कोरबा : कलेक्टर कार्यालय कोरबा में अनुसूचित जनजातियों की संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखने और आगामी पीढ़ी को जनजाति संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. आदिवासियों के सांस्कृतिक विरासत को सहेजे रखने के उद्देश्य से आदिम जाति अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान ने संग्रहालय भवन में जनजातीय जीवन शैली को विशिष्टता के आधार पर संकलित कर गैलरी में आर्टीफैक्ट्स किया है.
इस आयोजन के लिए जिले के पांचों ब्लॉक के सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों, अपर कलेक्टर संजय अग्रवाल, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग और अन्य जिला अधिकारियों की बैठक रखी गई थी.जिसमें विश्व के प्रथम आदिवासी शक्तिपीठ के नेतृत्व और निर्देशन में सर्व आदिवासी समाज ने अपनी पूरी बात रखी. जिला प्रशासन ने इस विषय पर दोबारा बैठक रखने की बात कही.
समाज की समस्यायों पर हुई बात
आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने अपने बेहतर तर्क से जिला प्रशासन को फिर से आदिवासियों के उत्थान के संबंध में अवगत कराया,जिसके बाद एक और बैठक सह प्रशिक्षण की योजना बनी, जिसमें सर्व आदिवासी समाज की बैठक आदिवासी शक्तिपीठ के सभागार में रखी गई और जिले के अंदर होने वाली समस्याओं पर भी बात की गई.
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आदिवासी समाज को मजबूत बनाने पर चर्चा
इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष सेवक राम मरावी, आदिवासी शक्तिपीठ के अध्यक्ष शिवनारायण सिंह कंवर , जिला पंचायत अध्यक्ष पति छत्रपाल सिंह कंवर सहित आदिवासी शक्तिपीठ के उपाध्यक्ष पब्लिक रिलेशन ऑफीसर रमेश सिरका, सुमन नेताम, गंगा सिंह कंवर, बहुर सिंह ध्रुव, रामनारायण मांझी सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे. सभी प्रतिनिधियों ने अपनी तर्कसंगत बात और जिले में समाज को और भी मजबूत बनाने के लिए एकता पर बल दिया.आदिवासी शक्तिपीठ को और कैसे बेहतर सुंदर बनाया जाए उस पर भी अपनी बात रखी गई. इस दौरान जिला सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और आदिवासी शक्तिपीठ के संगठन प्रमुख ने भी अपनी सारगर्भित बात रखी. संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन आदिवासी शक्तिपीठ के सांस्कृतिक प्रमुख तिरु निर्मल सिंह राज ने किया.