ETV Bharat / bharat

PMAY in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में पीएम आवास पर गरमाई सियासत, जानें किसने बनवाए कितने मकान ! - प्रधानमंत्री आवास योजना छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. भाजपाई पीएम आवास योजना को लेकर लगातार राज्य सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. इसके लिए भाजपा सड़क से लेकर विधानसभा तक हल्ला बोल रही है तो सरकार सर्वे की बात कह रही है. चलिए जानते हैं कि आखिर राज्य में पीएम आवास योजना की क्या स्थिति है. किस सरकार में इस योजना के तहत कितने काम हुए हैं.Chhattisgarh news

PMAY in Chhattisgarh
पीएम आवास योजना
author img

By

Published : Mar 16, 2023, 4:46 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 4:56 PM IST

पीएम आवास पर गरमाई सियासत

रायपुर: छतीसगढ़ में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी लगातार सरकार को पीएम आवास योजना को लेकर घेर रही है. भाजपा आरोप लगा रही है कि प्रदेश की सरकार ने इस योजना में अपने हिस्से की रकम नहीं दी. करीब 16 लाख गरीब परिवार के लोग इससे वंचित हुए हैं. इसी तरह से चार लाख से ज्यादा परिवार शहर के होंगे जिन्हें प्रधानमंत्री आवास से वंचित होना पड़ा है. इसी मुद्दे को लेकर भाजपा लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.

सीएम पर लगाया प्रदेश को गुमराह करने का आरोप: भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने आवास के मुद्दे पर सीएम पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. 2011 की सूची के मुताबिक 16 लाख लोगों में 8 लाख लोगों को आवास मिलने का दावा प्रदेश सरकार कर रही है. वहीं 2016 की सर्वे सूची में आवास प्लस के 8 लाख आवास और मिलने की बात भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल कर रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "दोनों मिला लेंगे तो 16 लाख हो गया. शहरी आवास के चार लाख से ज्यादा आवेदन पेंडिंग है तो 20 लाख आवास छत्तीसगढ़ के लोगों को छीनने वाली, गरीबों के सिर से छत छीनने वाली, गरीबों की आह लेने वाली, पाप करने वाली, कोई सरकार है तो भूपेश बघेल सरकार है. जो गरीबों की आह है वह बड़े बड़ों को भस्म कर देती है."

Amarjeet Bhagat छत्तीसगढ़ में नहीं आई कांग्रेस सरकार तो मुड़वा दूंगा मूंछ : अमरजीत भगत

सरकार का दावा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक 271.37 करोड़ रुपए खर्च होने की बात कही थी. फिर अपनी सरकार आने पर वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 तक 2116.31 करोड़ रुपए खर्च करने का डाटा दिया. सीएम ने कहा "भाजपा की सरकार में कुल राशि खर्च हुई 1241.93 करोड़ रुपए और हमारी सरकार ने खर्च किए 2763.90 करोड़ रुपए. हमारी सरकार ने 2 गुना ज्यादा खर्च किया. भाजपा की जब सरकार थी तब मात्र 19042 आवास बनाए लेकिन जब से हमारी सरकार आई है. तब से लेकर अब तक 93725 आवास यानी 5 गुना से ज्यादा मकान बनाए हैं."


भूपेश बघेल के भाजपा से दो सवाल: सीएम बघेल ने भाजपा से सवाल करते कहा कि "भारत सरकार जनगणना नहीं करा रही है तो हम सर्वे करा रहे हैं. इससे वह सहमत है कि नहीं. हितग्राहियों का सर्वे होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए. नए सर्वे करवाएंगे तो नए हितग्राही आएंगे. उनको लाभ मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए. हम जो सर्वे करवा रहे हैं उससे सहमत है कि नहीं है. इसका समर्थन करते हैं कि नहीं करते हैं. क्योंकि उन गरीबों को भी मकान मिलना चाहिए. हमने घोषणा की है कि जो भी पात्र हितग्राही पाए जाएंगे उनको क्रमबद्ध तरीके से आवास दिया जाएगा तो भारतीय जनता पार्टी इससे सहमत हैं कि नहीं है. ये स्पष्ट करें."

जानकर क्या कहते हैं: वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक जानकर उचित शर्मा कहते हैं कि "आवास की स्थिति तो थोड़ी बहुत बनी हुई है. जिस तरीके के डेटा क्लेरिफिकेशन सरकार की ओर से आने चाहिए थे. उस तरीके से डेटा क्लेरिफिकेशन आ नहीं रहे हैं. आम जनमानस की बातों में वह क्लेरिफिकेशन समझ से परे हैं. लेकिन नो डाउट इस सरकार और पिछली सरकार में कंपेयर करें तो पिछली सरकार में आपको ज्यादा आंकड़ा निकलेगा. क्योंकि उन्होंने 15 साल राज किया है, जो फैक्ट एंड फिगर है तो आप 5-5 साल का मैच करेंगे तो वर्तमान सरकार फाइनेंशली थोड़ी से पिछड़ी है. अपना कंट्रीब्यूशन देने में थोड़ी सी पिछड़ी है. इकोनॉमिक क्राइसिस से गुजर रहे हैं. कारण जो भी हो सकते हैं. चाहे लोन हो, चाहे योजनाएं हो, चाहे किसानों को बोनस वाली बात हो, हम अपना फंड और कंट्रीब्यूशन दे नहीं पा रहे हैं. यह सच्चाई है इसको नकारा नहीं जा सकता."

पीएम आवास पर गरमाई सियासत

रायपुर: छतीसगढ़ में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी लगातार सरकार को पीएम आवास योजना को लेकर घेर रही है. भाजपा आरोप लगा रही है कि प्रदेश की सरकार ने इस योजना में अपने हिस्से की रकम नहीं दी. करीब 16 लाख गरीब परिवार के लोग इससे वंचित हुए हैं. इसी तरह से चार लाख से ज्यादा परिवार शहर के होंगे जिन्हें प्रधानमंत्री आवास से वंचित होना पड़ा है. इसी मुद्दे को लेकर भाजपा लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.

सीएम पर लगाया प्रदेश को गुमराह करने का आरोप: भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने आवास के मुद्दे पर सीएम पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. 2011 की सूची के मुताबिक 16 लाख लोगों में 8 लाख लोगों को आवास मिलने का दावा प्रदेश सरकार कर रही है. वहीं 2016 की सर्वे सूची में आवास प्लस के 8 लाख आवास और मिलने की बात भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल कर रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "दोनों मिला लेंगे तो 16 लाख हो गया. शहरी आवास के चार लाख से ज्यादा आवेदन पेंडिंग है तो 20 लाख आवास छत्तीसगढ़ के लोगों को छीनने वाली, गरीबों के सिर से छत छीनने वाली, गरीबों की आह लेने वाली, पाप करने वाली, कोई सरकार है तो भूपेश बघेल सरकार है. जो गरीबों की आह है वह बड़े बड़ों को भस्म कर देती है."

Amarjeet Bhagat छत्तीसगढ़ में नहीं आई कांग्रेस सरकार तो मुड़वा दूंगा मूंछ : अमरजीत भगत

सरकार का दावा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक 271.37 करोड़ रुपए खर्च होने की बात कही थी. फिर अपनी सरकार आने पर वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 तक 2116.31 करोड़ रुपए खर्च करने का डाटा दिया. सीएम ने कहा "भाजपा की सरकार में कुल राशि खर्च हुई 1241.93 करोड़ रुपए और हमारी सरकार ने खर्च किए 2763.90 करोड़ रुपए. हमारी सरकार ने 2 गुना ज्यादा खर्च किया. भाजपा की जब सरकार थी तब मात्र 19042 आवास बनाए लेकिन जब से हमारी सरकार आई है. तब से लेकर अब तक 93725 आवास यानी 5 गुना से ज्यादा मकान बनाए हैं."


भूपेश बघेल के भाजपा से दो सवाल: सीएम बघेल ने भाजपा से सवाल करते कहा कि "भारत सरकार जनगणना नहीं करा रही है तो हम सर्वे करा रहे हैं. इससे वह सहमत है कि नहीं. हितग्राहियों का सर्वे होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए. नए सर्वे करवाएंगे तो नए हितग्राही आएंगे. उनको लाभ मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए. हम जो सर्वे करवा रहे हैं उससे सहमत है कि नहीं है. इसका समर्थन करते हैं कि नहीं करते हैं. क्योंकि उन गरीबों को भी मकान मिलना चाहिए. हमने घोषणा की है कि जो भी पात्र हितग्राही पाए जाएंगे उनको क्रमबद्ध तरीके से आवास दिया जाएगा तो भारतीय जनता पार्टी इससे सहमत हैं कि नहीं है. ये स्पष्ट करें."

जानकर क्या कहते हैं: वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक जानकर उचित शर्मा कहते हैं कि "आवास की स्थिति तो थोड़ी बहुत बनी हुई है. जिस तरीके के डेटा क्लेरिफिकेशन सरकार की ओर से आने चाहिए थे. उस तरीके से डेटा क्लेरिफिकेशन आ नहीं रहे हैं. आम जनमानस की बातों में वह क्लेरिफिकेशन समझ से परे हैं. लेकिन नो डाउट इस सरकार और पिछली सरकार में कंपेयर करें तो पिछली सरकार में आपको ज्यादा आंकड़ा निकलेगा. क्योंकि उन्होंने 15 साल राज किया है, जो फैक्ट एंड फिगर है तो आप 5-5 साल का मैच करेंगे तो वर्तमान सरकार फाइनेंशली थोड़ी से पिछड़ी है. अपना कंट्रीब्यूशन देने में थोड़ी सी पिछड़ी है. इकोनॉमिक क्राइसिस से गुजर रहे हैं. कारण जो भी हो सकते हैं. चाहे लोन हो, चाहे योजनाएं हो, चाहे किसानों को बोनस वाली बात हो, हम अपना फंड और कंट्रीब्यूशन दे नहीं पा रहे हैं. यह सच्चाई है इसको नकारा नहीं जा सकता."

Last Updated : Mar 16, 2023, 4:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.