ETV Bharat / business

Salary Most Important Factor : नौकरी चुनते वक्त वेतन को सबसे ज्यादा तवज्जो देते हैं 60 प्रतिशत लोग : सर्वे

जब भी कोई व्यक्ति नई नौकरी खोजता है, तो उसके लिए सबसे अहम फैक्टर होता है - सैलरी. इसके आधार पर ही वह किसी नई नौकरी के बारे में निर्णय करता है. एक सर्वे में यह दावा किया गया है कि 60 फीसदी लोग सैलरी को सबसे अहम फैक्टर मानते हैं.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो
author img

By

Published : Feb 22, 2023, 5:44 PM IST

नई दिल्ली : अपने लिए नौकरी का चयन करते वक्त लोगों के लिए सबसे अहम कारक वेतन होता है. एक सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से 60 प्रतिशत ने यह कहा है. इसके अलावा कंपनी के प्रबंधन में भरोसा भी इस लिहाज से एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है. संपत्ति सलाहकार सीबीआरई इंडिया ने 'भारत की आवाज: भविष्य में लोग कैसे रहेंगे, किस तरह काम और खरीदारी करेंगे' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है. यह सर्वे 1,500 से अधिक लोगों पर किया गया है जिसमें करीब 70 प्रतिशत ने कहा कि वे कम से कम तीन दिन कार्यालय आकर काम करना चाहते हैं.

सीबीआरई ने कहा, 'विभिन्न आयुवर्ग के 60 प्रतिशत से अधिक भावी कर्मियों (कार्यालय और हाइब्रिड दोनों तरह से काम करने वाले) ने कहा कि नौकरी का चयन करते वक्त वेतन सबसे अहम कारक बना हुआ है. वहीं आमने-सामने का संवाद सीमित होने की वजह से कंपनी के प्रबंधन में भरोसा भी दोनों प्रकार के कर्मियों के लिए एक अन्य महत्वपूण कारक के रूप में सामने आया है.'

रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यस्थल पर सुरक्षा के बेहतर उपाय और सुविधाओं को 80 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सबसे ज्यादा प्रेरणादायी पहलू बताया जिससे वे नियमित रूप से कार्यालय आने को प्रेरित होते हैं. सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, 'सर्वे बताता है कि ज्यादातर लोग कार्यालय में नियमित आने पर जब विचार करते हैं तो कार्यस्थल की गुणवत्ता और काम करने के निजी स्थान को तवज्जो देते हैं जबकि इस मामले में महामारी के बाद से स्वास्थ्य उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक हो गया है.' सर्वे में पाया गया कि हाइब्रिड कामकाज (कभी कार्यालय आकर तो कभी घर से काम करना) को भारत में व्यापक रूप से अपनाया गया है. 78 प्रतिशत लोग इस प्रकार के कामकाज को प्राथमिकता देते हैं.

नई दिल्ली : अपने लिए नौकरी का चयन करते वक्त लोगों के लिए सबसे अहम कारक वेतन होता है. एक सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से 60 प्रतिशत ने यह कहा है. इसके अलावा कंपनी के प्रबंधन में भरोसा भी इस लिहाज से एक महत्वपूर्ण मापदंड बन गया है. संपत्ति सलाहकार सीबीआरई इंडिया ने 'भारत की आवाज: भविष्य में लोग कैसे रहेंगे, किस तरह काम और खरीदारी करेंगे' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है. यह सर्वे 1,500 से अधिक लोगों पर किया गया है जिसमें करीब 70 प्रतिशत ने कहा कि वे कम से कम तीन दिन कार्यालय आकर काम करना चाहते हैं.

सीबीआरई ने कहा, 'विभिन्न आयुवर्ग के 60 प्रतिशत से अधिक भावी कर्मियों (कार्यालय और हाइब्रिड दोनों तरह से काम करने वाले) ने कहा कि नौकरी का चयन करते वक्त वेतन सबसे अहम कारक बना हुआ है. वहीं आमने-सामने का संवाद सीमित होने की वजह से कंपनी के प्रबंधन में भरोसा भी दोनों प्रकार के कर्मियों के लिए एक अन्य महत्वपूण कारक के रूप में सामने आया है.'

रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यस्थल पर सुरक्षा के बेहतर उपाय और सुविधाओं को 80 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सबसे ज्यादा प्रेरणादायी पहलू बताया जिससे वे नियमित रूप से कार्यालय आने को प्रेरित होते हैं. सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, 'सर्वे बताता है कि ज्यादातर लोग कार्यालय में नियमित आने पर जब विचार करते हैं तो कार्यस्थल की गुणवत्ता और काम करने के निजी स्थान को तवज्जो देते हैं जबकि इस मामले में महामारी के बाद से स्वास्थ्य उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक हो गया है.' सर्वे में पाया गया कि हाइब्रिड कामकाज (कभी कार्यालय आकर तो कभी घर से काम करना) को भारत में व्यापक रूप से अपनाया गया है. 78 प्रतिशत लोग इस प्रकार के कामकाज को प्राथमिकता देते हैं.

ये भी पढ़ें : Investment In Share Market: बाजार में आने वाली अस्थिरता से डरते हैं? तो विविध निवेशों के साथ जोखिम को कर सकते हैं कम

(भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.