नई दिल्ली: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को वैश्विक बौद्ध सम्मेलन में हिस्सा लिया और यहां दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए जमा हुए बौद्ध भिक्षुओं एवं अन्य गणमान्य लोगों को संबोधित किया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. दलाई लामा ने करीब आधे घंटे के अपने संबोधन में बौद्ध दर्शन एवं मूल्यों पर जोर दिया. अपने तरह का यह पहला सम्मेलन बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन सत्र को संबोधित किए जाने के साथ शुरू हुआ था.
मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि दुनिया युद्ध, आर्थिक अस्थिरता, आतंकवाद, धार्मिक अतिवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है और भगवान बुद्ध के विचार इन समस्याओं का समाधान पेश करते हैं. सम्मेलन को अकादमिक और संघ सत्र में विभाजित किया गया है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि मीडियाकर्मियों को सिर्फ उद्घाटन सत्र के लिए अनुमति थी, शेष सत्र प्रेस के लिए खुले नहीं हैं.
सूत्र ने हालांकि इस बात की पुष्टि की कि दलाई लामा ने शुक्रवार को सुबह सम्मेलन में हिस्सा लिया और बौद्ध भिक्षुओं एवं अन्य गणमान्य लोगों को संबोधित किया. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'अपने करीब आधा घंटे के संबोधन में तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने करुणा, ज्ञान और ध्यान पर बात की.' उन्होंने कहा कि ये तीन मूल्य भगवान बुद्ध की शिक्षाओं एवं उनके दर्शन के अभिन्न अंग हैं. सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में आयोजकों ने कहा कि दलाई लामा को निमंत्रण भेजा गया था लेकिन तब तक यह पुष्टि नहीं हुई थी कि वह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं.
धर्मशाला स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन या सीटीए (निर्वासन में सरकार) में एक आधिकारिक सूत्र ने शुक्रवार को सुबह इस बात की पुष्टि की और पीटीआई-भाषा को बताया कि 'दलाई लामा कार्यक्रम में शामिल होंगे.' केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) 20 से 21 अप्रैल तक अशोक होटल में सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
पीटीआई-भाषा