बलौदाबाजार: मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन के निधन पर दुख जताया है. बलौदाबाजार में कृषक सह सम्मेलन में खड़गे ने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं. सीनियर एग्रीकल्चर में रिसर्च कर ग्रीन रिवॉल्यूशन लाने वाले स्वामीनाथन ने इंदिरा गांधी के साथ बहुत काम किया.
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आज मैं दुखी हूं, क्योंकि भारत में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन जी का निधन हो गया है।
— Congress (@INCIndia) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
स्वामीनाथन जी का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। वह राज्यसभा के सांसद भी रहे।
कृषि और किसानों के प्रति स्वामीनाथन जी ने बहुत योगदान दिया है। हम उन्हें भावभीनी… pic.twitter.com/iyiszAr2zG
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— Congress (@INCIndia) September 28, 2023
स्वामीनाथन जी का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। वह राज्यसभा के सांसद भी रहे।
कृषि और किसानों के प्रति स्वामीनाथन जी ने बहुत योगदान दिया है। हम उन्हें भावभीनी… pic.twitter.com/iyiszAr2zGआज मैं दुखी हूं, क्योंकि भारत में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन जी का निधन हो गया है।
— Congress (@INCIndia) September 28, 2023
स्वामीनाथन जी का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। वह राज्यसभा के सांसद भी रहे।
कृषि और किसानों के प्रति स्वामीनाथन जी ने बहुत योगदान दिया है। हम उन्हें भावभीनी… pic.twitter.com/iyiszAr2zG
स्वामीनाथन के निधन पर खड़गे ने दुख जताया: खड़गे ने कहा कि मैं जब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का मेंबर था, उस वक्त मेरी उम्र 26 थी. मुझे एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का मेंबर बनाया गया. मुझे पूरे भारत में रिसर्च सेंटर को विजिट करने का सौभाग्य मिला था. स्वामीनाथन उस वक्त हमारे हैड थे. उन्होंने बहुत अच्छा काम किया. उनका हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उनका नाम हुआ. इसलिए मैं उनको याद करता हूं.Kharge sad on demise of Swaminathan
फॉदर ऑफ ग्रीन रिवाल्यूशन ऑफ इंडिया: खड़गे ने कहा कि वह फॉदर ऑफ ग्रीन रिवाल्यूशन ऑफ इंडिया हैं. उनकी तारीफ इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने किया. वह राज्यसभा सदस्य भी रहे. वह बहुत अच्छे व्यक्ति और देश के किसानों के लिए उन्होंने बहुत योगदान दिया. खड़गे ने बलौदाबाजार की सभा में सभी से दो मिनट मौन धारण कर स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि भी दी.
हरित क्रांति के जनक माने जाते हैं एमएस स्वामीनाथन: कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के लिए जाना जाता है. उनकी हरित क्रांति के चलते देश अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना. हरित क्रांति के कारण ही देश में कृषि के क्षेत्र में उन्नति हुई.