बिलासपुर : स्वामी निश्चलानंद ने देश के विभाजन को लेकर कई बातें कहीं हैं. निश्चलानंद ने देश के विभाजन के विषय में कहा कि, देश का विभाजन हिन्दू राजनेताओं की वजह से हुआ है. गांधी जी ने जिन्ना को कहा था कि आपको प्रसन्न करने के लिए देश को विखंडित भी किया जा सकता है. जिन्ना मुसलमानों के लिए विशेष अधिकार प्राप्त एक प्रांत चाहते थे. लेकिन उनके दिमाग में अन्य हिंदू राजनेताओं ने विभाजन का बीज डाला. स्वामी ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है और इसको आजकल गुप्त रखा गया है.'' इस दौरान स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने हिंदू राष्ट्र के साथ ही हिंदुओं को धर्म के प्रति जागृत होने की बात कहते हुए, उन्हें धर्म के प्रति आस्था रखने का निर्देश दिया.
चुनाव में सही व्यक्ति चुनकर आए, ये कहना कठिन : स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि '' राजनेताओं के द्विसंधियों के कारण देश का विभाजन हुआ है. सौ वर्षों की अवधि में बर्मा, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान यह सब भारत से अलग किए गए हैं. स्वतंत्र देश के प्रधानमंत्रियों ने भी कई बार देश को विखंडित भी किया है. प्रजातंत्र के नाम पर उन्माद तंत्र का परिचय राजनेताओं ने दिया है. सत्ता लोलुपता, दूरदर्शिता के चपेट से मुक्त होना राजनैतिक दलों के लिए एक उचित पहली सिद्धि है. चुनाव की जो प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया के आधार पर व्यवस्थित व्यक्ति चुनकर आए, यह कह पाना कठिन है.''
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पुराणों का दिया उदाहरण : शंकराचार्य ने पुराणों का उदाहरण देते हुए कहा कि '' महाभारत के अनुसार क्षत्रियों के हाथ में रक्षा विभाग होना चाहिए. इसके साथ ही कोल, भील और लड़ाकू वर्ग के व्यक्तियों को भी सेना में शामिल करें. भगवान राम और लक्ष्मण दो ही कुलीन परंपरा से खानदानी क्षत्रिय थे. बाकी सब वैकल्पिक क्षत्रियों को जुटाकर ही राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी.''