सवाल: नेशनल यूथ पार्लियामेंट 2023 में आपका तीसरा स्थान हासिल हुआ है, आप कैसा महसूस कर रही हैं?
जवाब: मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. अपने लिए नहीं अपनों के लिए. हमारा बहुत बड़ा परिवार है, सभी बेहद खुश हैं.
सवाल:सोशल मीडिया में आपके वीडियो को बहुत पसंद किया जा रहा है, क्या कहेंगी?
जवाब: मुझे खुद के लिए सेटिस्फेक्शन है, कुछ करने निकले थे, उसे अचीव कर लिया. बाकी जो दूसरे वीडियो देख रहे हैं, उससे लोगों को सीखने का मौका मिल रहा है. मुझे बहुत खुशी है.
सवाल: आपने दूसरी बार यूथ पार्लियामेंट में भाग लिया है. पहला अनुभव कैसा रहा?
जवाब: पिछले साल नेशनल यूथ पार्लियामेंट में जाने का मौका मिला था. छत्तीसगढ़ में मेरा पहला रैंक था लेकिन नेशनल लेवल पर मुझे रैंक नहीं मिला. हालांकि इस बार फिर से कोशिश की, मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे तीसरा स्थान मिला है.
सवाल: आपका एकेडमिक बैकग्राउंड क्या रहा है?
जवाब: मैंने अपनी स्कूलिंग रायपुर दिल्ली पब्लिक स्कूल से की है. रायपुर के शासकीय डिग्री गर्ल्स कॉलेज से बीए की पढ़ाई की. उसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली से मैंने मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है.
सवाल: आगे भविष्य में आप क्या करने वाली हैं?
जवाब: वेदान्ता कम्पनी में कॉरपोरेट कम्युनिकेशन में मेरा प्लेसमेंट हुआ है. उसके अलावा मेरी कोशिश रहती है कि ऐसा कुछ करते रहें, जिससे सोसाइटी को फायदा पहुंचे.
सवाल: यूथ पार्लियामेंट में जाने की क्या प्रोसेस है?
जवाब: नेहरू युवा केंद्र डिस्ट्रिक्ट ऑफिस से जानकरी मिलती है. मैं डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर के संपर्क में रहती थी. इस संबंध में जानकारी यूथ कोऑर्डिनेटर से मिलती है. सबसे पहले नोटिफिकेशन जारी होता है. उसके बाद अप्लाई करना होता है. पहले चरण में डिस्ट्रिक्ट लेवल कॉम्पिटिशन होता है. वहां सलेक्ट होने के बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता होती है. वहां प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान आने पर नेशनल लेवल कॉम्पिटिशन में जाने का मौका मिलता है. स्टेट लेवल कंपटीशन में जिनका पहला स्थान आता है, उन्हें ही नेशनल लेवल कॉम्पिटिशन में बोलने का मौका मिलता है. नेशनल यूथ पार्लियामेंट में केवल 29 लोगों को बोलने का मौका दिया जाता है.
सवाल: अपना भाषण शुरू करने से पहले आपने कुछ पंक्तियां कही थी. वह पंक्तिया किसने लिखी है? भाषण लिखने में आपको कितना समय लगा?
जवाब: "जब जब दहला विश्व हमारा और जब जब बेमकसद खून बहा, चीन, रूस, जापान सभी ने भारत को एक दूत कहा भारत को एक दूत कहा"
यह मेरी फ्रेंड बरखा की लिखी है. इन्हीं पंक्तियों से मैंने भाषण की शुरुआत की. भाषण लिखने में बहुत लोगों की मदद रही है. अलग-अलग लोगों की सोच को अपने स्पीच में डालने की मैंने कोशिश की. उसके साथ ही मैंने खुद सर्च करके स्पीच खुद लिखी है. आइडिया सभी से लें लेकिन स्ट्रक्चर आपके दिमाग में होना चाहिए. आखिर में एक पॉजिटिव मैसेज जाना चाहिए.
सवाल: आपने बताया कि आप समाज की मदद करना चाहते हैं. आप किस तरह की मदद करेंगी?
जवाब: मेरी रूचि कम्युनिकेशन स्किल की तरफ है. आजकल बहुत सुनने में आता है, जो साइंस एंड टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड से होते हैं, उनकी कम्युनिकेशन अच्छी नहीं हो पाती. क्योंकि उनका ज्यादा वक्त पढ़ाई में जाता है. लेकिन जब आप फील्ड में जॉब करने निकलते हैं. जवाब बोलते हैं तो उसे बहुत फर्क पड़ता है. आपको आखिरी में जाकर आपकी कंपनी से ही इंटरेक्शन करना पड़ता है. इस फील्ड में मैं लोगों की मदद करना चाहती हूं और इसके जरिए में बच्चों की भी कम्युनिकेशन स्किल डेवलप करने में मदद करना चाहती हूं.
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सवाल: घर में आपके मम्मी पापा कितने खुश हैं?
जवाब: अब तक वीडियो पर 13 लाख व्यू आ चुके हैं. 1 लाख व्यू मेरे पाप के ही होंगे. मेरे पिता बहुत खुश हैं. वह दिन भर भाषण का वीडियो देखते रहते हैं और उन्हें बहुत फक्र महसूस होता है और यही हमारी जीत है.
सवाल: युवाओं को अब क्या संदेश देना चाहेंगी?
जवाब: मैंने कुछ पंक्तियां सुनी थी "आज से यह ठान ले, ये बात गांठ बांध लें कि कर्म के कुरुक्षेत्र में ना रूप काम आता है ना झूठ काम आता है, ना जाति काम आती है ना पिता का नाम काम आता है. सिर्फ ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है." यही संदेश मेरा युवाओं से है, आप अपने नॉलेज पर काम करें.