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रायपुर धर्म संसद मामला : बापू पर विवादित टिप्पणी के आरोपी कालीचरण की रिमांड बढ़ी

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Published : Mar 21, 2022, 7:34 PM IST

रायपुर धर्म संसद में महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी के (Kalicharan Maharaj remarks on mahatma Gandhi in raipur dharm sansad) आरोप में जेल में बंद कथित संत कालीचरण महाराज की न्यायिक हिरासत 7 दिन और बढ़ा दी गई है. वह ढाई महीने से अधिक समय से रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद हैं.

Kalicharan Maharaj
कथित संत कालीचरण महाराज

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद कथित संत कालीचरण महाराज की (judicial remand of Sant Kalicharan again increased ) न्यायिक हिरासत पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एक बार फिर उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. कालीचरण राजद्रोह के मामले में 31 दिसंबर 2021 से केंद्रीय जेल में बंद हैं. रायपुर सीजेएम भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 7 दिन बढ़ाने का फैसला सुनाया है. अब 28 मार्च को इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी. उसी दिन पुलिस चालान भी पेश करेगी. पुलिस आज चालान पेश करने वाली थी, लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकी.

धर्म संसद में महात्मा गांधी पर की थी अभद्र टिप्पणी : रायपुर में दो दिवसीय धर्म संसद का अयोजन किया गया था. 25 से 26 दिसंबर 2021 तक आयोजित इस धर्म संसद में देशभर से कई बड़े साधु-संत शामिल हुए थे. इस दौरान 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के अकोला निवासी कथित संत कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया था. राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को उनकी हत्या को लेकर धन्यवाद ज्ञापित किया था. इसके बाद से न केवल छत्तीसगढ़ में सियासी सरगर्मी तेज हो गई थी, बल्कि देशभर में यह मामला गरमा गया था.

मध्यप्रदेश के खजुराहो से हुई थी गिरफ्तारी
कालीचरण पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस ने बताया था कि अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद वह गेस्ट हाउस में छिपा था. जांच के दौरान साक्ष्यों के आधार पर कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई में धारा 153 ए, 153 बी (1), 295 ए, 505(1) (बी) को भी शामिल किया गया है.

कालीचरण के खिलाफ महाराष्ट्र में भी दर्ज है मामला
जानकारी के मुताबिक कालीचरण के खिलाफ सबसे पहली एफआईआर राजधानी रायपुर में 26 दिसंबर को दर्ज हुई थी. इसके बाद धीरे-धीरे महाराष्ट्र के कई शहरों में कालीचरण पर एफआईआर दर्ज हुई. इसमें अकोला, वर्धा, पुणे, ठाणे समेत कई शहर शामिल हैं. कालीचरण महाराज रायपुर के केंद्रीय जेल में न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं. आज उनकी न्यायिक रिमांड की अवधि समाप्त हुई थी.

पढ़ें- कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज, महात्मा गांधी पर की थी शर्मनाक टिप्पणी

लोअर और सेशन कोर्ट खारिज कर चुका है जमानत
आपको बता दें कि कालीचरण महाराज को 30 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान उनके वकीलों ने जमानत याचिका लगाई. लोअर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और उन्हें रायपुर पुलिस को 2 दिन के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया. रायपुर पुलिस ने 2 दिन की बजाय एक दिन में ही पूछताछ पूरी कर 31 दिसंबर को कालीचरण को कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. इस बीच कालीचरण के वकीलों द्वारा सेशन कोर्ट में भी जमानत याचिका लगाई गई, लेकिन सेशन कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी. अब कालीचरण के वकीलों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. वहीं कालीचरण की रिमांड अवधि लगातार बढ़ती जा रही है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद कथित संत कालीचरण महाराज की (judicial remand of Sant Kalicharan again increased ) न्यायिक हिरासत पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एक बार फिर उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. कालीचरण राजद्रोह के मामले में 31 दिसंबर 2021 से केंद्रीय जेल में बंद हैं. रायपुर सीजेएम भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 7 दिन बढ़ाने का फैसला सुनाया है. अब 28 मार्च को इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी. उसी दिन पुलिस चालान भी पेश करेगी. पुलिस आज चालान पेश करने वाली थी, लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकी.

धर्म संसद में महात्मा गांधी पर की थी अभद्र टिप्पणी : रायपुर में दो दिवसीय धर्म संसद का अयोजन किया गया था. 25 से 26 दिसंबर 2021 तक आयोजित इस धर्म संसद में देशभर से कई बड़े साधु-संत शामिल हुए थे. इस दौरान 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के अकोला निवासी कथित संत कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया था. राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को उनकी हत्या को लेकर धन्यवाद ज्ञापित किया था. इसके बाद से न केवल छत्तीसगढ़ में सियासी सरगर्मी तेज हो गई थी, बल्कि देशभर में यह मामला गरमा गया था.

मध्यप्रदेश के खजुराहो से हुई थी गिरफ्तारी
कालीचरण पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस ने बताया था कि अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद वह गेस्ट हाउस में छिपा था. जांच के दौरान साक्ष्यों के आधार पर कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई में धारा 153 ए, 153 बी (1), 295 ए, 505(1) (बी) को भी शामिल किया गया है.

कालीचरण के खिलाफ महाराष्ट्र में भी दर्ज है मामला
जानकारी के मुताबिक कालीचरण के खिलाफ सबसे पहली एफआईआर राजधानी रायपुर में 26 दिसंबर को दर्ज हुई थी. इसके बाद धीरे-धीरे महाराष्ट्र के कई शहरों में कालीचरण पर एफआईआर दर्ज हुई. इसमें अकोला, वर्धा, पुणे, ठाणे समेत कई शहर शामिल हैं. कालीचरण महाराज रायपुर के केंद्रीय जेल में न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं. आज उनकी न्यायिक रिमांड की अवधि समाप्त हुई थी.

पढ़ें- कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज, महात्मा गांधी पर की थी शर्मनाक टिप्पणी

लोअर और सेशन कोर्ट खारिज कर चुका है जमानत
आपको बता दें कि कालीचरण महाराज को 30 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान उनके वकीलों ने जमानत याचिका लगाई. लोअर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और उन्हें रायपुर पुलिस को 2 दिन के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया. रायपुर पुलिस ने 2 दिन की बजाय एक दिन में ही पूछताछ पूरी कर 31 दिसंबर को कालीचरण को कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. इस बीच कालीचरण के वकीलों द्वारा सेशन कोर्ट में भी जमानत याचिका लगाई गई, लेकिन सेशन कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी. अब कालीचरण के वकीलों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. वहीं कालीचरण की रिमांड अवधि लगातार बढ़ती जा रही है.

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