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आरक्षण पर छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की ओर से 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक करार दिए जाने पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का निर्णय बदल जाने से अब प्रदेश में भर्तियों का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है. सीएम बघेल ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है.

Supreme Court decision
छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
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Published : May 1, 2023, 3:24 PM IST

Updated : May 1, 2023, 3:37 PM IST

रायपुर: आरक्षण के मामले पर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 58 फीसदी आरक्षण को हाई कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के साथ ही 58 फीसदी आरक्षण के आधार पर छ्त्तीसगढ़ में भर्ती के आदेश का रास्ता साफ हो गया है.

  • 58% आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं.

    पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा.

    राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा.

    लड़ेंगे-जीतेंगे

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


सीएम बघेल ने निर्णय का किया स्वागत: सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वागत करते हुए एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि " "58% आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं. पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा. राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा. लड़ेंगे-जीतेंगे."

सीएम बघेल ने युवाओं को दिलाया था भरोसा: एक दिन पहले यानी रविवार को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर होने पर भर्ती होगी. इसके बाद अखबारों में सिर्फ भर्ती के ही विज्ञापन दिखेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भर्ती और प्रमोशन के साथ साथ एडमिशन में आने वाली दिक्कत भी दूर हो जाएगी.

यह भी पढ़ें- Conversion दुर्ग में कथित धर्मांतरण को लेकर तनावपूर्ण स्थिति के बाद हालात सामान्य

सितंबर 2022 में आया था छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार, 19 सितंबर को अपने महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने आबादी के हिसाब से आरक्षण देने को भी गलत माना था.

58 प्रतिशत आरक्षण में ये दी गई थी व्यवस्था: राज्य सरकार ने आरक्षण नीति में बदलाव करने के बाद 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की. इसके तहत लोकसेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा-4 में संशोधन किया गया. संशोधन में अजजा वर्ग को 32 फीसदी, अजा वर्ग को 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था.

रायपुर: आरक्षण के मामले पर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 58 फीसदी आरक्षण को हाई कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के साथ ही 58 फीसदी आरक्षण के आधार पर छ्त्तीसगढ़ में भर्ती के आदेश का रास्ता साफ हो गया है.

  • 58% आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं.

    पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा.

    राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा.

    लड़ेंगे-जीतेंगे

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


सीएम बघेल ने निर्णय का किया स्वागत: सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वागत करते हुए एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि " "58% आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं. पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा. राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा. लड़ेंगे-जीतेंगे."

सीएम बघेल ने युवाओं को दिलाया था भरोसा: एक दिन पहले यानी रविवार को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर होने पर भर्ती होगी. इसके बाद अखबारों में सिर्फ भर्ती के ही विज्ञापन दिखेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब भर्ती और प्रमोशन के साथ साथ एडमिशन में आने वाली दिक्कत भी दूर हो जाएगी.

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सितंबर 2022 में आया था छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार, 19 सितंबर को अपने महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में 58 फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने आबादी के हिसाब से आरक्षण देने को भी गलत माना था.

58 प्रतिशत आरक्षण में ये दी गई थी व्यवस्था: राज्य सरकार ने आरक्षण नीति में बदलाव करने के बाद 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की. इसके तहत लोकसेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा-4 में संशोधन किया गया. संशोधन में अजजा वर्ग को 32 फीसदी, अजा वर्ग को 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था.

Last Updated : May 1, 2023, 3:37 PM IST
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