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सरगुजा एयरपोर्ट का इतिहास आजादी के पहले का है, लेकिन आज तक शुरू नहीं हो सकी हवाई सेवा

History of Surguja airport सरगुजा एयरपोर्ट का इतिहास देश के आजादी से पहले का है. तब राज परिवार इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करता था. लेकिन देश को आजाद हुए 75 साल बीत जाने के बाद भी सरगुजा में हवाई सेवा की शुरुआत नहीं हो सकी है. जिससे लोग निराश हैं.

history of Surguja airport is before independence
सरगुजा एयरपोर्ट में आज तक शुरु नहीं हुई हवाई सेवा
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Published : Aug 26, 2022, 5:23 PM IST

सरगुजा: आजादी के पहले से ही सरगुजा में एयरपोर्ट और एयरोप्लेन (history of Surguja airport is before independence) था. लेकिन देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी सरगुजा में हवाई सेवा शुरू नहीं (but till date air service could not start) हो सकी है. सरकारी मामलों में केंद्र से राज्य और राज्य से प्रशासन के बीच बरसों से अम्बिकापुर का एयरपोर्ट का मामला लटका हुआ है. एक समय था जब सरगुजा राज परिवार के पास खुद का एयरोप्लेन था. जिसे 1962 में देश के लिये दान कर दिया गया था.

Darima Airport Ambikapur
दरिमा हवाई अड्डा अम्बिकापुर
सरगुजा राज परिवार का इतिहास: सरगुजा रियासत के जानकार गोविंद शर्मा बताते हैं "महाराज रामनुज शरण सिंहदेव की दो पत्नियां हुई. पहली गंगा महारानी से 1909 में विवाह हुआ. लेकिन 1921 में उनकी मृत्यु हो गई. गंगा महारानी चाहती थी कि महाराज उनकी ही ममेरी बहन से विवाह करें. महारानी गंगा के निधन के बाद महाराज ने उनकी ममेरी बहन विजेश्वरी महारानी से विवाह किया. गोविंद शर्मा बताते हैं "महाराज के 3 पुत्र थे. पहली महारानी से महाराज अम्बिकेश्वर शरण सिंह और महाराज कुमार चंडीकेश्वर सिंहदेव हुये, जो सरगुजा में ही रहे." वहीं विजेश्वरी महारानी से राजा चंद्रचूड़ हुये, इनको धरमजयगढ़ उदयपुर रियासत के राजा ने गोद ले लिया था."
Ambikapur Gandhi Stadium was earlier a polo ground and airport
अम्बिकापुर गांधी स्टेडियम पहले था पोलो ग्राउंड और हवाई अड्डा
लाल रंग का एफ 5 प्लेन: गोविंद शर्मा बताते हैं "राजा चंद्रचूड़ को महाराज रामनुज शरण सिंहदेव ने प्राइवेट प्लेन दिया था. यह एफ-5 प्लेन लाल रंग का था, जो 2 सीटर प्लेन था. उस समय अम्बिकापुर गांधी स्टेडियम पोलो ग्राउंड और हवाई अड्डा हुआ करता था. इसी प्लेन से महाराज भी बारिश में खेती की स्थिति देखते थे. महाराज रायपुर और नागपुर की बैठकों में इसी से जाते थे."यह भी पढ़ें: सरगुजा नहीं कोरिया राजा ने मारा था अंतिम चीता


चीन युद्ध के बाद राजा ने एफ 5 प्लेन कर दिया दान: गोविन्द शर्मा बताते हैं "1962 में चीन से भारत का युद्ध हुआ. बहुत सी जमीन में चीन ने कब्जा कर लिया और भारत हार गया था. उस समय स्वतंत्रता संग्राम जलसा लगता था, राम मंदिर के पास स्टेज में जलसा लगा था. जिसमें लोग दान दे रहे थे. तभी राजा चंद्रचूड़ ने भी अपने प्लेन को बहोत सारे आभूषण के साथ सुरक्षा कोष में दान दे दिए थे.

Darima Airport is ready for 4 years
4 साल से बनकर तैयार है दरिमा एयरपोर्ट
4 साल से एयरपोर्ट बनकर तैयार: स्थानीय व्यवसायी कन्हैया लाल कहते हैं " पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अंबिकापुर में एयरपोर्ट की घोषणा की. केंद्र ने फंड भी दिए, लेकिन 4 साल से सरगुजावासी हवाई यात्रा के सिर्फ सपने ही देख रहे हैं. बार बार तकनीकी खामियों का हवाला देकर इसे टाल दिया जाता है. अगर हवाई सेवा शुरू हो जाएगी, तो यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के नये मार्ग खुलेंगे."
gandhi stadium ambikapur
गांधी स्टेडियम अम्बिकापुर
सपना ही ना रह जाये: नौशाद अली कहते हैं "एयरपोर्ट और हवाई सेवा, लगता है सपना ही रह जायेगा. सुनते हैं ब्रिटिश काल में यहां एयरपोर्ट और एयरोप्लेन दोनों हुआ करता था. लेकिन आजाद भारत के 75 साल में सरगुजा को हवाई सेवा नहीं मिल सका है. केंद्र सरकार राज्य को कहता है. राज्य अपने अधिकारियों को आदेश देता है. मंत्री एयरपोर्ट का निरीक्षण करते हैं. लेकिन बस यही देखने को मिल रहा है. कब हवाई सेवा शुरू होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है."

सरगुजा: आजादी के पहले से ही सरगुजा में एयरपोर्ट और एयरोप्लेन (history of Surguja airport is before independence) था. लेकिन देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी सरगुजा में हवाई सेवा शुरू नहीं (but till date air service could not start) हो सकी है. सरकारी मामलों में केंद्र से राज्य और राज्य से प्रशासन के बीच बरसों से अम्बिकापुर का एयरपोर्ट का मामला लटका हुआ है. एक समय था जब सरगुजा राज परिवार के पास खुद का एयरोप्लेन था. जिसे 1962 में देश के लिये दान कर दिया गया था.

Darima Airport Ambikapur
दरिमा हवाई अड्डा अम्बिकापुर
सरगुजा राज परिवार का इतिहास: सरगुजा रियासत के जानकार गोविंद शर्मा बताते हैं "महाराज रामनुज शरण सिंहदेव की दो पत्नियां हुई. पहली गंगा महारानी से 1909 में विवाह हुआ. लेकिन 1921 में उनकी मृत्यु हो गई. गंगा महारानी चाहती थी कि महाराज उनकी ही ममेरी बहन से विवाह करें. महारानी गंगा के निधन के बाद महाराज ने उनकी ममेरी बहन विजेश्वरी महारानी से विवाह किया. गोविंद शर्मा बताते हैं "महाराज के 3 पुत्र थे. पहली महारानी से महाराज अम्बिकेश्वर शरण सिंह और महाराज कुमार चंडीकेश्वर सिंहदेव हुये, जो सरगुजा में ही रहे." वहीं विजेश्वरी महारानी से राजा चंद्रचूड़ हुये, इनको धरमजयगढ़ उदयपुर रियासत के राजा ने गोद ले लिया था."
Ambikapur Gandhi Stadium was earlier a polo ground and airport
अम्बिकापुर गांधी स्टेडियम पहले था पोलो ग्राउंड और हवाई अड्डा
लाल रंग का एफ 5 प्लेन: गोविंद शर्मा बताते हैं "राजा चंद्रचूड़ को महाराज रामनुज शरण सिंहदेव ने प्राइवेट प्लेन दिया था. यह एफ-5 प्लेन लाल रंग का था, जो 2 सीटर प्लेन था. उस समय अम्बिकापुर गांधी स्टेडियम पोलो ग्राउंड और हवाई अड्डा हुआ करता था. इसी प्लेन से महाराज भी बारिश में खेती की स्थिति देखते थे. महाराज रायपुर और नागपुर की बैठकों में इसी से जाते थे."यह भी पढ़ें: सरगुजा नहीं कोरिया राजा ने मारा था अंतिम चीता


चीन युद्ध के बाद राजा ने एफ 5 प्लेन कर दिया दान: गोविन्द शर्मा बताते हैं "1962 में चीन से भारत का युद्ध हुआ. बहुत सी जमीन में चीन ने कब्जा कर लिया और भारत हार गया था. उस समय स्वतंत्रता संग्राम जलसा लगता था, राम मंदिर के पास स्टेज में जलसा लगा था. जिसमें लोग दान दे रहे थे. तभी राजा चंद्रचूड़ ने भी अपने प्लेन को बहोत सारे आभूषण के साथ सुरक्षा कोष में दान दे दिए थे.

Darima Airport is ready for 4 years
4 साल से बनकर तैयार है दरिमा एयरपोर्ट
4 साल से एयरपोर्ट बनकर तैयार: स्थानीय व्यवसायी कन्हैया लाल कहते हैं " पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अंबिकापुर में एयरपोर्ट की घोषणा की. केंद्र ने फंड भी दिए, लेकिन 4 साल से सरगुजावासी हवाई यात्रा के सिर्फ सपने ही देख रहे हैं. बार बार तकनीकी खामियों का हवाला देकर इसे टाल दिया जाता है. अगर हवाई सेवा शुरू हो जाएगी, तो यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के नये मार्ग खुलेंगे."
gandhi stadium ambikapur
गांधी स्टेडियम अम्बिकापुर
सपना ही ना रह जाये: नौशाद अली कहते हैं "एयरपोर्ट और हवाई सेवा, लगता है सपना ही रह जायेगा. सुनते हैं ब्रिटिश काल में यहां एयरपोर्ट और एयरोप्लेन दोनों हुआ करता था. लेकिन आजाद भारत के 75 साल में सरगुजा को हवाई सेवा नहीं मिल सका है. केंद्र सरकार राज्य को कहता है. राज्य अपने अधिकारियों को आदेश देता है. मंत्री एयरपोर्ट का निरीक्षण करते हैं. लेकिन बस यही देखने को मिल रहा है. कब हवाई सेवा शुरू होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है."
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