महोबा: उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तमाम दिशा-निर्देश दे रही है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाएं इस कदर खराब हैं कि स्कूल आने वाले बच्चों को भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. जनपद के पनवाड़ी ब्लॉक में आने वाले एक सरकारी विद्यालय के हालात इतने खराब हैं कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर स्विमिंग पूल जैसा नजर आता है और स्कूली बच्चे सिर पर बैग रखकर स्कूल आने के लिए विवश हो जाते हैं. कई बार तो बच्चे चोटिल हो जाते हैं. सरकारी स्कूल की जल निकासी व्यवस्थाओं में हुए अतिक्रमण के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई. इस पर न तो ग्राम प्रधान ध्यान दे रहा है और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी.
पानी से होकर गुजरते मासूम बच्चे और दूसरी तरफ कीचड़युक्त पानी में घूमते मवेशी यह नजारा न तो किसी स्विमिंग पूल का है और न ही किसी खेत खलियान का, बल्कि यह पनवाड़ी ब्लॉक अंतर्गत आने वाले हैवतपुरा खंगारन गांव में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है. इस विद्यालय में गांव के 150 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. दरअसल, इस विद्यालय की जलनिकासी के लिए बनाई गई नाली आदि स्थानों पर जबरन कब्जा कर अवरोध उत्पन्न कर दिया गया है. इस कारण बरसात के मौसम में भरने वाला पानी निकल नहीं पाता. नतीजन सरकारी स्कूल स्विमिंग पूल की तरह नजर आने लगता है.
दरअसल, विद्यालय से लगी हुई सड़क पर सीसी रोड का निर्माण कराया गया. ठेकेदार ने मनमानी करते हुए विद्यालय की जल निकासी के लिए बनाई गई नाली को ही बंद कर दिया. अब सरकारी विद्यालय में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है. इस बारिश के मौसम में जब पानी बरसता है, तब स्कूल में जलभराव हो जाता है. ऐसे में विद्यालय आने वाले बच्चों को खासी दिक्कत उठानी पड़ती है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं सिर पर बैग लेकर आने को मजबूर हो जाते हैं. कई बच्चे जलभराव में गिरकर घायल तक हो जाते हैं, जिससे किताबें व बैग भी खराब हो जाते हैं. फिर भी समस्या के निदान के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाए गए.
विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा कमलेश और छात्र विनय बताते हैं कि बरसात के दिन उनका स्कूल पानी से भर जाता है. स्कूल पहुंचने के लिए उन्हें दिक्कत उठानी पड़ती है. कई बार जलभराव के कारण गिरकर स्कूली बच्चे घायल हो जाते हैं. अभिभावक बृजगोपाल की मानें तो विद्यालय की व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हो पा रही हैं. इस कारण बच्चे स्कूल आने से मना कर देते हैं. बारिश के मौसम में समस्या बढ़ जाती है और पढ़ाई भी नहीं हो पाती. वहीं, विद्यालय के प्रधानचार्य नंदराम ने कहा कि उनके द्वारा बेसिक शिक्षा विंभाग को लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया गया. इसमें स्कूल में आने वाली समस्यों से अवगत कराया गया है. विद्यालय के जलभराव की निकासी के लिए बनी नालियों को ही बंद कर दिया गया, जिससे बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा. बारिश का पानी बच्चों की कक्षाओं तक घुस जाता है. इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारीयों को बताया गया. लेकिन, समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं, बीएसए अजय मिश्रा ने कहा कि स्कूल में अक्सर ऐसा नहीं होता है. बरसात के मौसम में ऐसा हुआ है. नाली चोक हो जाने के कारण विद्यालय में पानी भर गया था. अब नाली साफ करा दी गई है और जलभराव की कोई समस्या नहीं है.
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