रायगढ़: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के चलते पूरा प्रदेश राममय हो गया है. शुक्रवार को देशभर से आये अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के बीच अरण्य कांड पर आधारित प्रतियोगिता हुई. जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, असम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ की टीम में भाग लिया. इस दौरान रामायण मंडलियों की मनमोहक प्रस्तुति ने कार्यक्रम में मौजूद सभी दर्शकों का मन मोह लिया.
हनुमान चालीसा के दूसरे दिन की हुई शुरुआत: महोत्सव के दूसरे दिन लोकगायक दिलीप षडंगी ने अपनी टीम के साथ हनुमान चालीसा की प्रस्तुति दी. मंत्री अमरजीत भगत और मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रामायण महोत्सव के दौरान मंच पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की थाप के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया.
महाराष्ट्र के भक्ति आंदोलन की दिखी झलक: महाराष्ट्र में नीलमत पुराण का गहरा प्रभाव है. संत रामदास जैसे भक्त हुए. कोंकण क्षेत्र में महाराष्ट्र के भक्ति आंदोलन हुआ. यहां गणपति की पूजा की परंपरा है. यही वजह है कि यहां रामकथा में गणपति भी दिखते हैं. महाराष्ट्र के भक्ति आंदोलन जैसी सुंदर प्रस्तुति रामायण महोत्सव में भी देखने मिल रही है. महाराष्ट्र के वर्धा के आए कलाकार दल ने अरण्य कांड पर मनमोहक प्रस्तुति दी.
गोवा से आये कलाकारों की प्रस्तुति: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में गोवा के कलाकारों ने श्रीराम के वनवास काल का मंचन किया. इस दौरान वन की ओर जाते श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के बीच संवाद को दर्शाया गया.
असम से आये कलाकारों की प्रस्तुति: रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में असम के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया. असम के परफोर्मिंग आर्ट्स कॉलेज डिब्रूगढ़ के कलाकारों द्वारा अरण्य कांड की प्रस्तुति दी गई. जिसमें सुर्पनखा और श्रीराम-लक्ष्मण के बीच संवाद की कथा का मंचन किया गया.
उत्तराखंड से आये कलाकारों की प्रस्तुति: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में उत्तराखंड के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी. जिसमें लक्ष्मण द्वारा सुर्पनखा के नाक को काटे जाने की कथा का मंचन किया गया.
हिमाचल प्रदेश से आये कलाकारों की प्रस्तुति: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में हिमाचल प्रदेश से आये कलाकारों ने सुर्पनखा के नाक को काटे जाने के बाद दण्डकवन के राजा खर और दूषण की कथा का मंचन किया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश से आये कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी.
झारखंड से आये कलाकारों की प्रस्तुति: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में झारखंड से आये कलाकारों ने भी सुंदर प्रस्तुति दी. जिसमें पूरे अरण्य कांड के दौरान घटी घटनाओं का सुंदर मंचन किया गया. झारखंड के कलाकारों ने निषादराज मिलन, सीता हरण, जाटायु-राम संवाद और शबरी के झूठे बेर खाने के प्रसंग का मनमोहक प्रस्तुतिकरण किया.
कर्नाटक से आये कलाकारों की प्रस्तुति: कर्नाटक से आये कलाकारों ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में अपनी नाड्य कला से सबका दिल जीत लिया. कलाकारों के भावपूर्ण प्रस्तुति ने अरण्यकाल के दृश्य को दर्शकों के समक्ष जीवंत कर दिया.