नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर 3 जुलाई को संसदीय स्थायी समिति की चर्चा से पहले शनिवार को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक होगी. यह बैठक 10, जनपथ स्थित पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी (Former Congress chief Sonia Gandhi) के आवास पर होगी. बैठक में सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं के साथ यूसीसी प्रस्ताव पर विशेष ध्यान देने के साथ संसद के आगामी मानसून सत्र (monsoon session of parliament) के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा करेंगी. इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रस्तावित यूसीसी और अन्य प्रमुख मुद्दों जैसे मणिपुर हिंसा, चीनी घुसपैठ, मूल्य वृद्धि और अडाणी पर जेपीसी को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा करेंगी. साथ ही इन मुद्दों पर विपक्षी एकता कैसे बनाई जाए, इसको लेकर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. रणनीति समूह की बैठक में पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और दोनों सदनों के प्रमुख नेता, जिनमें जयराम रमेश, पी चिदंबरम, प्रमोद तिवारी, गौरव गोगोई, के सुरेश और मनिकम टैगोर शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार, पार्टी के नेताओं का मानना है कि तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनावों और बाद में 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए पीएम मोदी यूसीसी पर जोर दे रहे हैं.
कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने कानून पैनल द्वारा जारी हालिया नोटिस पर 3 जुलाई को विधि आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया. विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर हितधारकों की राय जानने के लिए नोटिस जारी किया था. वहीं कानून और कार्मिक पर स्थायी समिति के कार्यक्रम के अनुसार, यह 14 जून, 2023 को भारत के विधि आयोग द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस पर कानून पैनल और कानून मंत्रालय के कानूनी मामलों और विधायी विभागों के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनेगी. साथ ही प्रधानमंत्री ने 28 जून को यह कहकर यूसीसी की वकालत की कि क्या देश को दो प्रकार के कानूनों की जरूरत है. उसी दिन (28 जून) यूसीसी का मुद्दा तब उठा जब राहुल गांधी और खड़गे राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ छत्तीसगढ़ के लिए चुनावी रणनीति की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान राहुल ने विभिन्न नेताओं के विचार सुनने के बाद अंत में कहा कि कांग्रेस के लिए संविधान और उसके मूल्य सर्वोच्च हैं और पार्टी नेताओं से भाजपा के जाल में फंसने से बचने का आग्रह किया. समीक्षा बैठक के बाद, राज्य के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने इस बात से इनकार किया कि यूसीसी छत्तीसगढ़ में कोई मुद्दा है. हालांकि उन्होंने टिप्पणी की कि अगर भाजपा इसे उठाएगी तो भगवा पार्टी हार जाएगी जैसा कि कर्नाटक में हुआ था.
वहीं एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'हम भाजपा के इरादों को जानते हैं और हमें प्रभावी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.' यूसीसी मुद्दे पर आप जैसे क्षेत्रीय दलों की ओर से पहले ही अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं, जिन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इसका समर्थन किया है, जबकि शिव सेना यूबीटी ने शर्त के साथ इसका समर्थन किया है. जबकि डीएमके, टीएमसी, एनसीपी और शिअद ने इस कदम का विरोध किया है. यूसीसी मुद्दे पर आप जैसे क्षेत्रीय दलों की ओर से पहले ही अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं, जिन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इसका समर्थन किया है, जबकि शिव सेना यूबीटी ने शर्त के साथ इसका समर्थन किया है. जबकि डीएमके, टीएमसी, एनसीपी और शिअद ने इस कदम का विरोध किया है. पिछले बजट सत्र के दौरान, शिवसेना यूबीटी और आप दोनों अडाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग में कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन हाल ही में आप, अधिकारियों की नियुक्ति से संबंधित एक विवादास्पद दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस की आलोचना कर रही है.
पिछले बजट सत्र के दौरान, शिवसेना यूबीटी और आप दोनों अडाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग में कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन हाल ही में आप, अधिकारियों की नियुक्ति से संबंधित एक विवादास्पद दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस की आलोचना कर रही है. मानसून सत्र के दौरान विपक्षी एकता बनाना कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, जो 14 जुलाई को बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी बैठक की मेजबानी करने वाली है. वहीं मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होने की संभावना है. इसके अलावा, कांग्रेस पूर्वोत्तर मणिपुर में नागरिक संघर्ष पर चुप्पी के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना करेगी, जहां राहुल ने हाल ही में दौरा किया था और मानसून सत्र के दौरान शांति की अपील की थी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि जेपीसी में अडाणी, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और चीनी घुसपैठ पर भी मुद्दा उठाया जाएगा.