नई दिल्ली : राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी दलों ने संसद की गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मंगलवार को मार्च निकाला. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 13 दिन से संसद के सत्र में नहीं शामिल हुए हैं.
विपक्ष के मार्च में शामिल हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के 14 दिन हो गए हैं. हाउस में जिन मुद्दों के बारे में विपक्ष चर्चा करना चाहता है, वो चर्चा सरकार नहीं होने देती है और जहां भी विपक्ष अपनी मांग रखना चाहता है, सरकार उनकों डरा धमाकर चुप करवा देती है. ये लोकतंत्र की हत्या है, संसद भवन में सब मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. मगर जो चर्चा हम करना चाहते हैं वो हमें करने नहीं दी जाती.
राहुल ने कहा कि निलंबन के पीछे प्रधानमंत्री या सरकार नहीं है. ये पूंजीपतियों की शक्ति है.
मार्च के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं है. किसानों के आंदोलन का ये सबसे बड़ा बलिदान है. सरकार सुनने को तैयार नहीं है. वहीं, टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि ये मोदी सरकार 303 सीट के जीत के घमंड में है. 10-10 मिनट में बिल पास करा दिए जाते हैं.
राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने मंगलवार को सांसदों का विरोध मार्च निकालकर इसे अघोषित आपातकाल करार दिया. इस मार्च में दोनों सदनों के विपक्षी सदस्य संसद भवन परिसर से विजय चौक तक मार्च में शामिल हुए. इसके साथ ही विपक्षी दलों ने बुधवार को संसद भवन से जंतर-मंतर जाकर धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है.
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इस मसले पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन वापसी की मांग करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते सभापति ने कहा था कि सरकार और विपक्ष मिलकर गतिरोध का हल निकालें. लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि वह माफी मांगे जाने पर ही निलंबन रद्द करने पर विचार करेगी. विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है.