गुवाहाटी : मानसून के कारण असम में भारी बारिश हो रही है. इस वजह से ब्रह्मपुत्र घाटी में उफनती नदियों ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 10 जिले बाढ़ की जद में आ चुके हैं. इन जिलों में करीब 37,000 लोग बाढ़ प्रभावित हैं. वे या तो अपने घरों से निकल गये हैं या अपने घरों में फंस गये हैं. असम से मिल रही जानकारी के अनुसार, मूसलाधार बारिश ने 10 जिलों के नए इलाकों में पानी भर दिया है. विश्वनाथ, दरंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, होजई, लखीमपुर, नागांव, सोनितपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी इस साल बाढ़ की लहर से प्रभावित जिलों में शामिल हैं.
असम में नदियां खतरे के निशान से ऊपर : असम में विभिन्न इलाकों में नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि जोरहाट जिले के निमतिघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, कामपुर (नागांव) में कोपिली और कामरूप जिले के पुथिमारी में भी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. सीडब्ल्यूसी के बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र सहित कई अन्य नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. पिछले कुछ दिनों से समूचे राज्य में लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण बाढ़ की पहली लहर आई है और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं.
एनएच-06 प्रभावित : रविवार को सोनापुर सुरंग में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण उसका संपर्क एनएच-6 से कट गया. एनएच-6 मेघालय को पूर्वी असम के सिल्चर, मिजोरम और त्रिपुरा से जोड़ता है. पुलिस अधीक्षक जगपाल धनोआ ने कहा कि मलबे को साफ किया जा रहा है. यात्रियों को सतर्क रहने और जहां भी संभव हो वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने की सलाह दी गई है.
जहां भी संभव हो वैकल्पिक मार्ग अपनाएं : असम पुलिस ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा है कि सोनापीर्डी (सोनापुर) सुरंग पर आसपास की पहाड़ियों से मलबे और कीचड़ के भारी प्रवाह के कारण, इसे साफ करने और वाहनों की आवाजाही बहाल करने में लगभग 24 घंटे लगने की संभावना है. जनता को सलाह दी जाती है कि जितना संभव हो सके इस मार्ग पर यात्रा करने से बचें और जहां भी संभव हो वैकल्पिक मार्ग अपनाएं.
जानकारी के मुताबिक, विश्वनाथ, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सत्रह राहत वितरण केंद्र और दो राहत शिविर खोले गए हैं. असम में कुल मिलाकर 146 गांव नदियों और तटबंधों के टूटने के कारण आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ऊपरी असम के लखीमपुर जिले में सबसे अधिक 25,275 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद डिब्रूगढ़ में 3,857 और उत्तरी असम के सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ सब-डिवीजन में 3,631 लोग प्रभावित हुए हैं.
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बांध और सड़कें क्षतिग्रस्त, भूस्खलन की रिपोर्ट : रिपोर्ट्स के अनुसार, इन जिलों में बांध और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. दीमा-हसाओ जिले के लाईसांग बाजार के पास भूस्खलन भी हुआ है, जिसका आकलन अभी जारी है.
बारिश भारी का अनुमान : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय केंद्र ने भी 19 जून तक 12 से अधिक जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. इनमें से पश्चिमी असम के जिले अधिक प्रभावित हो सकते हैं. आईएमडी ने कहा कि 19 जून तक राज्य के पश्चिमी हिस्से के कुल 10 जिलों में से सात जिलों में भारी बारिश की संभावना है. ये हैं, दक्षिण सालमारा-मनकाचर, कोकराझार, चिरांग, गोलपारा, बोंगईगांव, बारपेटा और बक्सा. उत्तर पूर्वी असम के धेमाजी, लखीमपुर, चराईदेव, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया में भी 19 जून तक पूरे सप्ताह भारी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी की चेतावनी में असम के लिए सिर्फ एक येलो अलर्ट घोषित किया गया है.
जनवरी से ही बाढ़ की तैयारी में लगा प्रशासन : असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सीईओ ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने कहा कि हम जनवरी 2023 से ही बाढ़ को लेकर तैयारी कर रहे हैं. हमने सभी संभावित प्रभावित लोगों, बचाव का काम करने वाली एजेंसियों, चेतावनी देने वाली एजेंसियों के साथ सूचना का आदान-प्रदान करने वाली एजेंसियों के साथ बातचीत की है. उनके साथ लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हमने जिलावार तैयारी की है. ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले हम तैयारी के लिहाज से काफी बेहतर स्थिति में हैं. बाढ़ से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा बैठक : इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की थी.
पिछले साल के मुकाबले कम, लेकिन फिर चिंताजनक है बारिश का अनुमान : असम में मॉनसून सिस्टम सक्रिय है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 17-18 जून के दौरान, वार्षिक वर्षा का एक चौथाई-यानी लगभग 600-700 मिमी बारिश इसी महीने हो सकती है. हालांकि यह अनुमान पिछले साल की रिकॉर्ड बारिश से कम है. लेकिन फिर भी इतनी बारिश ब्रह्मपुत्र घाटी में जानलेवा बाढ़ लाने के लिए पर्याप्त है.
मौसम पूर्वानुमान करने वाली वेबसाइट विंडी के अनुसार, असम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में और भारी बारिश होने की संभावना है. राज्य में पूरे साल में औसतन 2,818 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा होती है. जबकि इस साल जून में ही लगभग 600-700 मिलीमीटर वर्षा होने का अनुमान है.
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क्यों हर साल असम में आती है बाढ़, क्या कहती है आईएमडी की रिपोर्ट : असम ने पिछले कुछ वर्षों में कई विनाशकारी बाढ़ें देखी हैं. 2022 के अलावा 2019 और 2020 में भी बाढ़ आई थी. आईएमडी (1989-2018) द्वारा 30 वर्षों के जलवायु डेटा पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, असम की सभी नदियां बाढ़ के लिए जिम्मेदार हैं. क्योंकि यहां कम समय में बहुत अधिक वर्षा होती है और हिमालय की ओर से भी पानी बड़ी तेजी से असम पहुंचता है. इनमें बड़ी मात्रा में गाद और मलबा होता है, जो जल्दी से नदी तक पहुंच जाता है और जल स्तर को बढ़ा देता है. नदियां बहुत ही कम समय में उफान मारने लगती हैं. उनका पानी किनारों को तोड़ कर गांवों और शहरों में प्रवेश करने लगता है. नदी के पानी को आसपास के क्षेत्रों में लाकर मुख्य धारा को नियंत्रित करना लगभग असंभव है.