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कमलेश्वर पांडेय राजेंद्र यादव समिति हंस कथा सम्मान से सम्मानित

SECL कुसमुंडा के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी कमलेश्वर पांडेय को उनके कहानी 'राष्ट्रपति का दत्तक' के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान राजेंद्र यादव समिति हंस कथा से सम्मानित किया गया है.

Kamleshwar Pandey, Senior Hindi Language Officer, SECL Kusmunda
SECL कुसमुंडा के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी कमलेश्वर पांडेय
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Published : Aug 9, 2020, 9:56 PM IST

कोरबा: SECL कुसमुंडा के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी कमलेश्वर पांडेय को देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान राजेंद्र यादव समिति हंस कथा से सम्मानित किया गया है. कमलेश्वर प्रगतिशील लेखक संघ से भी जुड़े हुए हैं. साथ ही SECL के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी है. कमलेश्वर पांडेय को यह सम्मान उनकी कहानी "राष्ट्रपति का दत्तक" के लिए मिला है.

यह सम्मान बिहार के बेतिया की युवा कथाकार प्रीति प्रकाश को भी मिला है. कमलेश्वर के छत्तीसगढ़ी में दो उपन्यास "तू हरजाई ले गीया" और "जुराव" और हिंदी में उपन्यास "विपत" और कहानी संग्रह "अच्छा तो फिर ठीक है" नाम से प्रकाशित हुआ है.

मार्मिक कथा है राष्ट्रपति का दत्तक

राष्ट्रपति का दत्तक में आदिवासियों का जंगल से विस्थापन, गांव-शहर की हवा का सामना और उसके असर से निरीह बंटे जीवन की मार्मिक कथा है. व्यवस्था की रीति-नीति के अंतर्विरोधो को स्पष्ट करती, यह कहानी आदिवासियों के विस्थापन और सीमा के जंगलों पर सोचने को विवश करती है. जंगल से विस्थापित एक गरीब आदिवासी की व्यथा कथा और निरीहता व्यवस्था के सामने महत्वपूर्ण सवाल करती है.

पढ़ें:- गोल्ड मेडल से गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तक, इनके लिए महज एक नंबर है उम्र

इसी तरह प्रीति प्रकाश की कहानी "राम को जन्मभूमि मिलनी चाहिए" और "मैं एक काम वाली बाई" के माध्यम से वंचित तबके की त्रासदी और उसके मूल कारण को बिना लाउड हुए कड़ी कलात्मकता से प्रकट किया गया है. इन्हीं रचनाओं के लिए दोनों कथाकारों को सम्मान मिला है.

कोरबा: SECL कुसमुंडा के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी कमलेश्वर पांडेय को देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान राजेंद्र यादव समिति हंस कथा से सम्मानित किया गया है. कमलेश्वर प्रगतिशील लेखक संघ से भी जुड़े हुए हैं. साथ ही SECL के वरिष्ठ हिंदी भाषा अधिकारी है. कमलेश्वर पांडेय को यह सम्मान उनकी कहानी "राष्ट्रपति का दत्तक" के लिए मिला है.

यह सम्मान बिहार के बेतिया की युवा कथाकार प्रीति प्रकाश को भी मिला है. कमलेश्वर के छत्तीसगढ़ी में दो उपन्यास "तू हरजाई ले गीया" और "जुराव" और हिंदी में उपन्यास "विपत" और कहानी संग्रह "अच्छा तो फिर ठीक है" नाम से प्रकाशित हुआ है.

मार्मिक कथा है राष्ट्रपति का दत्तक

राष्ट्रपति का दत्तक में आदिवासियों का जंगल से विस्थापन, गांव-शहर की हवा का सामना और उसके असर से निरीह बंटे जीवन की मार्मिक कथा है. व्यवस्था की रीति-नीति के अंतर्विरोधो को स्पष्ट करती, यह कहानी आदिवासियों के विस्थापन और सीमा के जंगलों पर सोचने को विवश करती है. जंगल से विस्थापित एक गरीब आदिवासी की व्यथा कथा और निरीहता व्यवस्था के सामने महत्वपूर्ण सवाल करती है.

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इसी तरह प्रीति प्रकाश की कहानी "राम को जन्मभूमि मिलनी चाहिए" और "मैं एक काम वाली बाई" के माध्यम से वंचित तबके की त्रासदी और उसके मूल कारण को बिना लाउड हुए कड़ी कलात्मकता से प्रकट किया गया है. इन्हीं रचनाओं के लिए दोनों कथाकारों को सम्मान मिला है.

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