद्घाटन किया गया. ETV भारत ने निगम सरकार के पिछले एक साल के कार्यों का जायजा लिया.

Ambikapur Municipal Corporation
अंबिकापुर नगर निगम
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Published : Jan 15, 2021, 1:16 PM IST

सरगुजा : स्वच्छ शहर अंबिकापुर में नई सरकार के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है. इस एक साल में निगम में कई तरह के कार्य किए गए हैं. जिनमें से कई काम ऐसे हैं, जिनका पूरा होना बाकी है. जनवरी में हुए शपथ ग्रहण समारोह के बाद मार्च में लॉकडाउन हो गया, जिसके बाद विभाग के कई कामकाज ठप पड़ गए. ETV भारत ने निगम के एक साल पूरा होने पर लोगों से कार्यकाल की जानकारी ली.

अंबिकापुर के एक साल का कार्यकाल

अमृत मिशन योजना का रिजल्ट कैसा रहा ?

अंबिकापुर नगर निगम को लगभग सौ करोड़ रुपये की सौगात अमृत मिशन योजना के रूप में मिली थी. जिसका काम लंबे समय से चल रहा था. इस योजना के तहत शहर से 10 किलोमीटर दूर बने घुनघुट्टा श्याम परियोजना जलाशय से पाइपलाइन विस्तार कर पानी अम्बिकापुर लाना था और इस योजना लाभ इसी वर्ष में शहर को मिलना शुरू हुआ. इस योजना के पूरी तरह शुरू होने के बाद हर घर मे 24 घंटे पानी की सप्लाई मिलेगी. वहीं गर्मियों में होने वाली पानी मे किल्लत खत्म हो जाएगी, अम्बिकापुर नगर निगम यह काम अपनी बड़ी उपलब्धियों में गिनता है. वहीं शहरवासी भी इस योजना से काफी खुश हैं.

पढ़ें- अंबिकापुर : कोरोना वैक्सीन का कैसे होगा रखरखाव, जानिए यहां

स्वच्छ भारत मिशन का क्या हाल है ?
अंबिकापुर नगर निगम ने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिला समूहों के माध्यम से सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट का काम शुरू किया. इस काम में ऐसी सफलता मिली कि अंबिकापुर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया. अलग- अलग कैटेगरी में अम्बिकापुर नगर निगम लगातार 3 वर्षों के स्वच्छता सर्वेक्षण में देश मे नंबर वन शहर बना रहा. इसके साथ ही कई बार स्कॉच अवार्ड, बेस्ट प्रेक्टिशनर अवॉर्ड, 5 स्टार रेटिंग पाई, स्वच्छता के लिये कई अवार्ड हासिल किए.

  • 18 एसएलआरएम केंद्रों में 470 स्वच्छता दीदियां कार्यरत हैं.
  • स्वच्छता दीदियां 48 वार्डों में डोर टू डोर क्लेक्शन कर रही हैं.
  • प्रतिदिन 51 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस किया जा रहा है.
  • कचरे के विक्रय से प्रतिमाह 5 से 6 लाख रुपए और यूजर चार्ज से 20 से 21 लाख रुपये प्रतिमाह की आय हो रही है.
  • प्लास्टिक फ्री सिटी के लिये यहां गार्बेज कैफे भी शुरू किया गया है, जहां पॉलीथिन के बदले खाना दिया जाता है.

पढ़ें: SPECIAL: अंबिकापुर नगर निगम बना मिसाल, कचरे की कमाई से ही कर रहा कचरा साफ

एक साल में हुए निर्माण कार्य

  • नगर निगम ने बहुप्रतीक्षित सिटी बस टर्मिनल का काम पूरा किया.
  • नये बस स्टैंड में फर्स का नव निर्माण किया गया.
  • ऑक्सीजन पार्क, गोधन एम्पोरियम का निर्माण किया गया.

कोरोना महामारी में बंद हुए काम और नगर निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगी हुई थी. इसके बावजूद शहर में काम होते रहे. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सब सामान्य होने के बाद निगम के खाते में और भी उपलब्धियां जुड़ सकती है. इस दौरान विपक्ष का लगातार ये आरोप भी रहा कि इस नगर सरकार ने कुछ भी नहीं किया गया.

सरगुजा : स्वच्छ शहर अंबिकापुर में नई सरकार के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है. इस एक साल में निगम में कई तरह के कार्य किए गए हैं. जिनमें से कई काम ऐसे हैं, जिनका पूरा होना बाकी है. जनवरी में हुए शपथ ग्रहण समारोह के बाद मार्च में लॉकडाउन हो गया, जिसके बाद विभाग के कई कामकाज ठप पड़ गए. ETV भारत ने निगम के एक साल पूरा होने पर लोगों से कार्यकाल की जानकारी ली.

अंबिकापुर के एक साल का कार्यकाल

अमृत मिशन योजना का रिजल्ट कैसा रहा ?

अंबिकापुर नगर निगम को लगभग सौ करोड़ रुपये की सौगात अमृत मिशन योजना के रूप में मिली थी. जिसका काम लंबे समय से चल रहा था. इस योजना के तहत शहर से 10 किलोमीटर दूर बने घुनघुट्टा श्याम परियोजना जलाशय से पाइपलाइन विस्तार कर पानी अम्बिकापुर लाना था और इस योजना लाभ इसी वर्ष में शहर को मिलना शुरू हुआ. इस योजना के पूरी तरह शुरू होने के बाद हर घर मे 24 घंटे पानी की सप्लाई मिलेगी. वहीं गर्मियों में होने वाली पानी मे किल्लत खत्म हो जाएगी, अम्बिकापुर नगर निगम यह काम अपनी बड़ी उपलब्धियों में गिनता है. वहीं शहरवासी भी इस योजना से काफी खुश हैं.

पढ़ें- अंबिकापुर : कोरोना वैक्सीन का कैसे होगा रखरखाव, जानिए यहां

स्वच्छ भारत मिशन का क्या हाल है ?
अंबिकापुर नगर निगम ने वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिला समूहों के माध्यम से सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट का काम शुरू किया. इस काम में ऐसी सफलता मिली कि अंबिकापुर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया. अलग- अलग कैटेगरी में अम्बिकापुर नगर निगम लगातार 3 वर्षों के स्वच्छता सर्वेक्षण में देश मे नंबर वन शहर बना रहा. इसके साथ ही कई बार स्कॉच अवार्ड, बेस्ट प्रेक्टिशनर अवॉर्ड, 5 स्टार रेटिंग पाई, स्वच्छता के लिये कई अवार्ड हासिल किए.

  • 18 एसएलआरएम केंद्रों में 470 स्वच्छता दीदियां कार्यरत हैं.
  • स्वच्छता दीदियां 48 वार्डों में डोर टू डोर क्लेक्शन कर रही हैं.
  • प्रतिदिन 51 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस किया जा रहा है.
  • कचरे के विक्रय से प्रतिमाह 5 से 6 लाख रुपए और यूजर चार्ज से 20 से 21 लाख रुपये प्रतिमाह की आय हो रही है.
  • प्लास्टिक फ्री सिटी के लिये यहां गार्बेज कैफे भी शुरू किया गया है, जहां पॉलीथिन के बदले खाना दिया जाता है.

पढ़ें: SPECIAL: अंबिकापुर नगर निगम बना मिसाल, कचरे की कमाई से ही कर रहा कचरा साफ

एक साल में हुए निर्माण कार्य

  • नगर निगम ने बहुप्रतीक्षित सिटी बस टर्मिनल का काम पूरा किया.
  • नये बस स्टैंड में फर्स का नव निर्माण किया गया.
  • ऑक्सीजन पार्क, गोधन एम्पोरियम का निर्माण किया गया.

कोरोना महामारी में बंद हुए काम और नगर निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगी हुई थी. इसके बावजूद शहर में काम होते रहे. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सब सामान्य होने के बाद निगम के खाते में और भी उपलब्धियां जुड़ सकती है. इस दौरान विपक्ष का लगातार ये आरोप भी रहा कि इस नगर सरकार ने कुछ भी नहीं किया गया.

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