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हालत सामान्य होने तक कोल इंडिया नहीं करेगी कोई भी ई-नीलामी - कोयले की ई नीलामी

पत्र में कहा गया है कि गैर ऊर्जा क्षेत्र की इकाइयों को कोयले की आपूर्ति अगली सूचना तक स्थगित की जाती है. कोल इंडिया लिमिटेड ने भी कहा है कि उसने ऊर्जा क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के लिए कोयले की ऑनलाइन नीलामी अस्थायी रूप से रोक दी है.

कोयला संकट
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Published : Oct 15, 2021, 1:58 PM IST

नई दिल्ली: देश में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. इसी सिलसिले में कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने हालात सामान्य होने तक अपनी सहायक कंपनियों को कोयले की ई-नीलामी करने से मना किया है. सीआईएल की सहयोगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा हाल में लिखे गए एक पत्र में यह खुलासा किया गया है.

पत्र में कहा गया है कि गैर ऊर्जा क्षेत्र की इकाइयों को कोयले की आपूर्ति अगली सूचना तक स्थगित की जाती है. कोल इंडिया लिमिटेड ने भी कहा है कि उसने ऊर्जा क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के लिए कोयले की ऑनलाइन नीलामी अस्थायी रूप से रोक दी है. बता दें. बिजली के संकट को दूर करने के लिए कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है. हालात को देखते हुए कोयला कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे विशेष परिस्थितियों के अलावा कोयले की ई-नीलामी करने से बचें.

पत्र में आगे कहा गया कि कंपनी कोयले का उत्पादन भी बढ़ा रही है. पिछले चार दिनों से सीआईएल से बिजली कंपनियों को प्रतिदिन 16.1 लाख टन कोयले की आपूर्ति हो रही है. एक बार स्थिति सुधरने के बाद दूसरे क्षेत्रों को नियमित कोयला मिलने लगेगा. इस मामले पर कोल इंडिया ने बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्र हित में, बिजली संयंत्रों में कम कोयला स्टॉक की स्थिति से निपटने और उन्हें आपूर्ति बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है. कोल इंडिया ने कहा कि यह केवल एक अस्थाई प्राथमिकता है. इसका मतलब ई-नीलामी को रोकना नहीं है.

पढ़ें: बिजली की मांग बढ़ने से भारत में कोयला संकट, कुछ दिनों का स्टॉक शेष

कंपनी ने आगे कहा कि गैर ऊर्जा क्षेत्र में वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में करीब 62 लाख टन कोयले की मांग थी जो पिछले वर्ष की समान अवधि से करीब 10 प्रतिशत अधिक है. बिजली कंपनियों का बुधवार को 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गई थी. इसमें कोल इंडिया लिमिटेड की सर्वाधिक हिस्सेदारी थी. भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है.

पीटीआई

नई दिल्ली: देश में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. इसी सिलसिले में कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने हालात सामान्य होने तक अपनी सहायक कंपनियों को कोयले की ई-नीलामी करने से मना किया है. सीआईएल की सहयोगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा हाल में लिखे गए एक पत्र में यह खुलासा किया गया है.

पत्र में कहा गया है कि गैर ऊर्जा क्षेत्र की इकाइयों को कोयले की आपूर्ति अगली सूचना तक स्थगित की जाती है. कोल इंडिया लिमिटेड ने भी कहा है कि उसने ऊर्जा क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के लिए कोयले की ऑनलाइन नीलामी अस्थायी रूप से रोक दी है. बता दें. बिजली के संकट को दूर करने के लिए कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है. हालात को देखते हुए कोयला कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे विशेष परिस्थितियों के अलावा कोयले की ई-नीलामी करने से बचें.

पत्र में आगे कहा गया कि कंपनी कोयले का उत्पादन भी बढ़ा रही है. पिछले चार दिनों से सीआईएल से बिजली कंपनियों को प्रतिदिन 16.1 लाख टन कोयले की आपूर्ति हो रही है. एक बार स्थिति सुधरने के बाद दूसरे क्षेत्रों को नियमित कोयला मिलने लगेगा. इस मामले पर कोल इंडिया ने बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्र हित में, बिजली संयंत्रों में कम कोयला स्टॉक की स्थिति से निपटने और उन्हें आपूर्ति बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है. कोल इंडिया ने कहा कि यह केवल एक अस्थाई प्राथमिकता है. इसका मतलब ई-नीलामी को रोकना नहीं है.

पढ़ें: बिजली की मांग बढ़ने से भारत में कोयला संकट, कुछ दिनों का स्टॉक शेष

कंपनी ने आगे कहा कि गैर ऊर्जा क्षेत्र में वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में करीब 62 लाख टन कोयले की मांग थी जो पिछले वर्ष की समान अवधि से करीब 10 प्रतिशत अधिक है. बिजली कंपनियों का बुधवार को 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गई थी. इसमें कोल इंडिया लिमिटेड की सर्वाधिक हिस्सेदारी थी. भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है.

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