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सीनियर लोगों को काम पर लगाने के लिए भाजपा में नहीं है कोई योजना, इसलिए पार्टी छोड़ी: नंदकुमार साय

कद्दावर आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी से करीब 43 साल पुराना नाता तोड़कर और कांग्रेस का दामन थामकर सियासी भूचाल ला दिया है. विधानसभा चुनाव 2023 से ऐन पहले इस बड़े डैमेज को कंट्रोल करना भाजपा के लिए भारी पड़ता दिख रहा है. जिस पार्टी कोे नंदकुमार साय कोसते थे, अब चुनावी वैतरणी पार करने के लिए उसी के कार्यकर्ताओं को गुरुमंत्र दे रहे हैं.

Nandkumar Sai gave reason
आदिवासी नेता नंदकुमार साय
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Published : May 2, 2023, 9:43 PM IST

आदिवासी नेता नंदकुमार साय

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश करने वाले कद्दावर आदिवासी नेता नंद कुमार साय मंगलवार को रायपुर में अपने निवास पर पहुंचे. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उनका बैंड बाजे और पटाखों के साथ नंदकुमार साय का जोरदार स्वागत किया. ईटीवी भारत ने नंदकुमार साय से उनके भाजपा छोड़ने के कारण, पार्टी की स्थिति और कांग्रेस में उनके एडजस्ट होने के लेकर खास बातचीत की.


सवाल- भाजपा छोड़कर आप कांग्रेस में क्यों आ गए?
जवाब- ऐसा क्यों हुआ, यह नहीं होना चाहिए था. मैंने अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है. धीरे धीरे मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरी आवश्यकता कहां रह गई है. बड़ी बड़ी बैठकें होती थी, वहां नहीं बुलाया जाता है. मैंने सुझाव दिया था कि वरिष्ठ नेताओं को एकत्रित करो और उनसे राय मशवरा करके उनकी जिम्मेदारी भी लगवाओ. लेकिन मेरी कोई बात सुनी नही गई. छत्तीसगढ़ में पांच छह महीने रह गए हैं चुनाव होने में, किसी ने भी मेरी बातों पर विचार नहीं किया. तब मुझे यह निर्णय लेना पड़ा.



सवाल- जिस पार्टी के खिलाफ आप हमेशा बोलते रहे हैं, अब उसी विचारधारा पर चलने वाले हैं, ऐसी जगह पर एडजस्ट कर पाएंगे?
जवाब- अलग-अलग समय में पार्टी अपनी भूमिका बनाती रही है. उस समय मैं अटल बिहारी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ काम करता था तो वही हमारी पार्टी थी. अब उस रूप में भारतीय जनता पार्टी नहीं रही और उसे ही ठीक करना है. कांग्रेस पार्टी का मुझे ज्यादा अनुभव नहीं है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी राम वनगमन पथ बना रही है. चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर का लोकार्पण और गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर और गोमूत्र की खरीदी कर रही है. अगर इसे ठीक तरह से जमीन पर लाया जाए तो और अच्छा हो सकता है.



सवाल- धर्मांतरण को लेकर आप मुखर रहे हैं. कुछ दिन पहले आपने डीलिस्टिंग जैसे आंदोलन में भी भाग लिया था. अब ऐसे मुद्दों को लेकर आप क्या करेंगे?
जवाब- धर्मांतरण पर कोई समझौता नहीं होगा. यह किसी दल का मामला नहीं है. यह प्रदेश का मामला है, समाज का मामला था. हमारे दृष्टिकोण में कोई अंतर नहीं आया है. ऐसे आदिवासी जिन्होंने अपनी परंपरा छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लिया है, उनका डीलिस्ट होना जरूरी है.

सवाल- आपके भाजपा छोड़ने का मुख्य कारण क्या माना जाए?
जवाब- पार्टी में मेरी उपयोगिता ही समाप्त हो गई है, ऐसे मैं अनुभव करने लगा था. कोई पद में रहे यह जरूरी नहीं है, लेकिन सीनियर लोगों को काम में लगाने की दृष्टि से कोई ना कोई योजना तो होनी चाहिए. ऐसी योजना भाजपा में दिखाई नहीं दे रही थी. जो काम करने वाला व्यक्ति है उसे बिना काम के छोड़ देंगे तो वो बेहोश हो जाएगा. कोई कहीं पूछ परख नहीं थी, इसलिए पार्टी छोड़ी.


सवाल- कांग्रेस पार्टी में कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी का आश्वासन आपको दिया गया है ?
जवाब- ऐसी कोई बात नहीं हुई है. अभी कांग्रेस ज्वाइन किए एक दिन हुआ है. क्या होगा, नहीं होगा, यह उनका विषय है.

यह भी पढ़ें- Nand Kumar Sai: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के घर आ'नंद' भयो की फुल स्टोरी जानिए !


सवाल- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने का आपका क्या संकल्प होगा?
जवाब- जो पार्टी के कार्यकर्ता मिल रहे है उन्हें मैंने कहा है कि "आम जनता से जुड़कर, उनकी समस्या को लेकर जूझना शुरू करो. सरकार है तो क्या हुआ, अगर जनता से संपर्क में नहीं रहोगे तो दिक्कत होगी. कई बार सरकार रहने के कारण भी गड़बड़ होती है. इसलिए इसे ठीक किया जाए. हमारी कोशिश रहेगी कि इसी दृष्टिकोण से काम किया जाए.


सवाल- भाजपा में ऐसा कोई नेता जिनसे आपकी नाराजगी हो?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं है. संगठन में जो लोग हैं, मैं उनकी बात कर रहा हूं.

आदिवासी नेता नंदकुमार साय

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश करने वाले कद्दावर आदिवासी नेता नंद कुमार साय मंगलवार को रायपुर में अपने निवास पर पहुंचे. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उनका बैंड बाजे और पटाखों के साथ नंदकुमार साय का जोरदार स्वागत किया. ईटीवी भारत ने नंदकुमार साय से उनके भाजपा छोड़ने के कारण, पार्टी की स्थिति और कांग्रेस में उनके एडजस्ट होने के लेकर खास बातचीत की.


सवाल- भाजपा छोड़कर आप कांग्रेस में क्यों आ गए?
जवाब- ऐसा क्यों हुआ, यह नहीं होना चाहिए था. मैंने अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है. धीरे धीरे मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरी आवश्यकता कहां रह गई है. बड़ी बड़ी बैठकें होती थी, वहां नहीं बुलाया जाता है. मैंने सुझाव दिया था कि वरिष्ठ नेताओं को एकत्रित करो और उनसे राय मशवरा करके उनकी जिम्मेदारी भी लगवाओ. लेकिन मेरी कोई बात सुनी नही गई. छत्तीसगढ़ में पांच छह महीने रह गए हैं चुनाव होने में, किसी ने भी मेरी बातों पर विचार नहीं किया. तब मुझे यह निर्णय लेना पड़ा.



सवाल- जिस पार्टी के खिलाफ आप हमेशा बोलते रहे हैं, अब उसी विचारधारा पर चलने वाले हैं, ऐसी जगह पर एडजस्ट कर पाएंगे?
जवाब- अलग-अलग समय में पार्टी अपनी भूमिका बनाती रही है. उस समय मैं अटल बिहारी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ काम करता था तो वही हमारी पार्टी थी. अब उस रूप में भारतीय जनता पार्टी नहीं रही और उसे ही ठीक करना है. कांग्रेस पार्टी का मुझे ज्यादा अनुभव नहीं है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी राम वनगमन पथ बना रही है. चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर का लोकार्पण और गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर और गोमूत्र की खरीदी कर रही है. अगर इसे ठीक तरह से जमीन पर लाया जाए तो और अच्छा हो सकता है.



सवाल- धर्मांतरण को लेकर आप मुखर रहे हैं. कुछ दिन पहले आपने डीलिस्टिंग जैसे आंदोलन में भी भाग लिया था. अब ऐसे मुद्दों को लेकर आप क्या करेंगे?
जवाब- धर्मांतरण पर कोई समझौता नहीं होगा. यह किसी दल का मामला नहीं है. यह प्रदेश का मामला है, समाज का मामला था. हमारे दृष्टिकोण में कोई अंतर नहीं आया है. ऐसे आदिवासी जिन्होंने अपनी परंपरा छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लिया है, उनका डीलिस्ट होना जरूरी है.

सवाल- आपके भाजपा छोड़ने का मुख्य कारण क्या माना जाए?
जवाब- पार्टी में मेरी उपयोगिता ही समाप्त हो गई है, ऐसे मैं अनुभव करने लगा था. कोई पद में रहे यह जरूरी नहीं है, लेकिन सीनियर लोगों को काम में लगाने की दृष्टि से कोई ना कोई योजना तो होनी चाहिए. ऐसी योजना भाजपा में दिखाई नहीं दे रही थी. जो काम करने वाला व्यक्ति है उसे बिना काम के छोड़ देंगे तो वो बेहोश हो जाएगा. कोई कहीं पूछ परख नहीं थी, इसलिए पार्टी छोड़ी.


सवाल- कांग्रेस पार्टी में कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी का आश्वासन आपको दिया गया है ?
जवाब- ऐसी कोई बात नहीं हुई है. अभी कांग्रेस ज्वाइन किए एक दिन हुआ है. क्या होगा, नहीं होगा, यह उनका विषय है.

यह भी पढ़ें- Nand Kumar Sai: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के घर आ'नंद' भयो की फुल स्टोरी जानिए !


सवाल- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने का आपका क्या संकल्प होगा?
जवाब- जो पार्टी के कार्यकर्ता मिल रहे है उन्हें मैंने कहा है कि "आम जनता से जुड़कर, उनकी समस्या को लेकर जूझना शुरू करो. सरकार है तो क्या हुआ, अगर जनता से संपर्क में नहीं रहोगे तो दिक्कत होगी. कई बार सरकार रहने के कारण भी गड़बड़ होती है. इसलिए इसे ठीक किया जाए. हमारी कोशिश रहेगी कि इसी दृष्टिकोण से काम किया जाए.


सवाल- भाजपा में ऐसा कोई नेता जिनसे आपकी नाराजगी हो?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं है. संगठन में जो लोग हैं, मैं उनकी बात कर रहा हूं.

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